कांवड़ का साइज-डीजे की आवाज तय, नॉनवेज की दुकानें बंद, ढाबों पर QR स्टिकर... ऐसी है कांवड़ यात्रा की तैयारी
Kanwar Yatra Route: प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि यात्रा के दौरान सभी नॉन-वेज ढाबे बंद रखे जाएं. UP के DGP राजीव कृष्ण ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने की कोशिश की जा रही है.

उत्तर प्रदेश सरकार ने कांवड़ यात्रा की सख़्त निगरानी के लिए कोशिशें शुरू कर दी हैं. इस बीच, सूबे के पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने डीजे की आवाज पर सख्त प्रतिबंध लगाने की घोषणा की है. उन्होंने कहा कि कांवड़ियों के किसी भी डीजे की आवाज 75 डेसिबल से ज्यादा नहीं होगी. इसके अलावा, कांवड़ 10 फीट से ऊंची और 12 फीट से चौड़ी नहीं होनी चाहिए.
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के मुताबिक़, DGP राजीव कृष्ण ने आगे कहा,
बड़े डीजे शहर के बाईपास तक ही सीमित रहेंगे. शहरी इलाकों में इनको बजाने की अनुमति नहीं होगी.
इससे पहले, मेरठ में अधिकारियों ने डीजे वाले वाहनों की साइज को लेकर भी एडवाइजरी जारी की थी. यूपी पुलिस के डीजीपी की ब्रीफिंग के मुताबिक, उनकी अधिकतम ऊंचाई 12 फीट और चौड़ाई 14 फीट तक सीमित रखने के लिए कहा गया था. यात्रा के दौरान आपत्तिजनक, भड़काऊ या अश्लील गाने बजाने पर भी पूर्ण प्रतिबंध लगा दिया था.
दरअसल, देशभर में शुक्रवार, 11 जुलाई से सावन लगने के बाद कांवड़ यात्रा शुरू हो जाएगी. अलग-अलग वजहों से पहले हुए विवादों के चलते, इस बार अधिकारियों ने तैयारी तेज कर दी है. इसी सिलसिले में मंगलवार, 8 जुलाई को उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक (DGP) राजीव कृष्ण ने मेरठ में बैठक की. इस बैठक में पश्चिमी उत्तर प्रदेश और दिल्ली, हरियाणा, उत्तराखंड और राजस्थान समेत सीमावर्ती राज्यों के सीनियर अधिकारी भी शामिल हुए.
बैठक के बाद और क्या कहा गया?हिंदुस्तान टाइम्स की ख़बर के मुताबिक़, बैठक के बाद उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज सिंह ने कहा,
FSSAI की टीमें खाने की दुकानों का निरीक्षण करेंगी. पारदर्शिता के लिए सभी ढाबों और होटलों पर QR कोड प्रदर्शित किए जाएंगे. मार्ग पर सिर्फ़ शुद्ध शाकाहारी भोजन की अनुमति होगी.
प्रशासन ने आदेश जारी किया है कि यात्रा के दौरान सभी नॉन-वेज ढाबे बंद रखे जाएं. पिछले सालों में भी इसी प्रोटोकॉल का पालन किया गया था. वहीं, DGP राजीव कृष्ण ने कहा कि कांवड़ यात्रा के दौरान सुरक्षा व्यवस्था चाक-चौबंद रखने की कोशिश की जा रही है. उन्होंने आगे कहा,
हम हर तीर्थयात्री की आस्था और परंपरा का सम्मान करते हैं. लेकिन कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए शरारती तत्वों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
कांवड़ यात्रियों को भाला, त्रिशूल या किसी भी तरह का हथियार न ले जाने की सलाह भी दी गई है. धार्मिक भावनाओं के नाम पर कांवड़ मार्ग पर गलत तरीके से भोजनालयों पर जांच ना की जाए. इसके लिए भी कड़ी चेतावनी जारी की गई है. बैठक के बाद मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने कहा,
QR स्टिकर क्यों?किसी भी ग्रुप या व्यक्ति को किसी भी होटल या ढाबे में भोजन की जांच करने का अधिकार नहीं है. ये ज़िम्मेदारी पूरी तरह से खाद्य सुरक्षा विभाग की है.
इधर खाद्य सुरक्षा और औषधि प्रशासन (FSDA) ने कांवड़ यात्रा के रास्ते पर लगने वाली सभी खाने-पीने की दुकानों पर QR कोड स्टिकर चिपकाना शुरू कर दिया है. दरअसल, कांवड़ियों को QR स्टिकर कोड को स्कैन करने के लिए राज्य-ज़िले जैसी बुनियादी जानकारी देनी होगी.
इस QR कोड को स्कैन करने के बाद कांवड़ यात्री भोजनालय या ढाबों के बारे में डिटेल हासिल कर सकेंगे. यात्रियों को भोजनालय-ढाबों के लाइसेंस या रजिस्ट्रेशन नंबर, मालिक का नाम, जगह और मेनू डिटेल समेत अन्य महत्वपूर्ण जानकारियां तुरंत मिल जाएंगी. जिससे वो स्वच्छता और नॉन-वेज खाना-ना खाना तय कर लें.
बीते साल, उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के दौरान योगी सरकार ने दुकानों और ढाबा मालिकों को नेम प्लेट लगाने का आदेश दिया था. इस फ़ैसले पर काफी विवाद भी हुआ था. तब विपक्षी दलों ने इसे मुस्लिम विक्रेताओं की पहचान करके उन्हें निशाना बनाने की ‘घृणा की राजनीति’ कहा था.
वीडियो: कांवड़ियों से जुड़ा नया विवाद, स्कूल बस पर चले पत्थर पुलिस देखती रह गई