'टीचर करता था परेशान, इसलिए... ', 9 साल की बच्ची के स्कूल में जान देने के बाद क्या पता चला?
आरोप है कि बच्ची को क्लास टीचर द्वारा परेशान किया जा रहा था, जिससे आहत होकर उसने यह कदम उठाया. यह भी आरोप है कि घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने घटनास्थल से खून के धब्बे मिटा दिए.
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जयपुर (Jaipur) के एक प्राइवेट स्कूल में एक 9 साल की बच्ची ने अपनी जान दे दी. बच्ची कक्षा 6 की छात्रा थी. आरोप है कि बच्ची को क्लास टीचर द्वारा परेशान किया जा रहा था, जिससे आहत होकर उसने यह कदम उठाया. परिजनों ने संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का आरोप लगाते हुए स्कूल प्रशासन के खिलाफ FIR दर्ज कराई है. यह भी आरोप है कि घटना के बाद स्कूल प्रशासन ने घटनास्थल से खून के धब्बे मिटा दिए.
इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, यह घटना शनिवार, 1 नवंबर की है. पुलिस सूत्रों ने बताया कि शुरुआती जांच में यह मामला सुसाइड का मालूम पड़ता है. हालांकि, स्कूल प्रशासन ने अभी तक कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया है. घटना का एक CCTV वीडियो भी सामने आया है. जब पुलिस स्कूल पहुंची, तो उन्होंने पाया कि घटनास्थल को साफ कर दिया गया था और वहां खून के कोई धब्बे नहीं दिखाई दे रहे थे. पुलिस ने बताया कि फोरेंसिक टीम ने दीवारों और फर्श से खून के कुछ सैंपल इकट्ठे कर लिए हैं.
मामले के जुड़े एक पुलिस अधिकारी ने बताया,
नौ साल की बच्ची ने स्कूल में अपनी जान दे दी. घटना का CCTV फुटेज इस मामले में सबसे अहम सबूत साबित हुआ. हालांकि, स्कूल प्रशासन ने घटनास्थल को पानी से धोकर सबूत मिटा दिए, लेकिन CCTV फुटेज ने सच्चाई उजागर कर दी.
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परिवार ने लगाए गंभीर आरोपजयपुर के मानसरोवर इलाके में रहने वाले पीड़िता के माता-पिता इस घटना के बाद सदमे में हैं. उन्होंने सवाल उठाया है कि स्कूल कैंपस में ऐसी घटना कैसे हो सकती है. बच्ची अपने माता-पिता की इकलौती संतान थी. उसकी मां बैंकिंग सेक्टर में काम करती हैं, जबकि पिता एक प्राइवेट कंपनी में काम करते हैं.
इस बीच, राजस्थान संयुक्त अभिभावक संघ (Joint Parents’ Association) ने आरोप लगाया है कि बच्ची को क्लास टीचर द्वारा परेशान किया जा रहा था, जिससे आहत होकर उसने यह कदम उठाया. संघ ने स्कूल प्रशासन पर सबूत मिटाने का भी आरोप लगाया और मामले की निष्पक्ष जांच और सख्त कार्रवाई की मांग की.
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