ट्रंप-पुतिन मुलाकात पर भारत का बयान- 'दुनिया यूक्रेन में संघर्ष का अंत जल्द देखना चाहती है'
भारत ने Trump-Putin Alaska Summit का स्वागत किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि Russia-Ukraine के बीच संघर्ष केवल बातचीत और कूटनीति के जरिए रोका जा सकता है.

भारत ने 15 अगस्त को अलास्का में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूस के राष्ट्रपति व्लादिमिर पुतिन के बीच हुई मुलाकात का स्वागत किया है. भारतीय विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी कर शांति की दिशा में दोनों नेताओं के नेतृत्व की सराहना की है. यह बयान ऐसे समय में आया है जब राष्ट्रपति ट्रंप ने रूस के साथ कारोबार करने वाले देशों पर सेकेंडरी प्रतिबंध लगाने के फैसले को फिलहाल टालने की बात कही है. भारत ने कहा है कि अब यूक्रेन में जारी संघर्ष जल्द खत्म होना चाहिए.
शनिवार, 16 अगस्त को एक बयान में भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा,
"भारत अलास्का में अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के बीच शिखर सम्मेलन का स्वागत करता है. शांति की दिशा में उनका नेतृत्व अत्यंत सराहनीय है.
भारत शिखर सम्मेलन में हुई प्रगति की सराहना करता है. आगे का रास्ता केवल संवाद और कूटनीति से ही निकल सकता है. दुनिया यूक्रेन में संघर्ष का जल्द अंत देखना चाहती है."
भारत के लिए यही राहत भरी खबर है कि डॉनल्ड ट्रंप ने सेंकेडरी प्रतिबंधों को फिलहाल टाल दिया है. अमेरिकी न्यूज चैनल फॉक्स न्यूज के साथ इंटरव्यू में ट्रंप से जब सेकेंडरी प्रतिबंधों को लेकर सवाल पूछा गया तो ट्रंप ने कहा,
"मुझे इसके (प्रतिबंधों के) बारे में दो या तीन सप्ताह में सोचना पड़ सकता है, लेकिन हमें इसके बारे में तुरंत सोचने की जरूरत नहीं है."
ट्रंप ने अपने आगे की योजना बताए बिना ही कहा, “अगर मैं अभी सेकेंडरी प्रतिबंध लगाता हूं, तो यह उनके लिए विनाशकारी होगा.”
दरअसल, चीन और भारत, रूस से तेल खरीदने वाले सबसे बड़े खरीदार हैं. ट्रंप ने चेतावनी दी थी कि रूस से तेल खरीदने वाले देशों के अलग से प्रतिबंध लगाए जाएंगे. इससे पहले ट्रंप भारत पर 25 फीसदी टैरिफ और पेनल्टी के बाद अलग से 25 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं.
कुल मिलाकर ट्रंप ने भारत पर 50 फीसदी टैरिफ थोपा है. रूस से तेल खरीदने की वजह से भारत पर अलग से अमेरिकी प्रतिबंधों का खतरा है, जो फिलहाल कुछ हफ्तों के लिए टल गया है.
ट्रंप-पुतिन अलास्का समिट
डॉनल्ड ट्रंप ने राष्ट्रपति बनने से पहले दावा किया था कि वे 24 घंटे में यूक्रेन युद्ध खत्म कर देंगे, लेकिन सात महीने बीतने के बाद भी यह लक्ष्य अधूरा है. हालांकि, 15 अगस्त को अलास्का में ट्रंप और पुतिन की मुलाकात में कोई ठोस समझौता नहीं हुआ, लेकिन फिर भी इसे बहुत अहम माना जा रहा है. पुतिन को अमेरिकी जमीन पर रेड कार्पेट वेलकम मिला और वे ट्रंप के साथ 'द बीस्ट' कार में भी नजर आए.
संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में ट्रंप ने कहा कि ‘प्रगति हुई है’, वहीं पुतिन ने कहा कि वे युद्ध खत्म करने के लिए ‘ईमानदारी से इच्छुक’ हैं. अगली मुलाकात के लिए पुतिन ने ट्रंप मास्कों आने का न्योता दिया है.
बाद में फॉक्स न्यूज को दिए इंटरव्यू में ट्रंप ने कहा कि अब यह जिम्मेदारी जेलेंस्की की है कि वे यूरोपीय देशों को साथ लेकर कोई कोई समझौता करें. वहीं, जेलेंस्की ने जानकारी दी कि वे सोमवार, 18 अगस्त को अमेरिका में ट्रंप से मुलाकात करेंगे.
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