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कभी रेप, कभी छात्रा की ड्रेस फाड़ी, वीडियो तक बनाए...कोलकाता रेप के आरोपी की हिस्ट्री खुल गई

Kolkata Rape Case: . मोनोजीत के खिलाफ हत्या का प्रयास, यौन उत्पीड़न और जबरन वसूली सहित कम से कम पांच मामले पहले से दर्ज हैं.

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Kolkata law college rape case Prime accused a serial offender his crimes went unchecked
कॉलेज के एक सूत्र ने आरोप लगाया कि मोनोजीत मिश्रा और उसका गैंग लड़कियों की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें अपने दोस्तों के बीच वायरल करते थे. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
30 जून 2025 (Updated: 1 जुलाई 2025, 11:19 AM IST) कॉमेंट्स
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साउथ कोलकाता लॉ कॉलेज में 25 जून 2025 को 24 साल की छात्रा के साथ रेप किया गया (Kolkata law college rape cas). मामले के मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा से जुड़ी अब कई अहम जानकारियां सामने आ रही हैं. मोनोजीत के खिलाफ हत्या का प्रयास, यौन उत्पीड़न और जबरन वसूली सहित कम से कम पांच मामले पहले से दर्ज हैं. यही नहीं, कॉलेज के एक छात्र पर चाकू से हमले करने के बाद मोनोजीत तीन साल तक लापता रहा. लेकिन उस पर कोई कड़ी कार्रवाई नहीं की गई.

आपराधिक पृष्ठभूमि

मोनोजीत मिश्रा की आपराधिक पृष्ठभूमि सामने आई है. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार मई में उसने कथित तौर पर एक छात्रा को बहकाया, उसे नशीला पदार्थ पिलाकर सामूहिक बलात्कार किया. इसके साथ ही, उसने यौन शोषण का वीडियो भी बना लिया. और छात्रा को धमकी दी कि अगर उसने मुंह खोला तो उसके बॉयफ्रेंड को गिरफ्तार करवा दिया जाएगा. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक उसके खिलाफ पुलिस में कई शिकायतें दर्ज हैं. ये इस प्रकार है:

  • मोनोजीत पर जुलाई 2019 में साउथ कलकत्ता लॉ कॉलेज में एक छात्रा की ड्रेस फाड़ने का आरोप था. 
  • मार्च 2022 में स्विन्हो लेन में एक महिला से छेड़छाड़ करने के आरोप में भी एक शिकायत दर्ज है.
  • दिसंबर 2019 की एक शिकायत में आरोप है कि मोनोजीत ने एक दोस्त के घर से म्यूजिक सिस्टम, परफ्यूम, चश्मा चुराया था. 

कॉलेज के एक सूत्र ने आरोप लगाया कि मोनोजीत मिश्रा और उसका गैंग लड़कियों की तस्वीरों के साथ छेड़छाड़ कर उन्हें अपने दोस्तों के बीच वायरल करते थे. जानकारी के मुताबिक उसकी वीडियो रिकॉर्ड करने की भी आदत थी. एक पुलिस अधिकारी ने ये भी बताया कि मोनोजीत और उसके साथी महिलाओं की तस्वीरें खींचते थे और उन्हें ग्रुप में पोस्ट कर देते थे. वो उनका अपमान करते थे और उन्हें बदनाम करते थे.

इंडियन एक्सप्रेस ने एक अधिकारी के हवाले से बताया कि मोनोजीत के अपराधों का सिलसिला 2013 में शुरू हुआ. इस साल उसी लॉ कॉलेज में पढ़ाई के एक साल बाद ही उसने कथित तौर पर एक साथी छात्र की छाती में चाकू घोंप दिया था. इस हमले के बाद एफआईआर भी दर्ज कराई गई, लेकिन मोनोजीत तीन साल तक लापता रहा और उसे कभी गिरफ्तार नहीं किया गया.

हालांकि, कोलकाता के एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने इस बात से इनकार किया कि आरोपी मोनोजीत को कभी गिरफ्तार नहीं किया गया था. उन्होंने कहा कि उसे आखिरी बार इस साल मार्च या अप्रैल में कस्बा पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया था. लेकिन बाद में वो जमानत पर बाहर चला गया था.

