हिमाचल के कई जगहों पर बादल फटे, मंडी में 10 की मौत और 34 लापता, जानमाल का भारी नुकसान
Himachal Pradesh में कई जगहों पर बादल फटे हैं. इसके अलावा भूस्खलन और अचानक बाढ़ की घटनाएं भी हुई हैं. UP के अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर बढ़ गया है. पड़ोसी देश Nepal में भी भारी बारिश के कारण के जान-माल का नुकसान हुआ है.

पिछले कई दिनों से हो रही भारी बारिश के कारण हिमाचल प्रदेश (Himachal Pradesh Flood) में जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है. राज्य में कई जगहों पर बादल फटने, अचानक बाढ़ आने और भूस्खलन की घटनाएं हुई हैं. मंडी जिला सबसे अधिक प्रभावित हुआ है. यहां बादल फटने की 10 घटनाएं हुई हैं. इससे भारी तबाही और जान-माल का नुकसान हुआ है. जिले में 10 लोगों की मौत हुई है, 34 लोग लापता हैं जिनमें से 11 लोग पानी के साथ बह गए हैं.
राज्य में अचानक बाढ़ (फ्लैश फ्लड) की चार घटनाएं हुई हैं और कई जगहों पर भूस्खलन भी हुए हैं. अधिकारियों ने बढ़ते जलस्तर को लेकर चिंता जताई है. खासकर मंडी के पंडोह बांध में, जहां इस साल का सबसे अधिक 1,57,000 क्यूसेक पानी छोड़ा गया. प्रभावित इलाकों में सभी स्कूल और शैक्षणिक संस्थान दो दिन के लिए बंद कर दिए गए हैं.
आपातकालीन सेवाओं की ओर से बचाव और राहत अभियान चलाया जा रहा है. अब तक 287 से अधिक लोगों को बचाया जा चुका है. मंडी में 233 से अधिक, हमीरपुर में 51 और चंबा में तीन लोगों को बचाया गया है.
इसके अलावा, पशुओं और गौशालाओं को भी नुकसान पहुंचा है.
सरयू नदी का जलस्तर बढ़ाभारी बारिश के कारण, उत्तर प्रदेश के अयोध्या में सरयू नदी का जलस्तर लगातार बढ़ रहा है. प्रशासन ने लोगों को जागरूक करने के लिए सरयू घाट पर जगह-जगह बैनर लगाया है. साथ ही सरयू में स्नान करने वाले श्रद्धालुओं को वहां बनाए गए घेरे के भीतर ही स्नान करने की सलाह दी गई है.

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IMD की चेतावनीभारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने 2 जुलाई को पूर्वी राजस्थान, गुजरात क्षेत्र, हिमाचल प्रदेश, ओडिशा, उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड में अलग-अलग स्थानों पर बहुत भारी बारिश की संभावना जताई है.
पूर्वी और पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश और पूर्वी राजस्थान समेत कई क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट जारी किया गया है.
नेपाल में 31 की मौत, 151 घायलपड़ोसी देश नेपाल में 28 मई को बरसात के मौसम की शुरुआत के बाद से अब तक 31 लोगों की मौत हो गई है और 151 लोग घायल हुए हैं. ‘राष्ट्रीय आपदा जोखिम न्यूनीकरण एवं प्रबंधन प्राधिकरण’ (NDRRMA) के प्रवक्ता सुरेश सुनार ने बताया कि 28 मई से 30 जून के बीच नेपाल में मानसून से जुड़ी 682 घटनाएं हुईं. इनमें बाढ़, भूस्खलन, बिजली गिरने और आंधी-तूफान की घटनाएं शामिल हैं.
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