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लखनऊ का फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी दूसरों के नाम पर दौड़ा रहा था 6 लग्जरी कारें

फर्जी IAS सौरभ दूसरों के नाम पर रजिस्टर्ड लग्जरी गाड़ियों पर यूपी विधानसभा/विधान परिषद/सचिवालय का पास लगाकर चलता था. इनमें 'उत्तर प्रदेश शासन' या 'भारत सरकार' लिखा होता था.

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Fraud IAS luxury cars registered on others name police probe found
सौरभ ने सोशल मीडिया पर @Saurabh_IAAS हैंडल से फर्जी IAS की पहचान बनाई थी. (फोटो- X)
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प्रशांत सिंह
5 सितंबर 2025 (Published: 06:22 PM IST)
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लखनऊ में पकड़े गए फर्जी IAS अधिकारी सौरभ त्रिपाठी (Fraud IAS Saurabh Tripathi) को लेकर हर दिन नए खुलासे हो रहे हैं. उसके पास से कई लग्जरी गाड़ियां भी बरामद हुई थीं. अब जांच में सामने आया है कि इन गाड़ियों में से कोई भी उसकी नहीं थी. पुलिस ने सौरभ के पास से मर्सिडीज, डिफेंडर और फॉर्च्यूनर सहित 6 गाड़ियां बरामद की थीं.

आजतक से जुड़े संतोष शर्मा की रिपोर्ट के मुताबिक फर्जी IAS सौरभ त्रिपाठी के पास से मिली फॉर्च्यूनर नोएडा के सेक्टर 99 में रहने वाले किसी जयदीप धानुक की है. वहीं, एक इनोवा क्रिस्टा लखनऊ के सुशील चंद्र त्रिवेदी के नाम पर है. दूसरी लखनऊ की आरती यादव नाम की महिला के नाम पर है. इसके अलावा एक और इनोवा क्रिस्टा लखनऊ के ही वकील अहमद की है. रिपोर्ट के मुताबिक उसके पास जो डिफेंडर मिली है, वो पटना के दर्पण जैन के नाम पर रजिस्टर्ड है. वहीं, मर्सिडीज कार कौशिक टूर्स एंड ट्रैवल्स के नाम पर है.

पूछताछ में पता चला है कि सौरभ दूसरों के नाम पर रजिस्टर्ड लग्जरी गाड़ियों पर यूपी विधानसभा/विधान परिषद/सचिवालय का पास लगाकर चलता था. इनमें 'उत्तर प्रदेश शासन' या ‘भारत सरकार’ लिखा होता था. वजीरगंज पुलिस ने फर्जी IAS से बरामद गाड़ियों की डिटेल्स के लिए RTO को तलब किया है. फिलहाल पुलिस ये जांच कर रही है कि आखिर इन गाड़ियों पर सचिवालय का पास कैसे जारी हुआ था.

चेकिंग के दौरान पकड़ा गया

फर्जी IAS सौरभ को 3 सितंबर के दिन वजीरगंज इलाके में कारगिल शहीद पार्क के पास रूटीन चेकिंग के दौरान पकड़ा गया था. उसने पुलिस को धमकाने की कोशिश की, लेकिन जांच में उसकी फर्जी पहचान का पर्दाफाश हो गया. पुलिस ने सौरभ के कब्जे से 6 लग्जरी गाड़ियां बरामद की थीं.

सोशल मीडिया से पहचान

सौरभ ने सोशल मीडिया पर @Saurabh_IAAS हैंडल से ‘IAS’ वाली पहचान बनाई थी. जहां वो सरकारी कार्यक्रमों और बैठकों की तस्वीरें शेयर करता था. उसने कई राज्यों में, जैसे उत्तराखंड, मध्य प्रदेश, दिल्ली और बिहार में, फर्जी पहचान के सहारे लोगों को ठगा और सरकारी सुविधाओं का लाभ उठाया. उसका लैपटॉप खोलने पर एक फर्जी NIC मेल ID (saurabh.t@gov.in) मिली, जिसका इस्तेमाल वो अधिकारियों को मेल भेजकर सिफारिश करने के लिए करता था.

पुलिस के मुताबिक, सौरभ ने BTech की पढ़ाई की थी और एक NGO चलाते हुए उसने अधिकारियों के व्यवहार को समझकर ये फर्जीवाड़ा शुरू किया. वो आत्मविश्वास के साथ सरकारी कार्यक्रमों में शामिल होता और अधिकारियों पर दबाव बनाता था. उसने मंत्रियों और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ तस्वीरें खिंचवाकर अपनी छवि को और मजबूत किया. वजीरगंज पुलिस अब सौरभ के नेटवर्क, पैसे के लेनदेन और अन्य गतिविधियों की जांच कर रही है.

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