ट्रंप चिल्लाते रह गए, इस महीने भारत ने रूस से पता है कितना तेल खरीद डाला!
डॉनल्ड ट्रंप की टैरिफ धमकियों का भारत और रूस के बीच तेल व्यापार पर कोई असर नहीं पड़ा है. अगस्त में भारत में रूसी तेल का आयात 20 लाख बैरल प्रति दिन हो गया है.

डॉनल्ड ट्रंप के 'टैरिफ-अटैक' के बीच भारत और रूस के बीच तेल व्यापार नई ऊंचाई पर पहुंच गया है. केप्लर के आंकड़ों के मुताबिक, अगस्त में भारत ने रूस से 20 लाख बैरल प्रतिदिन (BPD) के हिसाब से तेल आयात किया है, जो जुलाई महीने से 4 लाख BPD ज्यादा है. जुलाई में भारत ने रूस से 16 लाख BPD तेल रूस से खरीदा था. इसका असर ये हुआ कि इराक से तेल आयात घटकर 7.3 लाख बैरल और सऊदी अरब से 5.26 लाख बैरल प्रतिदिन रह गया है. वहीं, अमेरिका भारत में तेल का 5वां सबसे बड़ा सप्लायर रहा, जिसने 2.64 लाख बैरल प्रति दिन तेल यहां भेजा है.
केप्लर के मुताबिक, अगस्त के पहले पखवाड़े में भारत में कुल अनुमानित 5.2 मिलियन बैरल प्रतिदिन कच्चे तेल का आयात किया गया, जिसमें से 38 फीसदी केवल रूस से आया.
ट्रंप के ऐलान का असर क्यों नहीं पड़ा?केप्लर (KPLER) दुनिया भर में रीयल टाइम ट्रेड डेटा देने वाली कंपनी है. इसके विश्लेषक सुमित रितोलिया ने ‘द हिंदू’ को बताया कि अगस्त में भारत में रूस से तेल आयात काफी स्टेबल रहा है. भले ही ट्रंप प्रशासन ने जुलाई के अंत में भारत पर नए टैरिफ का ऐलान कर दिया था लेकिन इसका असर तेल व्यापार नहीं पड़ा.
उन्होंने बताया कि इसकी वजह ‘टाइमिंग’ है. अगस्त के लिए जो तेल आ रहा है, उसकी डील जून और जुलाई की शुरुआत में हो चुकी थी, जब ट्रंप ने टैरिफ को लेकर कोई एलान नहीं किया था और कोई भारत अमेरिका के बीच कोई भी नीति बदली नहीं थी. यानी आज जो आंकड़े दिख रहे हैं, वो महीनों पहले लिए गए फैसलों का नतीजा हैं. हालांकि, नीतियों में बदलाव का असली असर सितंबर के अंत से अक्टूबर तक में दिखेगा. भारत सरकार ने अभी तक रूस से तेल की खरीद कम करने का कोई आदेश नहीं दिया है.
भारत की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन के चेयरमैन अरविंदर सिंह सहनी ने भी कहा,
ट्रंप के टैरिफ एलान के बाद भारत सरकार ने हमें न तो रूस से ज्यादा खरीदने को कहा है और न कम करने को. हम रूसी कच्चे तेल की हिस्सेदारी बढ़ाने या घटाने के लिए कोई अतिरिक्त प्रयास नहीं कर रहे हैं. अप्रैल-जून में आईओसी के तेल प्रोसेसिंग में रूस का हिस्सा 22 प्रतिशत था और आगे भी यही रहने की उम्मीद है.
वहीं, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन लिमिटेड (बीपीसीएल) के डायरेक्टर (फाइनेंस) वी. रामकृष्ण गुप्ता ने बताया कि जुलाई में रूस से कच्चे तेल का आयात थोड़ा कम हुआ, क्योंकि डिस्काउंट घटकर 1.5 डॉलर प्रति बैरल रह गया. उन्होंने कहा कि जब तक रूस पर कोई नया प्रतिबंध नहीं लगता, हम वहां से 30-35 फीसदी तेल लेते रहेंगे.
ट्रंप की आपत्ति, टैरिफ में बढ़तबता दें कि भारत के रूस से तेल खरीदने पर अमेरिकी राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप ने आपत्ति जताई थी. उन्होंने इसके खिलाफ भारत पर 25 प्रतिशत एक्स्ट्रा टैरिफ लगाया था. इसके बाद से भारत के सामानों पर अमेरिका में टैरिफ कुल 50 फीसदी हो गया है.
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