कांग्रेस के नए दफ्तर का हुआ उद्घाटन, नाम रखा गया इंदिरा भवन, बाहर मनमोहन सिंह का पोस्टर लग गया
दिल्ली में कांग्रेस के नए दफ्तर का उद्घाटन हो गया है. लेकिन इसके नाम को लेकर एक विवाद भी छिड़ गया. मांग होने लगी कि इसका नाम पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के नाम पर रखा जाए. फिर मनमोहन सिंह को लेकर एक घोषणा की गई.

कांग्रेस का दिल्ली में नया मुख्यालय बना है. पता है - 9A कोटला रोड. मंगलवार, 14 जनवरी को सोनिया गांधी ने इस दफ्तर का उद्घाटन किया. नए दफ्तर का नाम 'इंदिरा भवन' रखा गया है. लेकिन इसके कुछ देर बाद ही कांग्रेस मुख्यालय का नया नाम 'सरदार मनमोहन सिंह भवन' किए जाने की मांग को लेकर पोस्टर लग गए. विवाद बढ़ा तो इसे लेकर कांग्रेस नेताओं की सफाई भी सामने आई.
महाराष्ट्र कांग्रेस के नेता नाना पटोले ने कहा कि मनमोहन सिंह ने देश को आगे ले जाने के लिए काम किया. कांग्रेस दफ्तर में उनके नाम पर बड़ी लाइब्रेरी का नाम रखा गया है. पंजाब कांग्रेस के नेता अमरिंदर राजा वारिंग ने कहा कि भवन का नाम इंदिरा जी पर है. सभी की अपनी अपनी सोच और इच्छा हो सकती है. सोनिया जी ने ही मनमोहन सिंह जी को देश का प्रधानमंत्री बनाया था. कांग्रेस ऑफिस में लाइब्रेरी का नाम मनमोहन सिंह के नाम पर रखा गया है. ये सब छोटी बातें हैं.
इससे पहले कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने भी एलान किया कि पार्टी मुख्यालय में मौजूद लाइब्रेरी का नाम 'डॉ. मनमोहन सिंह लाइब्रेरी' रखा जाएगा.

BJP के प्रवक्ता शहजाद पूनावाला ने इस मामले को लेकर बुधवार को कांग्रेस पर निशाना साधा. उन्होंने कहा कि कांग्रेस के नए हेड क्वार्टर और भवन के बाहर आज पोस्टर लगे हैं. इन पोस्टरों को मीडिया ने दिखाया है. पूनावाला ने दावा किया कि ये पोस्टर कांग्रेस के समर्थकों ने ही लगाए होंगे. पोस्टर पर लिखा है इस भवन का नाम इंदिरा गांधी के नाम पर नहीं, बल्कि डॉ. मनमोहन सिंह के नाम पर रखना चाहिए.
पूनावाला के मुताबिक कांग्रेस पार्टी एक परिवार के आगे नहीं सोच पाती. कांग्रेस ने स्मारक और स्मृति पर किस प्रकार की ऊंची सियासत की उसे सभी देखा है. परंतु जब मनमोहन सिंह की राष्ट्रीय शोक अवधि थी, तब राहुल गांधी पार्टी के लिए निकल गए. वो उनके अस्थि विसर्जन और अखंड पाठ में भी शामिल नहीं हुए.
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