The Lallantop
Advertisement
  • Home
  • India
  • Farrukhabad After death of woman in Kanpur hospital her nephews tried to get a thumb impression on property documents

मौत के बाद चाची के अंगूठे की छाप ले रहे थे भतीजे, फिर जो खेल खुला...

महिला के पोस्टमॉर्टम के बाद भी ड्रामा खत्म नहीं हुआ. भतीजे शव लेने की जिद पर अड़ गए, तो राकेश पाल ने विरोध किया. उसका कहना था कि जब बीमार थीं, तब कहां थे ये लोग? अब संपत्ति के लिए शव पर हक जता रहे हैं.

Advertisement
Farrukhabad After death of woman in Kanpur hospital her nephews tried to get a thumb impression on property documents
पुलिस ने आखिरकार शव भतीजों को सौंप दिया. भतीजों ने अपनी गलती कबूल की और पुलिस ने भी ज्यादा सख्ती नहीं दिखाई. (फोटो- AI)
pic
प्रशांत सिंह
3 अप्रैल 2025 (Updated: 3 अप्रैल 2025, 06:46 PM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

उत्तर प्रदेश के फर्रुखाबाद में एक ऐसा ड्रामा हुआ जिसे सुनकर आप भी अपना सिर पीट लेंगे. यहां एक 60 साल की बुजुर्ग महिला की मौत के बाद उनके भतीजों ने ऐसा खेल खेला कि हॉस्पिटल स्टाफ तक हैरान रह गए. इसके आगे जो हुआ, वो किसी फिल्मी सीन से कम नहीं.

कानपुर में इलाज के दौरान निधन

इंडिया टुडे से जुड़े सिमर चावला की रिपोर्ट के मुताबिक फर्रुखाबाद की रहने वाली 60 वर्षीय महिला मुन्नी देवी का कानपुर के एक अस्पताल में इलाज के दौरान निधन हो गया. जैसे ही उनके भतीजों प्रेमपाल सिंह चौहान और धर्मवीर सिंह को खबर लगी, वो फटाफट अस्पताल पहुंचे. अब यहां तक तो ठीक था, लेकिन आगे जो हुआ, वो देख अस्पताल वाले भी हैरान रह गए.

हॉस्पिटल वालों ने पुलिस को बताया

भतीजे अस्पताल पहुंचे और वहां मृत चाची के हाथ पकड़े और उनकी उंगलियों से अंगूठे की छाप लेने की कोशिश शुरू कर दी. तभी हॉस्पिटल वालों को लगा कि कुछ गड़बड़ है. आखिर कोई अपनी चाची की लाश से अंगूठा क्यों छपवाएगा? स्टाफ ने तुरंत पुलिस को फोन घुमाया. पुलिस का नाम सुनते ही दोनों भतीजे सतर्क हो गए और वो बैकफुट पर आ गए. बाद में पता चला कि ये सारा खेल संपत्ति के लिए था.

महिला ने संपत्ति राकेश के नाम कर दी थी

मुन्नी देवी के पति रणवीर सिंह जेल में सिपाही थे और उनकी कोई औलाद नहीं थी. पति के निधन के बाद पड़ोस में रहने वाला राकेश पाल नाम का एक शख्स उनकी देखभाल करता था. मुन्नी देवी उसे अपने बेटे जैसा मानती थी. दो महीने पहले ही उन्होेंने अपनी सारी संपत्ति उनके नाम कर दी थी. लेकिन चाची की मौत होते ही भतीजों ने संपत्ति कब्जाने का प्लान बनाया. जब मुन्नी देवी बीमार थीं, तब तो कोई पूछने नहीं आया, लेकिन अब लाश पर दावा ठोकने की होड़ मच गई.

पोस्टमॉर्टम के बाद भी ड्रामा खत्म नहीं हुआ. भतीजे शव लेने की जिद पर अड़ गए, तो राकेश पाल ने विरोध किया. उनका कहना था, "जब बीमार थीं, तब कहां थे ये लोग? अब संपत्ति के लिए शव पर हक जता रहे हैं." दोनों पक्षों में ‘तू-तू मैं-मैं’ हुई, लेकिन पुलिस ने आखिरकार शव भतीजों को सौंप दिया. भतीजों ने अपनी गलती कबूल की और पुलिस ने भी ज्यादा सख्ती नहीं दिखाई.

तो ये थी फर्रुखाबाद की कहानी, जहां मौत के बाद भी संपत्ति का खेल चला. सच में, इंसान की लालच की कोई सीमा नहीं होती. इस पर आप क्या सोचते हैं?

वीडियो: कानपुर के लड़के ने साइबर फ्रॉड वाले को ठगा, यूपी डीजीपी प्रशांत कुमार ने दिया इनाम

Advertisement