नौसेना को कब मिलेगी रफाल की पहली खेप? नेवी चीफ से तारीख बता दी
Indian Navy Rafale M Delivery Date: भारत सरकार ने 28 अप्रैल 2025 को फ्रांस से 26 रफाल-मरीन फाइटर जेट खरीदने का समझौता किया था. डील की कुल कीमत 63 हजार करोड़ रुपये थी. इसके तहत फ्रांस से 22 सिंगल सीटर और 4 ट्विन सीट रफाल मरीन जेट खरीदे जाने हैं.

इंडियन एयरफोर्स के बाद अब इंडियन नेवी भी जल्द ही रफाल फाइटर जेट के साथ हवा में अपना जौहर दिखाएगी. इंडियन नेवी चीफ एडमिरल दिनेश त्रिपाठी ने रफाल के मरीन वर्जन, Rafale M की डिलीवरी डेडलाइन पर बड़ा अपडेट दिया है. उन्होंने कहा है कि इंडियन नेवी को 2029 तक रफाल-M का पहला सेट मिल सकता है. नौसेना प्रमुख ने 2 दिसंबर, मंगलवार को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसका ऐलान किया.
ऐसे में अगर 2029 तक पहली खेप मिलती है, तो उम्मीद लगाई जा सकती है कि 2031 तक सभी 26 रफाल M लड़ाकू विमान नौसेना को मिल सकते हैं. इसके बाद पानी के साथ-साथ हवा में भी भारतीय नौसेना और अधिक ताकतवर हो जाएगी. मालूम हो कि भारत सरकार ने 28 अप्रैल 2025 को फ्रांस से 26 रफाल-मरीन फाइटर जेट खरीदने का समझौता किया था. डील की कुल कीमत 63 हजार करोड़ रुपये थी. इसके तहत फ्रांस से 22 सिंगल सीटर और 4 ट्विन सीट रफाल मरीन जेट खरीदे जाने हैं. साथ ही पायलट ट्रेनिंग, फ्लाइट सिमुलेटर, हथियार, जरूरी इक्विपमेंट और लंबे समय तक मेंटेनेंस सपोर्ट भी इस समझौते का हिस्सा है. इसके अलावा इसमें इंडियन एयर फोर्स द्वारा पहले से इस्तेमाल किए जा रहे रफाल जेट के लिए एक्स्ट्रा गियर भी शामिल है.
भारत बना पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहकएग्रीमेंट में भारत में स्वदेशी हथियारों के इंटीग्रेशन के लिए टेक्नोलॉजी ट्रांसफर की शर्त भी शामिल है. डील फाइनल होने के बाद भारत रफाल का नेवल वेरिएंट खरीदने वाला पहला अंतरराष्ट्रीय ग्राहक बना था. बता दें कि रफाल-मरीन (रफाल-M) एक पावरफुल, एडवांस्ड फाइटर जेट है, जिसे समुद्र में एयरक्राफ्ट कैरियर से ऑपरेट करने के लिए डिजाइन किया गया है. जमीन से उड़ान भरने वाले रेगुलर फाइटर जेट के विपरीत, यह एयरक्राफ्ट मुश्किल समुद्री हालात में भी चलते हुए जहाजों से लॉन्च हो सकता है और उन पर लैंड कर सकता है. इसे फ्रांस की डसॉल्ट एविएशन ने बनाया है और फ्रेंच नेवी पहले से ही इसका इस्तेमाल कर रही है.

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एयरक्राफ्ट कैरियर की बढ़ेगी ताकतमालूम हो कि वर्तमान में भारतीय नौसेना के पास दो एयरक्राफ्ट कैरियर हैं- INS विक्रांत और INS विक्रमादित्य. रफाल-M के शामिल होने से इन एयरक्राफ्ट कैरियर्स की क्षमता काफी बढ़ जाएगी. ये विमान एयर डिफेंस, मैरीटाइम स्ट्राइक, पैट्रोलिंग और शोर स्ट्राइक जैसे मिशनों को अंजाम देने में सक्षम होंगे. रफाल-M नौसेना को दुश्मन के फाइटर जेट को निशाना बनाने और फ्लीट की एयर डिफेंस को मजबूत करने में मदद करेगा. इससे नेवी दुश्मन के हथियारों की रेंज से बाहर रहते हुए समुद्र पर नियंत्रण बनाए रख सकेगी. साथ ही, ये विमान दुश्मन की निगरानी और टारगेटिंग क्षमता को कमजोर करेंगे, जिससे भारतीय नौसेना की ऑपरेशनल पहुंच बढ़ेगी.
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