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दमोह केस में नया मोड़: जिस पर पैर धोने को मजबूर करने का आरोप, वही निकला ‘गुरु’!

मध्य प्रदेश के दमोह में पैर धोकर पानी पीने के मामले में दो लोगों को गिरफ्तार किया गया है. हालांकि, आरोपी का दावा है कि गुरु-शिष्य परंपरा के तहत युवक ने उनके पैर धोए थे. इसका पीड़ित ने भी समर्थन किया है.

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Damoh
दमोह के वायरल वीडियो में पुरुषोत्तम (बायें) अनुज पांडे (दायें) का पैर पकड़े बैठे हैं (India
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विकास वर्मा
14 अक्तूबर 2025 (Updated: 14 अक्तूबर 2025, 01:20 PM IST)
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पैर धोकर पीने की एक पुरानी कहावत है. किसी के मन में गुरु, मां, पिता या किसी भी शख्सियत के प्रति अथाह सम्मान हो तो कहते हैं कि ‘वह फलां व्यक्ति के पांव धोकर पीता है’. इसमें मुख्य बात सम्मान की है लेकिन क्या हो कि जबरदस्ती किसी को पांव धोकर पीने के लिए कहा जाए? मध्य प्रदेश के दमोह में ऐसा ही हुआ. एक शख्स ने ब्राह्मण समाज के एक व्यक्ति की AI (Artificial Intelligence) से बनी फोटो सोशल मीडिया पर लगा दी. फोटो में उसे जूतों की माला पहनाए दिखाया गया था. 

इस फोटो ने गांव में बवाल मचा दिया. फोटो लगाने वाले को फोटो हटानी पड़ी. माफी भी मांगनी पड़ी. इतना ही नहीं, इसके बदले में उसे जिस व्यक्ति का फोटो उसने बनाया था, उसके पांव धोकर पानी पीने की सजा दी गई. ये सजा भारतीय संविधान के तहत आने वाले किसी कोर्ट ने नहीं दी. गांव की पंचायत ने दी. मामला 11 अक्टूबर का है और अब उसमें एक अपडेट ये है कि 2 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.  पुलिस ने मामले में 6 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की थी.   

अनुज पांडे साथी संग गिरफ्तार

दमोह के एसपी श्रुतकीर्ति सोमवंशी ने लल्लनटॉप से बातचीत में बताया क‍ि इस मामले में 4 लोग नामजद हैं और बाकी अज्ञात हैं. सभी आरोप‍ियों के ख‍िलाफ  BNS की धारा 196 के तहत केस दर्ज क‍िया गया था. 12 अक्टूबर की रात मुख्य आरोपी अनुज पांडे और उसके एक साथी को गिरफ्तार कर ल‍िया गया. बाकी दो अन्य नामजद और अज्ञात आरोप‍ियों को भी जल्द गिरफ्तार कर ल‍िया जाएगा. उनकी भी तलाश जारी है.

पुल‍िस ने आरोप‍ियों पर भारतीय न्याय संहिता की ज‍िस धारा 196 के तहत मामला दर्ज क‍िया है वो समूहों के बीच शत्रुता को बढ़ावा देने से संबंधित है. ये धर्म, नस्ल, भाषा या जाति के आधार पर शब्दों, संकेतों, या इलेक्ट्रॉनिक संचार (जैसे सोशल मीडिया) पर नफरत फैलाने या ऐसी कोई बात ज‍िससे सामाज‍िक सद्भाव ब‍िगड़े या सार्वजनिक शांति भंग हो उसे अपराध मानती है. इसमें तीन साल तक की कैद और जुर्माने का प्रावधान है.  

पूरा मामला क्या है?

आज तक से जुड़े शांतनु भारत की र‍िपोर्ट के मुताबिक इस पूरे मामले की शुरुआत दमोह जिले के सतरिया गांव से हुई. गांव में पिछले कुछ वक्त से शराबबंदी लागू है. ये फैसला सरकार का नहीं बल्कि गांव के लोगों ने ही पंचायत बुलाकर तय किया था कि यहां शराब पीने और बेचने वालों पर जुर्माना लगाया जाएगा. कुछ दिनों पहले इसी गांव का अनुज पांडे शराब पीता-बेचता पकड़ा गया. उस पर 2100 रुपये का जुर्माना लगा. बात यहीं खत्म हो गई.

