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हिमंता को जवाब देना था, गोगोई ने मोदी से लेकर आडवाणी तक को लपेटे में ले लिया

Himanta Biswa Sarma vs Gaurav Gogoi: हिमंता बिस्वा सरमा ने युवाओं के एक डेलिगेशन का भी ज़िक्र किया, जिसे गौरव गोगोई 2015 में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ले गए थे. गोगोई ने इन आरोपों पर क्या कहा?

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Himanta Biswa Sarma vs Gaurav Gogoi
गौरव गोगोई और हिमंता बिस्वा सरमा के बीच राजनीतिक विवाद चल रहा है. (फ़ोटो- PTI)
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हरीश
21 मई 2025 (Published: 01:19 PM IST) कॉमेंट्स
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असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा (Himanta Biswa Sarma) और कांग्रेस सांसद गौरव गोगोई के बीच विवाद अगले स्तर तक पहुंच गया है. हिमंता ने गौरव गोगोई (Gaurav Gogoi) के पाकिस्तान के साथ संबंधों को लेकर कई आरोप लगाए थे. अब गौरव गोगोई ने इसका जवाब देते हुए BJP के सीनियर नेता लालकृष्ण आडवाणी (L K Advani) और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पाकिस्तान यात्राओं (PM Modi Pakistan Visit) का ज़िक्र किया है.

Himanta ने निकाला ‘ISI संबंध’

हिमंता बिस्वा सरमा ने गौरव गोगोई और उनकी पत्नी एलिजाबेथ पर ISI से संबंध होने का आरोप लगाया. इसकी जांच के लिए फ़रवरी में SIT गठित की है. मुख्यमंत्री ने बार-बार आरोप लगाया कि गोगोई ने 15 दिनों के लिए पाकिस्तान का दौरा किया था, जिसे अब वो ISI के निमंत्रण पर किया गया दौरा बता रहे हैं.

हिमंता बिस्वा सरमा ने युवाओं के एक डेलिगेशन का भी ज़िक्र किया, जिसे गोगोई 2015 में नई दिल्ली स्थित पाकिस्तानी उच्चायोग ले गए थे. ये डेलिगेशन गौरव द्वारा बनाए गए संगठन यूथ फोरम ऑन फॉरेन पॉलिसी की पहल पर लिया गया था. हिमंता ने दावा किया कि गोगोई युवाओं का “ब्रेनवॉश” करने के लिए उन्हें वहां ले गए थे.

ये भी पढ़ें- हिमंता के किस दावे पर कांग्रेस बोली- ‘बेतुकी स्क्रिप्ट’?

Gaurav Gogoi का पलटवार

गौरव गोगोई ने इन आरोपों को बेतुका बताया है. कहा है कि डेलिगेशन में मौजूद युवकों ने कश्मीर, युद्ध और आतंकवाद पर तब की पाकिस्तानी उच्चायुक्त की नीतियों पर सवाल उठाए थे. इंडियन एक्सप्रेस की ख़बर के मुताबिक़, गौरव गोगोई ने लाल कृष्ण आडवाणी की 2005 की पाकिस्तान यात्रा का हवाला देते हुए कहा,

वो जिन्ना की कब्र पर भी गए थे. वहां चादर चढ़ाई थी और जिन्ना की तारीफ़ की थी.

उन्होंने 2014 में नरेंद्र मोदी के प्रधानमंत्री के रूप में शपथ ग्रहण समारोह में पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ की मौजूदगी और 2015 में मोदी की लाहौर की 'सरप्राइज यात्रा' का भी जिक्र किया. गौरव गोगोई बोले,

जिस साल मोदी नवाज़ शरीफ़ को 'जन्मदिन की शुभकामनाएं' देने लाहौर गए थे. उसी साल हमने पाकिस्तान के उच्चायुक्त के साथ सवाल-जवाब भी किया था. हमारा जाना अपराध है और मोदी का जाना बिरयानी कूटनीति है? मैंने पहले भी लिखा है कि मुझे पाकिस्तान के नेतृत्व पर कोई भरोसा नहीं है. कि वो अपने आतंकवादी-खुफिया-सैन्य गठजोड़ को तोड़ देंगे. हम जिन्ना की तारीफ़ करने नहीं गए थे. हम नवाज शरीफ को जन्मदिन की शुभकामनाएं देने नहीं गए थे…

गौरव गोगोई ने जांच के लिए बनाई गई SIT को लेकर कहा कि इस SIT का सच्चाई से कोई लेना-देना नहीं है. ये एक राजनीतिक और बदनाम करने वाली चाल है.

वीडियो: राहुल गांधी, पीएम मोदी पर असम की लड़कियां ऐसा बोलीं, हिमंता भी गौर से सुनेंगे

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