एपल, अमेजॉन, माइक्रोसॉफ्ट के बाद Google का भारत में बड़ा निवेश, AI हब के बारे में सबकुछ जानिए!
AI हब भारतीय बिजनेस और संगठनों को हाई-परफॉर्मेंस और लो-लेटेंसी सेवाएं देगा. जिससे वो अपने रिसर्च और डेवलपमेंट को तेज कर सकेंगे.

गूगल ने भारत में अपने पहले आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) हब की स्थापना की घोषणा कर दी है (Google Announces AI Hub In India). इसी के साथ कंपनी भारत में 15 बिलियन डॉलर (1 लाख 30 हजार करोड़ रुपये से भी ज्यादा) का इन्वेस्टमेंट भी करेगी. गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने मंगलवार, 14 अक्टूबर को इस बात की जानकारी दी. उन्होंने पीएम मोदी से बात भी की. पिचाई ने प्रधानमंत्री मोदी को बताया कि गूगल आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में ये AI हब बनाने जा रही है.
विशाखापट्टनम में बनने वाला ये सेंटर अमेरिका के बाहर गूगल का सबसे बड़ा AI हब होगा. कंपनी अगले पांच सालों में (2026-2030 के बीच) भारत में 15 अरब डॉलर का निवेश करेगी. इस हब के माध्यम से कंपनी अपने पूरे AI स्टैक और कस्टमर सर्विसेज को भारत में लाएगी. ये कदम भारत के टेक्नोलॉजिकल सिस्टम को मजबूत करेगा. साथ ही ये देश में इनोवेशन को भी सपोर्ट करेगा.
इस AI हब के तहत, गूगल अपनी AI टेक्नोलॉजी, मसलन मशीन लर्निंग, डेटा एनालिटिक्स, और क्लाउड बेस्ड सर्विसेज को स्थानीय डेवलपर्स, बिजनेसमैन और कंज्यूमर्स के लिए सुलभ बनाएगा. ये पहल भारत में डिजिटल लैंडस्केप को बढ़ावा देगी और इनोवेशन को प्रोत्साहित करेगी.
गूगल के CEO सुंदर पिचाई ने इस घोषणा के बारे में X पर पोस्ट किया. उन्होंने बताया कि उनकी बातचीत पीएम मोदी से हुई है. X पोस्ट में पिचाई ने लिखा,
“भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से बात करके बहुत अच्छा लगा. पीएम से विशाखापट्टनम में पहले Google AI हब के लिए अपनी योजनाओं को साझा किया, जो एक ऐतिहासिक डेवलपमेंट है. इस हब में गीगावाट स्केल की कंप्यूटिंग क्षमता होगी. साथ ही एक नया अंतर्राष्ट्रीय सब-सी गेटवे और बड़े पैमाने पर एनर्जी इंफ्रास्ट्रक्चर बनाया जाएगा. इसके माध्यम से, हम इंडस्ट्री की बेस्ट टेक्नोलॉजी को भारत में बिजनेस और यूजर्स तक पहुंचाएंगे. जिससे AI इनोवेशन को गति मिलेगी और देश भर में विकास को भी गति दी जाएगी.”

पीएम मोदी ने सुंदर पिचाई की इस पहल का स्वागत किया. उन्होंने X पर लिखा,
“आंध्र प्रदेश के विशाखापट्टनम में Google AI हब के शुभारंभ पर मुझे बेहद खुशी है. इस बहुआयामी निवेश में गीगावाट स्केल डेटा सेंटर इन्फ्रास्ट्रक्चर शामिल है. ये विकसित भारत के निर्माण के हमारे दृष्टिकोण के अनुरूप है. ये तकनीक के लोकतंत्रीकरण में एक शक्तिशाली टूल होगा. ये सभी के लिए AI सुनिश्चित करेगा. हमारे नागरिकों को अत्याधुनिक टूल प्रदान करेगा. हमारी डिजिटल इकोनॉमी को बढ़ावा देगा और भारत को ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में स्थापित करेगा!”

