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"भारत हिंदू राष्ट्र है, इसे मंजूरी की जरूरत नहीं", संघ प्रमुख मोहन भागवत की दो टूक

भागवत ने लोगों से संगठन के कार्यालयों और शाखाओं में आने का आग्रह किया, जिससे कि संगठन को मुस्लिम-विरोधी बताने वाली गलत धारणा दूर हो सके.

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India A Hindu Nation No Constitutional Approval Needed says RSS Chief Mohan Bhagwat
संघ प्रमुख ने लोगों ने समझ लिया है कि संघ हिंदुओं की रक्षा की वकालत करता है और कट्टर राष्ट्रवादी है, लेकिन मुस्लिम-विरोधी नहीं. (फोटो- PTI)
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प्रशांत सिंह
22 दिसंबर 2025 (Published: 08:50 AM IST)
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) के प्रमुख मोहन भागवत ने कहा है कि भारत एक हिंदू राष्ट्र है और इसे संवैधानिक मंजूरी की कोई आवश्यकता नहीं है. उन्होंने कहा कि यही सत्य है. भागवत ने ये बयान कोलकाता में संघ के 100 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य में आयोजित '100 व्याख्यान माला' कार्यक्रम में दिया.

भागवत ने कहा कि भारत हिंदू राष्ट्र है और जब तक देश में भारतीय संस्कृति की कद्र की जाती रहेगी, तब तक हिंदू राष्ट्र बना रहेगा. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक कार्यक्रम में संघ प्रमुख ने कहा,

“सूरज पूर्व में उगता है, हमें नहीं पता कि ये कब से हो रहा है. तो क्या इसके लिए भी संवैधानिक मंजूरी चाहिए? हिंदुस्तान हिंदू राष्ट्र है. जो भी भारत को अपनी मातृभूमि मानता है और भारतीय संस्कृति की कद्र करता है, हिंदुस्तान की धरती पर जब तक एक भी व्यक्ति जीवित है जो भारतीय पूर्वजों की महिमा में विश्वास रखता है और उसका सम्मान करता है, तब तक भारत हिंदू राष्ट्र है. ये संघ की विचारधारा है.”

मोहन भागवत आगे बोले,

“अगर संसद कभी संविधान में संशोधन करके उस शब्द को जोड़ने का फैसला करती है, तो करें या न करें, ठीक है. हमें उस शब्द की परवाह नहीं है क्योंकि हम हिंदू हैं और हमारा राष्ट्र हिंदू राष्ट्र है. यही सत्य है. जन्म के आधार पर जाति व्यवस्था हिंदुत्व की पहचान नहीं है.”

भागवत ने लोगों से संगठन के कार्यालयों और शाखाओं में आने का आग्रह किया, जिससे कि संगठन को मुस्लिम-विरोधी बताने वाली गलत धारणा दूर हो सके. उन्होंने कहा कि लोगों ने समझ लिया है कि संघ हिंदुओं की रक्षा की वकालत करता है और कट्टर राष्ट्रवादी है, लेकिन मुस्लिम-विरोधी नहीं. भागवत बोले,

“अगर ये धारणा है कि हम मुस्लिम-विरोधी हैं, तो जैसा मैंने कहा, संघ का काम पारदर्शी है. आप कभी भी आकर खुद देख सकते हैं, और अगर आपको ऐसा कुछ होता दिखे, तो अपनी राय रखें, और अगर न दिखे तो अपनी सोच बदल लें. संघ को समझने के लिए बहुत कुछ है, लेकिन अगर समझना ही नहीं चाहते तो कोई मन नहीं बदल सकता.”

उन्होंने कहा कि जो सीखना नहीं चाहता, उसकी मदद नहीं की जा सकती. भागवत बोले,

“ये सब देखने के बाद लोगों ने कहा है कि आप कट्टर राष्ट्रवादी हैं. आप हिंदुओं को संगठित करते हैं और हिंदुओं की रक्षा की वकालत करते हैं. लेकिन आप मुस्लिम-विरोधी नहीं हैं.”

भागवत ने इस दौरान बताया कि बहुत से लोगों ने ये मान लिया है और जो ज्यादा जानना चाहते हैं, वो खुद आकर संघ देखें.

वीडियो: मोहन भागवत ने 75 साल में रिटायरमेंट पर कौन सा किस्सा सुनाकर दिया?

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