साल 2017 में वो फिर से कॉलेज कैम्पस में दिखाई दिया. इस बार उस पर तोड़फोड़ के आरोप लगे. रिपोर्ट में बताया गया कि इस मामले में पुलिस भी हुई, लेकिन इसके बावजूद वो खुलेआम घूमता रहा. उसके कॉलेज के एक सहपाठी ने जानकारी दी कि मोनोजीत आदतन अपराधी था. 2018 में कालीघाट पुलिस स्टेशन में उसके खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया गया. इसके बाद उसका सभी से संपर्क टूट गया. कॉलेज के छात्र ने बताया,

"2013 से 2015 तक वो कहीं नजर नहीं आया. 2017 में वापस आकर फिर से छात्र संघ में शामिल हो गया. वो छात्र संघ में भी शामिल होना चाहता था, लेकिन हम सभी ने शुरू में इसका विरोध किया था क्योंकि उसके खिलाफ आपराधिक मामले दर्ज थे. उसके खिलाफ पहले भी जबरन वसूली, छेड़छाड़ और गलत तरीके से बंधक बनाने के आरोप में मामले दर्ज किए जा चुके हैं.”

इन सब के अलावा अप्रैल 2017 में उसके ऊपर एक आदमी पर हमला करने के आरोप में भी शिकायत कराई गई. रिपोर्ट के मुताबिक मई 2024 के एक मामले में उस पर कॉलेज के गार्ड की पिटाई करने और कॉलेज की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का भी आरोप है. रिपोर्ट के मुताबिक कॉलेज से ग्रेजुएशन पूरा होने के चार साल बाद भी मोनोजीत ने कॉलेज में अपनी पकड़ बनाए रखी. उसने कॉलेज की जनरल बॉडी की सिफारिश पर अस्थायी कर्मचारी के रूप में एक पद प्राप्त कर लिया. इसकी अध्यक्षता तृणमूल कांग्रेस के एक विधायक करते थे. इतना ही नहीं, उसने पार्टी की छात्र शाखा के लिए रिक्रूटर के रूप में भी काम किया.

मोनोजीत के दोस्त उसे "मैंगो" कहते थे!

कॉलेज के छात्रों का कहना है कि मोनोजीत के दोस्त उसे "मैंगो" कहते थे. उसका कैंपस में इतना दबदबा था कि टीचर्स और ऑफिस के कर्मचारी भी उससे डरते थे. रिपोर्ट के मुताबिक 2021 में कॉलेज की तृणमूल यूनिट से बाहर किए जाने के बावजूद उसने अपना प्रभाव बनाए रखा. इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार कॉलेज के एक अंदरूनी सूत्र ने बताया,

"वह यूनियन के ऑफिस में बहुत समय बिताते था."

बता दें कि कॉलेज प्रशासन भी आपराधिक आरोपों वाले व्यक्ति को नौकरी देने के लिए जांच के दायरे में है. कॉलेज के वाइस प्रिंसिपल ने कहा कि मोनीजीत को कॉलेज की आम सभा की सिफारिश पर एक अस्थायी कर्मचारी के रूप में नियुक्त किया गया था. इसका नेतृत्व तृणमूल विधायक अशोक देब करते हैं.

उधर, भारतीय जनता पार्टी ने राज्य सरकार और कोलकाता पुलिस पर आरोपी पर कार्रवाई न करने के आरोप लगाए हैं. साथ ही ये भी जानना चाहा है कि ऐसे रिकॉर्ड वाले किसी व्यक्ति के खिलाफ कभी कार्रवाई क्यों नहीं की गई. इस मामले में मुख्य आरोपी मोनोजीत मिश्रा सहित दो अन्य छात्रों, जैब अहमद और प्रमित मुखर्जी को गिरफ्तार किया गया है. पुलिस ने कॉलेज के एक सिक्योरिटी गार्ड पिनाकी बनर्जी को भी गिरफ्तार किया है. पुलिस ने चारों आरोपियों को 1 जुलाई तक हिरासत में लिया है.

वीडियो: 'हर लड़की को प्रपोज…', कोलकाता गैंगरेप के मुख्य आरोपी मोनोजीत को लेकर बड़ा खुलासा

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