ये घोषणा नई दिल्ली में गूगल द्वारा आयोजित Bharat AI Shakti कार्यक्रम में की गई, जो India-AI Impact Summit 2026 का एक प्री-इवेंट है. इस दौरान अश्विनी वैष्णव, निर्मला सीतारमण सहित गूगल क्लाउड के CEO थॉमस कुरियन भी मौजूद थे.
AI हब क्या करेगा?गूगल विशाखापट्टनम में एक नया AI हब बना रहा है, जिसमें एक खास डेटा सेंटर कैंपस होगा. गूगल की प्रेस रिलीज़ के मुताबिक ये डेटा सेंटर भारत और दुनिया भर में डिजिटल सेवाओं की बढ़ती मांग को पूरा करने के लिए गीगावाट-स्केल की कंप्यूटिंग क्षमता प्रदान करेगा. इसे AdaniConneX और एयरटेल जैसे प्रमुख पार्टनर्स के साथ मिलकर बनाया जा रहा है. इसमें वही उन्नत टेक्नोलॉजी होगी जो गूगल के प्रोडक्ट्स जैसे सर्च, वर्कस्पेस, और यूट्यूब को चलाती है.
ये AI हब भारतीय बिजनेस और संगठनों को हाई-परफॉर्मेंस और लो-लेटेंसी सेवाएं देगा (इनपुट और आउटपुट के बीच कम से कम देरी के). जिससे वो अपने AI आधारित समाधान बना सकें. रिसर्च और डेवलपमेंट को तेज कर सकें और भारत को ग्लोबल टेक्नोलॉजी लीडर के रूप में स्थापित करेगा.
जब ये डेटा सेंटर शुरू होगा, तो ये गूगल के 12 देशों में फैले मौजूदा AI डेटा सेंटर नेटवर्क का हिस्सा बन जाएगा. इसमें बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में गूगल के रिसर्च सेंटरों द्वारा विकसित तकनीकों का उपयोग होगा. जिसमें महत्वपूर्ण सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर इनोवेशन शामिल हैं.
सब-सी गेटवेगूगल भारत के पूर्वी तट पर विशाखापट्टनम में एक नया अंतरराष्ट्रीय सब-सी गेटवे बनाने जा रहा है. जिसमें कई अंतरराष्ट्रीय सब-सी केबल्स शामिल होंगे. ये केबल्स गूगल के मौजूदा 20 लाख मील से ज्यादा के जमीनी और समुद्री केबल नेटवर्क से जुड़ेंगे. इससे विशाखापट्टनम न सिर्फ भारत का, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक AI और कनेक्टिविटी हब बन जाएगा.
ये गेटवे भारत की बढ़ती डिजिटल जरूरतों को पूरा करेगा और मुंबई व चेन्नई के मौजूदा सब-सी केबल लैंडिंग पॉइंट्स के लिए वैकल्पिक रास्ते प्रदान करेगा. इसकी मदद से हाई-स्पीड और कम-लेटेंसी वाली कनेक्टिविटी मिलेगी. जो गूगल यूजर्स को फास्टर एक्सपीरियंस देगी. भारत का डिजिटल नेटवर्क भी मजबूत होगा.
माइक्रोसॉफ्ट और एपल का निवेशये तो बात हुई गूगल के इन्वेस्टमेंट की. इससे पहले भी कई अमेरिकी कंपनियां भारत में निवेश करने का ऐलान कर चुकी हैं. मई 2025 में फॉक्सकॉन ने ऐसा ही एक ऐलान किया था. एपल के लिए प्रोडक्ट बनाने वाली फॉक्सकॉन ने अपनी भारत यूनिट में 1.5 बिलियन डॉलर (लगभग 12,600 करोड़ रुपये) का निवेश करने की बात कही थी. कंपनी ने एक फाइलिंग में ये जानकारी दी. एपल ने चीन में बढ़ते टैरिफ की वजह से अपनी मैन्युफैक्चरिंग को भारत की ओर शिफ्ट करने की योजना के तहत ऐसा किया था.
इसके अलावा अमेजॉन ने जून 2025 में भारत में अपने कारोबार को बढ़ाने के लिए 2,000 करोड़ रुपये से ज़्यादा (लगभग 233 मिलियन डॉलर) का निवेश करने की घोषणा की थी. ये पैसा गोदामों और लॉजिस्टिक्स को बेहतर बनाने, कर्मचारियों की सुरक्षा और कल्याण के लिए कार्यक्रमों को बढ़ाने के लिए, और डिलीवरी नेटवर्क के लिए नई तकनीकों और टूल्स विकसित करने में खर्च करने के लिए था.
माइक्रोसॉफ्ट के चेयरमैन और CEO सत्य नडेला ने 7 जनवरी, 2025 को घोषणा की थी कि कंपनी अगले दो साल में भारत में क्लाउड और AI इंफ्रास्ट्रक्चर और स्किल डेवलपमेंट के लिए 3 बिलियन अमेरिकी डॉलर (25 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा) का निवेश करेगी. इसमें नए डेटासेंटर बनाना भी शामिल है. ये निवेश भारत में AI इनोवेशन को तेज करेगा. इसके अलावा, माइक्रोसॉफ्ट अपने ADVANTA(I)GE इंडिया प्रोग्राम के दूसरे फेज़ के तहत अगले पांच साल में 1 करोड़ लोगों को AI स्किल्स की ट्रेनिंग देगा.
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