AI से एग्जाम में 'चीटिंग' पर टीचर्स ने डांट लगाई, 10वीं की स्टूडेंट ने सुसाइड कर लिया
मृतक छात्रा के पिता ने दावा किया कि सोमवार, 22 दिसंबर को छात्रा के क्लास में फोन ले जाने की वजह से टीचर से डांट पड़ी थी. जिसके बाद वो अपमानित होने से परेशान थी.

ग्रेटर नोएडा में 10वीं की एक छात्रा के आत्महत्या का मामला सामने आया है. बताया गया कि वो कथित तौर पर स्कूल के प्री-बोर्ड एग्जाम में AI का इस्तेमाल करते हुए पकड़ी गई थी. इसके बाद टीचर और प्रिंसिपल ने उसे डांट दिया था, जिससे वह ‘अपमानित’ महसूस कर रही थी. वहीं, छात्रा के परिजन ने स्कूल प्रबंधन के खिलाफ पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई है. उन्होंने स्कूल पर छात्रा को आत्महत्या के लिए उकसाने का आरोप लगाया है.
इंडिया टुडे से जुड़े अरविंद ओझा की रिपोर्ट के मुताबिक, घटना ग्रेटर नोएडा की मंगलवार, 23 दिसंबर के सुबह की है. यहां 16 साल की नाबालिग छात्रा की 8वीं मंजिल से छलांग लगाने से मौत हो गई. छात्रा के पिता ने बताया कि सोमवार, 22 दिसंबर को उसे क्लास में फोन ले जाने की वजह से टीचर से डांट पड़ी थी. इससे वो ‘अपमानित’ महसूस कर रही थी और काफी परेशान थी. टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के मुताबिक, छात्रा के पिता ने बताया कि उनकी 3 बेटियां हैं. सभी एक ही स्कूल में पढ़ने जाती हैं.
मृत छात्रा उनकी बड़ी बेटी थी. जो एग्जाम के दिन अनजाने में अपना मोबाइल फोन स्कूल लेकर चली गई थी. टीचर ने इसके लिए उसे डांट-फटकार लगाई. बाद में उसे प्रिंसिपल के पास ले जाया गया. प्रिंसिपल ने फौरन छात्रा के पेरेंट्स को बुलाया, जिसके बाद उसके पिता स्कूल पहुंचे.
मृत छात्रा के पिता ने दावा किया कि उनकी मौजूदगी में भी टीचर और प्रिंसिपल ने उसे डाटा. साथ ही उन्हें भी 'लापरवाह' बता दिया. इस बात से उनकी बेटी बहुत परेशान हो गई. टीचर और प्रिंसिपल की बातों का उस पर गहरा असर पड़ा था, जिसकी वजह से उसने ऐसा बड़ा कदम उठा लिया.
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पीड़ित पिता ने अपनी शिकायत में क्लास टीचर पूनम दुबे और तापस नाम के टीचर समेत स्कूल प्रबंधन को आरोपी बनाया है. साथ ही पुलिस से BNS की धारा 108 (आत्महत्या के लिए उकसाना) और अन्य संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज करने के लिए अनुरोध किया है. उन्होंने बताया कि उनकी अन्य दो बेटियों पर भी इस घटना का बुरा असर पड़ा है. वो सदमे में हैं और स्कूल जाने से डर रही हैं.
वहीं, स्कूल प्रबंधन ने आरोपों खारिज किया है. टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए स्कूल के प्रिंसिपल ने बताया कि छात्रा को फटकार लगाई गई थी लेकिन उसे परेशान नहीं किया गया था. उसे यही कहा गया था कि बोर्ड परीक्षा में नकल करने पर उसे परीक्षा देने से वंचित किया जा सकता है. स्कूल ने केवल केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (Central Board of Secondary Education) द्वारा निर्धारित प्रोटोकॉल का ही पालन किया.
हालांकि, खबर लिखे जाने तक मामले में FIR दर्ज नहीं हुई है. टीओआई के मुताबिक, पुलिस एफआईआर दर्ज करने से पहले आरोपों की जांच कर रही है.
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