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दिल्ली-NCR में ये कौन सा वायरस चल रहा है, जिससे ना बुखार छोड़ रहा ना खांसी कम हो रही?

H3N2 Flu: सामान्य फ्लू के विपरीत इस वायरस के संक्रमण से पैरासिटामॉल जैसी दवाओं उतनी कारगर साबित नहीं हो पा रहीं.

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H3N2 Flu
H3N2 फ्लू के बारे में जानिए सबकुछ. (सांकेतिक फोटो- इंडिया टुडे)
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मिलन शर्मा
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13 सितंबर 2025 (Published: 05:46 PM IST)
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दिल्ली के अस्पतालों में हाल के समय में फ्लू जैसे लक्षणों में तेजी से बढ़ोतरी आई है. इनमें तेज बुखार, गले में खराश, लगातार शरीर में दर्द, सिरदर्द और कमजोरी शामिल हैं. सामान्य फ्लू के विपरीत ये लक्षण पैरासिटामॉल जैसी आम दवाओं से पूरी तरह ठीक नहीं हो रहे.

मेडिकल के जानकार इसके लिए H3N2 जैसे इन्फ्लूएंजा A वायरस को जिम्मेदार मानते हैं, जिससे ठीक होने में एक हफ्ते या उससे ज्यादा समय लग सकता है. कुछ मामलों में मुश्किलों के कारण मरीजों को अस्पताल में भर्ती होने की जरूरत भी पड़ रही है.

इसी बीच, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने एहतियाती कदम उठाते हुए सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों को निर्देश जारी किए हैं. उनसे आग्रह किया है कि डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों के प्रति सतर्कता बढ़ाया जाए. टाइम्स ऑफ इंडिया की खबर के मुताबिक, मंत्रालय ने मानसून के समय में जोखिम को कम करने के लिए तत्काल और पूरी तैयारी करने का आह्वान किया है.

वहीं, दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री पंकज सिंह का कहना है कि लोगों को H3N2 फ्लू के बारे में चिंता करने की कोई जरूरत नहीं है. क्योंकि ये सिर्फ एक वायरल संक्रमण है. उन्होंने ये भी कहा कि दिल्ली के अस्पताल फ्लू से जुड़ी किसी भी स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह तैयार हैं.

दिल्ली के शालीमार बाग में मौजूद फोर्टिस अस्पताल के डॉ. विकास मौर्य इंडिया टुडे की मिलन शर्मा को बताते हैं कि इस साल लंबे मानसून के मौसम के दौरान वायरल संक्रमण एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में ज्यादा आसानी से फैल रहा है. उन्होंने मरीजों को आराम करने और पांच-छह दिनों में हालत में सुधार न होने पर डॉक्टर से सलाह लेने की सलाह भी दी.

H3N2 Virus क्या है?

H3N2 फ्लू के मामले नये नहीं हैं. आपने इन्फ्लूएंजा वायरस का नाम सुना होगा. ये वायरस नाक, गले और फेफड़ों में समस्या पैदा करता हैं, जिसे आम भाषा में फ्लू कहा जाता है. फ्लू के मामले हर साल आते हैं, जिसे हम सीजनल फ्लू कहते हैं. H3N2 इन्फ्लूएंजा A का ही सब-टाइप है.

फ्लू के कारण मौत होना भी कोई नई बात नहीं है. डॉक्टरों के मुताबिक फ्लू के गंभीर मामलों में ही मौत का खतरा होता है. इसलिए ये जरूरी है कि हम फ्लू के लक्षणों पर ध्यान दें. हमें पता होना चाहिए कि फ्लू में वो कौन से लक्षण होते हैं, जो जानलेवा साबित हो सकते हैं और किन लोगों को फ्लू से गंभीर दिक्कतों का खतरा है.

क्या हैं H3N2 फ्लू के लक्षण?

H3N2 के कारण होने वाले फ्लू में भी वही लक्षण सामने आते हैं, जो दूसरे सीजनल इन्फ्लूएंजा वायरस के कारण होने वाले फ्लू में होते हैं. इसके कुछ कॉमन लक्षण, जो नजर आ सकते हैं- खांसी, नाक बहना या नाक बंद होना, गले में दिक्कत, सिर दर्द, शरीर में दर्द, बुखार या बुखार जैसा महसूस होना, कंपकंपी, थकान, दस्त, मिचली या उल्टी.

किन लोगों को ज्यादा खतरा?

दिल्ली के होली फैमिली हॉस्पिटल के क्रिटिकल केयर स्पेशलिस्ट डॉक्टर सुमित रे बताते हैं कि हाई रिस्क ग्रुप वाले लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है. ऐसे लोगों को फ्लू के कारण हॉस्पिटल में एडमिट करने की जरूरत पड़ सकती है. अब, इस हाई रिस्क ग्रुप में ये लोग आते हैं-

  • उम्रदराज लोग जैसे 65 साल से अधिक उम्र के लोग
  • 5 साल से कम उम्र के बच्चे
  • प्रेग्नेंट महिलाएं
  • अस्थमा, डायबिटीज या दिल की बीमारियों से जूझ रहे लोग
  • कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग
फ्लू को कैसे कंट्रोल करें?

इन्फ्लूएंजा से बचाव और इसे नियंत्रित करने के लिए कोरोना काल वाले नियम ही अपनाने की जरूरत है. ICMR की ओर से इसके लिए गाइडलाइन्स जारी की गई हैं-

- साबुन और पानी से अपने हाथ धोएं.
- अगर फ्लू के कोई लक्षण हैं, तो मास्क पहनें और भीड़ में ना जाएं.
- खांसते और छींकते समय अपने नाक और मुंह को कवर करें.
- फ्लू के लक्षण हैं, तो खाने में पर्याप्त मात्रा में तरल चीजें लें.
- बुखार और बदन में दर्द के लिए पैरासिटामोल की गोली लें. 
- खुद से बिना डॉक्टर की सलाह के कोई एंटीबायोटिक या कोई और दवा ना लें.

वीडियो: H3N2 Virus के चलते जारी, कोरोना मामलों से जुड़ा ये बड़ा खुलासा भी हुआ!

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