दिल्ली ब्लास्ट केस: डॉक्टर मुजम्मिल ने आटे की चक्की से निकाला था अमोनियम नाइट्रेट
पुलिस ने गनी के फरीदाबाद स्थित किराये के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, अन्य विस्फोटक सामग्री, एक आटे की चक्की, ग्राइंडर और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए थे. जांच में पता चला है कि गनी ने ये सभी मशीनें और सामान पहले फरीदाबाद के एक टैक्सी ड्राइवर के घर रखी थीं.

दिल्ली में लाल किले के पास 10 नवंबर को हुए कार बम ब्लास्ट मामले में अब तक का सबसे चौंकाने वाला खुलासा हुआ है. हमले का मुख्य आरोपी डॉक्टर मुजम्मिल शकील गनी फरीदाबाद में किराये के मकान में मेल्टिंग फर्नेस और ग्राइंडर का इस्तेमाल कर रहा था. सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि उसने इसी की मदद से यूरिया से अमोनियम नाइट्रेट अलग कर विस्फोटक तैयार किए थे.
शादी का गिफ्ट बताया थापुलिस ने गनी के फरीदाबाद स्थित किराये के कमरे से 360 किलोग्राम अमोनियम नाइट्रेट, अन्य विस्फोटक सामग्री, एक आटे की चक्की, ग्राइंडर और कई इलेक्ट्रॉनिक डिवाइस बरामद किए थे. जांच में पता चला है कि गनी ने ये सभी मशीनें और सामान पहले फरीदाबाद के एक टैक्सी ड्राइवर के घर रखी थीं. इंडिया टुडे से जुड़े सचिन गौड़ की रिपोर्ट के मुताबिक उसने ड्राइवर को बताया था कि ये सामान उसकी ‘बहन की शादी के गिफ्ट’ हैं. बाद में उसने इन्हें अपने किराये के मकान में शिफ्ट कर लिया.
पूछताछ में मुजम्मिल गनी ने कबूल किया कि वो लंबे समय से आटे की चक्की में यूरिया पीसकर उससे अमोनियम नाइट्रेट अलग करता था और विस्फोटक को रिफाइन करता था. गनी फरीदाबाद की अल-फलाह यूनिवर्सिटी में डॉक्टर रहा है. उसी यूनिवर्सिटी के उसके दो अन्य साथी, लखनऊ के शाहीन सईद और अनंतनाग के अदील अहमद राथर को भी पुलिस ने गिरफ्तार किया है.
10 नवंबर को लाल किले के पास एक ह्यूंडई i20 कार में सुसाइड बॉम्बर उमर उन नबी ने ब्लास्ट किया था. इस हमले के बाद से अब तक 15 लोगों की मौत हो चुकी है. उमर भी पेशे से डॉक्टर था और अल-फलाह यूनिवर्सिटी से जुड़ा हुआ था.
टैक्सी ड्राइवर हिरासत मेंNIA की टीम ने टैक्सी ड्राइवर को भी हिरासत में लिया है. रिपोर्ट के मुताबिक उसने बताया कि करीब चार साल पहले जब वो अपने बेटे का इलाज कराने अल-फलाह मेडिकल कॉलेज गया था, तभी मुजम्मिल गनी से उसकी मुलाकात हुई थी. उसी दोस्ती का फायदा उठाकर गनी ने उसके घर में विस्फोटक बनाने की मशीनें रखी थीं.
दिलचस्प बात ये है कि लाल किले में धमाके से कुछ घंटे पहले ही जम्मू-कश्मीर पुलिस ने दावा किया था कि उसने एक अंतरराष्ट्रीय “व्हाइट कॉलर” टेरर मॉड्यूल का भंडाफोड़ किया है. ये मॉड्यूल पाकिस्तान स्थित जैश-ए-मोहम्मद और अलकायदा से जुड़े टेरर ग्रुप अंसार गजवात-उल-हिंद से जुड़ा था. पुलिस ने 2,900 किलोग्राम विस्फोटक सामग्री भी बरामद की थी, जिसमें अमोनियम नाइट्रेट भी शामिल था. जांच एजेंसियों का मानना है कि दिल्ली धमाके में भी यही अमोनियम नाइट्रेट इस्तेमाल हुआ.
फिलहाल एनआईए की टीम अल-फलाह यूनिवर्सिटी पर फोकस कर रही है. यूनिवर्सिटी के कई डॉक्टरों और स्टाफ का आतंकी संगठनों से कनेक्शन सामने आ रहा है. जांच में ये भी पता चला है कि आरोपी डॉक्टर अपनी प्रोफेशनल डिग्री और नौकरी का इस्तेमाल आतंकवाद को फंडिंग और लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में कर रहे थे.
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