लेकिन पुरुषोत्तम कुशवाहा नाम के एक शख्स ने अपने सोशल मीडिया अकाउंट से एक AI जनरेटेड फोटो पोस्ट की. इस फोटो में अनुज पांडे को जूतों की माला पहनाए हुए दिखाया गया. जब गांव वालों ने आपत्ति जताई तो पुरुषोत्तम ने वो फोटो डिलीट कर दी. माफी भी मांग ली. लेकिन, मामला सुलटा नहीं. 

गांव का ब्राह्मण वर्ग इस बात से नाराज था. मामले की शिकायत पुलिस से करने की बजाय 10 अक्टूबर को गांव के एक मंदिर में पंचायत बुलाई गई. पुरुषोत्तम कुशवाहा से अनुज पांडे के थाली में पैर रखकर धुलवाए गए माफी मंगवाई गई और ये सब भरी पंचायत में हुआ. इस घटना के वीडियो भी सोशल मीडिया पर वायरल हुए. वीडियो वायरल होने और घटना के तूल पकड़ने के बाद दमोह पुलिस हरकत में आई. 

गांव में बढ़ा जातीय तनाव

एसपी के न‍िर्देश पर पटेरा पुलिस थाने में 6 लोगों के खिलाफ मामला दर्ज किया गया, जिनमें पैर धुलवाने वाला अनुज पांडे समेत 4 लोग नामजद हैं. घटना सामने आने के बाद प्रदेश में जातीय तनाव की स्थ‍ित‍ि बन गई. ओबीसी, एससी और एसटी संगठनों के लोग सड़कों पर उतर आए. 

12 अक्टूबर को इन संगठनों ने प्रदर्शन किया और दोषियों पर कड़ी कार्रवाई की मांग करते हुए ज्ञापन सौंपा. कांग्रेस के अनुसूचित जाति मोर्चा ने इसे सरकार के इशारे पर दलित, आदिवासी और पिछड़े वर्ग पर अत्याचार बताते हुए राजनीतिक आरोप लगाए.  

पीड़ित ने इच्छा से धोए पैर?

हैरानी की बात ये है कि पैर धुलवाने और पैर धोने वाले दोनों युवकों ने बाद में वीडियो जारी कर इस घटना को राजनीतिक मुद्दा न बनाने की अपील की. पैर धुलवाने वाले अनुज पांडे ने दावा किया कि पुरुषोत्तम उनके पारिवारिक गुरु-शिष्य परंपरा से जुड़े हैं. उन्होंने खुद अपनी इच्छा से पैर धोए थे.

वहीं, पैर धोने वाले पुरुषोत्तम कुशवाहा ने भी इस बात की पुष्टि की कि अन्नू पांडे उनके पारिवारिक गुरु हैं और उन्होंने गलती की माफ़ी के तौर पर ऐसा किया. उन्होंने प्रशासन से कानूनी कार्रवाई न करने की अपील की. हालांक‍ि पुल‍िस का कहना है क‍ि पैर धुलवाने का वीड‍ियो सामने आने पर इन दोनों से ये वीड‍ियो बनवाया गया है. 

वीडियो में क्या है?

वीडियो में दिख रहा है कि पुरुषोत्तम अनुज पांडे का पैर पकड़े हैं और कह रहे हैं कि वह सारे ब्राह्मण समाज से माफी मांगते हैं और आगे से ऐसी गलती नहीं होगी. वीडियो के पीछे से कुछ आवाज आती है, जिसकी बात दोहराते हुए पुरुषोत्तम आगे कहते हैं कि वह ऐसे ही ब्राह्मणों को पूजते रहेंगे. समस्त ब्राह्मण समाज उन्हें एक बार माफ कर दे.

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