महाराष्ट्र की लाडकी बहिन योजना के करोड़ों रुपये हजारों पुरुष और सरकारी कर्मचारी खा गए
कई लाभार्थी एक से अधिक योजनाओं का लाभ ले रहे थे, परिवारों में दो से ज्यादा महिलाएं पंजीकृत थीं और पुरुषों ने भी आवेदन किया हुआ था. आईटी विभाग ने 26.3 लाख अयोग्य लाभार्थियों की रिपोर्ट दी थी.

महाराष्ट्र सरकार की लाडकी बहिन योजना में बड़ी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. सरकार ने माना है कि लगभग 35 करोड़ रुपये अयोग्य लाभार्थियों को बांट दिए गए. इनमें 1,500 से ज्यादा सरकारी कर्मचारी भी शामिल हैं जिन्हें योजना के तहत 14 करोड़ रुपये से ज्यादा दिए जा चुके हैं. इतना ही नहीं, 14 हजार से ज्यादा पुरुषों तक को लाभ दिया जा चुका है, जबकि योजना महिलाओं के लिए है.
महाराष्ट्र की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे ने विधान परिषद में इस बात की जानकारी दी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार एमएलसी सतेज पाटिल, अशोक जगताप, प्रवीण दरेकर और निरंजन दावखरे के सवालों के लिखित जवाब में बताया मंत्री ने कि इस योजना के तहत 1,526 ऐसे सरकारी कर्मचारी हैं, जिन्होंने 14.5 करोड़ रुपये का लाभ लिया है.
इतना ही नहीं, 14,298 पुरुषों ने भी अनुचित रूप से इस योजना का लाभ उठाया है. सरकार महाराष्ट्र सिविल सेवा नियमों के तहत इन सरकारी कर्मचारियों और पुरुषों से राशि वसूल करेगी. विभाग को कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं. लेकिन स्वेच्छा से बाहर हुए या अन्य कारणों से हटाए गए लाभार्थियों से जबरन वसूली नहीं होगी, जैसा कि कैबिनेट बैठक में तय हुआ.
जुलाई में शुरू हुई जांचइस योजना की जांच जुलाई में शुरू हुई, जब विभाग ने सभी सरकारी विभागों से जानकारी मांगी. पता चला कि कई लाभार्थी एक से अधिक योजनाओं का लाभ ले रहे थे, परिवारों में दो से ज्यादा महिलाएं पंजीकृत थीं और पुरुषों ने भी आवेदन किया हुआ था. आईटी विभाग ने 26.3 लाख अयोग्य लाभार्थियों की रिपोर्ट दी. जून से इनके लाभ निलंबित कर दिए गए थे. जबकि कुल 2.2 करोड़ पात्र आवेदकों को जून का भुगतान किया गया.
बता दें कि ये योजना 2024 विधानसभा चुनावों में महायुति की भारी जीत का बड़ा कारण बनी थी. दिसंबर 2024 में सत्ता संभालने के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने जांच के आदेश दिए. फरवरी 2025 तक पांच लाख अयोग्य लाभार्थियों को बाहर किया गया, जिनमें 65 वर्ष से अधिक उम्र की महिलाएं और संजय गांधी निराधार योजना (जिसमें भी 1,500 रुपये मासिक मिलते हैं) के लाभार्थी शामिल थे.
आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिएइस योजना के लाभ के लिए परिवार की सालाना आय 2.5 लाख रुपये से कम होनी चाहिए. उम्र 21 से 65 वर्ष के बीच. शादीशुदा/तलाकशुदा/विधवा/परित्यक्त/गरीब महिलाएं या परिवार में एक अविवाहित महिला हो. और राज्य का मूल निवासी होना जरूरी है.
सरकार का ये कदम योजना की पारदर्शिता सुनिश्चित करने का प्रयास है. विपक्ष ने पहले योजना पर सवाल उठाए थे, लेकिन अब वसूली प्रक्रिया से पारदर्शिता बढ़ेगी. विभाग ने सभी जिलों में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए हैं, ताकि भविष्य में ऐसी गड़बड़ियां न हों.
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