दिल्ली ब्लास्ट: जांच में एक और कार का पता चला, रंग लाल, नंबर ये है, तलाश शुरू
Delhi Police Alert EcoSport Car: सूत्रों ने बताया कि अब तक कि जांच से पता चला है कि उमर ने गाड़ी खरीदने के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के एक फर्जी पते का इस्तेमाल किया था. इसके चलते पुलिस ने देर रात उस जगह पर छापा मारा. हालांकि, गाड़ी का वर्तमान ठिकाना अभी तक अज्ञात है.
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दिल्ली पुलिस को शक है कि लाल किला ब्लास्ट की तैयारी में एक और कार का इस्तेमाल किया गया था. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक ये एक लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट कार थी. इसे लेकर पूरी दिल्ली में अलर्ट तो जारी कर ही दिया गया है, हरियाणा और उत्तर प्रदेश की पुलिस टीमों को भी इसके बारे में सूचना दे दी गई है. इसके अलावा, i20 कार से जुड़े लोगों से भी पूछताछ की जा रही है.
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, फोर्ड इकोस्पोर्ट का रजिस्ट्रेशन नंबर DL10CK0458 है. ये उमर उन नबी के नाम पर रजिस्टर्ड है, जिसे डॉ. उमर मोहम्मद के नाम से भी जाना जाता है. उमर को कार का दूसरा मालिक बताया गया है. कार 22 नवंबर, 2017 को दिल्ली के राजौरी गार्डन RTO में रजिस्टर हुई थी.
सूत्रों ने बताया कि अब तक कि जांच से पता चला है कि उमर ने गाड़ी खरीदने के लिए उत्तर-पूर्वी दिल्ली के एक फर्जी पते का इस्तेमाल किया था. इसके चलते पुलिस ने देर रात उस जगह पर छापा मारा. हालांकि, गाड़ी का वर्तमान ठिकाना अभी तक अज्ञात है.
इंडिया टुडे से जुड़े हिमांशु मिश्रा और श्रेया चटर्जी की खबर के मुताबिक, अधिकारियों का मानना है कि संदिग्धों ने ऑपरेशन में एक सेकेंडरी वाहन के रूप में इकोस्पोर्ट का इस्तेमाल किया था. क्योंकि विस्फोट स्थल पर सफेद हुंडई i20 कार में भी ब्लास्ट हो चुका था.
खुफिया एजेंसियों ने चेतावनी दी है कि लाल इकोस्पोर्ट में अब भी अहम सबूत या विस्फोटक हो सकते हैं. ऐसे में अलग-अलग एजेंसियों को निर्देश दिया गया है कि वो किसी भी लाल रंग की फोर्ड इकोस्पोर्ट को रोकें और DL10CK0458 नंबर पर ध्यान दें. घटना की जांच में दिल्ली पुलिस केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों के साथ को-ऑर्डिनेट कर रही है. साथ ही, कार की गतिविधियों का पता लगाने के लिए सीसीटीवी फुटेज, टोल बूथ रिकॉर्ड और मोबाइल टावर डेटा को खंगाल रही है.
माना जा रहा है कि डॉ. उमर ही वो व्यक्ति था, जो ब्लास्ट वाली सफेद हुंडई i20 कार चला रहा था. जांच एजेंसियों ने उसके परिवार के सदस्यों के डीएनए नमूने पहले ही इकट्ठा कर लिए हैं. जिनका मिलान घटना स्थल से मिले सबूतों से किया जा रहा है. ताकि गाड़ी में बैठे व्यक्ति की पहचान की पुष्टि की जा सके.
इससे पहले, इंडिया टुडे ने सूत्रों के हवाले से बताया था कि उमर ने अपने दो साथियों के साथ मिलकर हमले की योजना बनाई थी. हालांकि, सोमवार, 10 नवंबर को फरीदाबाद में अपने साथियों की गिरफ्तारी के बाद, उसने घबराहट में अकेले ही इस हमले को अंजाम दिया.
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