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200 से कम कर्मचारी वाली कंपनियों में छंटनी की 'छूट', दिल्ली में बदला लेबर लॉ

Delhi सरकार ने Labour Department को महिलाओं को Night Shift में काम करने के लिए अनुमति देने का निर्देश दिया है. हालांकि इसके लिए महिला कर्मचारी की सहमति जरूरी होगी.

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एलजी और दिल्ली सरकार की मीटिंग में ये फैसला हुआ है. (इंडिया टुडे, फाइल फोटो)
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आनंद कुमार
2 जुलाई 2025 (Updated: 2 जुलाई 2025, 12:39 PM IST)
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दिल्ली सरकार (Delhi labour law change) ने लेबर लॉ में कई बड़े बदलाव किए हैं. इसके तहत अब महिला कर्मचारी नाइट शिफ्ट में काम कर सकेंगी. लेकिन इसके लिए उनकी सहमति जरूरी होगी. वहीं अब 200 से कम कर्मचारियों वाले फैक्ट्री या कंपनियों को छंटनी की खुली छूट दे दी गई है.

दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना के ऑफिस के अधिकारियों ने बताया कि श्रम विभाग को दिल्ली दुकान और स्थापना अधिनियम (Delhi Shops and Establishment Act) में संशोधन करने और फैक्ट्री अधिनियम (Factory Act) के तहत नोटिफिकेशन जारी करने के निर्देश दिए गए हैं. इसके तहत महिलाओं की नाइट शिफ्ट के लिए सुरक्षा उपाय लागू करने के आदेश दिए गए हैं.

श्रम विभाग को दुकान और प्रतिष्ठान अधिनियम में भी संशोधन करने के निर्देश जारी किए गए हैं. इस अधिनियम के तहत कर्मचारियों की न्यूनतम संख्या की सीमा को एक से बढ़ाकर 10 करने को कहा गया है. इसका मतलब है कि अब कम से कम 10 कर्मचारी होने पर ही दुकान और प्रतिष्ठान इस अधिनियम का फायदा उठा पाएंगे. इसके साथ ही दुकानों और प्रतिष्ठानों को अब पूरे हफ्ते 24 घंटे खुले रहने की इजाजत दे दी गई है.

उप राज्यपाल कार्यालय ने औद्योगिक विवाद अधिनियम (Industrial Dispute Act) में भी संशोधन के निर्देश दिए हैं. इसके तहत अब किसी फैक्ट्री या कंपनी में अगर 200 कर्मचारी हैं तो उसे बंद करने या कंपनी में छंटनी करने के लिए किसी की अनुमति लेने की जरूरत नहीं पड़ेगी. अभी तक यह सीमा 100 कर्मचारियों की है. अधिकारियों के मुताबिक, कारोबार को आसान बनाने के लिए ये कदम उठाया गया है.

कर्मचारियों को मुआवजे की मांग 

दिल्ली सरकार से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि ऐसे मामलों में श्रमिकों के पास लेबर कोर्ट में जाने का विकल्प रहेगा. श्रमिक संगठनों ने इस बदलाव पर सवाल उठाए हैं. श्रमिक विकास संगठन के महासचिव कृष्णा यादव ने कहा,

 अगर सरकार कंपनियों को बिना किसी अनुमति के कारोबार बंद करने या छंटनी करने की छूट दे रही है तो श्रमिकों को मुआवजा देने का कानून भी होना चाहिए. क्योंकि नौकरी जाने पर उनको किसी तरह का लाभ नहीं मिलेगा.

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दिल्ली के उपराज्यपाल वीके सक्सेना ने मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता के साथ एक हाई लेवल मीटिंग के बाद ये निर्देश जारी किए. इस बैठक में दिल्ली के गृह मंत्री आशीष सूद, उद्योग मंत्री मनजिंदर सिंह सिरसा, मुख्य सचिव धर्मेंद्र, संबंधित विभागों के सचिव और टॉप लेवल पुलिस अधिकारी भी उपस्थित रहे. 

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