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'मैं फंस गया था, निकल नहीं पाया', जासूसी के आरोप में गिरफ्तार CPRF जवान ने गिनाए अपने गुनाह

CRPF Jawan Espionage Case: गिरफ्तारी से पहले जवान लॉ एंड ऑर्डर की ड्यूटी के लिए Pahalgam इलाके में 116 बटालियन में तैनात था. NIA का कहना है कि आरोपी 2023 से Pakistan के खुफिया अधिकारियों के साथ National Security से जुड़ी Sensitive Information साझा कर रहा था.

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CRPF Jawan Espionage Case: He Shared Sensitive Photograph To Pakistani Handlers
कोर्ट ने उसे 6 जून तक NIA की हिरासत में भेज दिया है. (फाइल फोटो- पीटीआई)
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रिदम कुमार
28 मई 2025 (Published: 08:59 AM IST) कॉमेंट्स
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NIA ने बीते दिनों जासूसी के आरोप में एक CRPF जवान को गिरफ्तार (CRPF Jawan Arrest In Espionage Case) किया था. अब एक सीनियर अधिकारी के हवाले से ख़बर आई है कि आरोपी के मोबाइल में ऐसी जानकारी और तस्वीरें थीं, जिन्हें उसने कथित तौर पर पाकिस्तान में बैठे लोगों के साथ शेयर किया था. गिरफ्तार किए गए असिस्टेंट सब-इंस्पेक्टर (ASI) पर CRPF के अधिकारियों को बताया कि वह “फंस गया” था और फिर इस चंगुल से बाहर नहीं निकल पाया.

द हिंदू की रिपोर्ट के मुताबिक, ASI का नाम मोती राम जाट है. उसे 21 मई को बर्खास्त कर दिया गया था. NIA को सौंपे जाने से पहले उसके विभाग ने उससे पूछताछ की थी. अधिकारी ने कहा,

जब उससे पूछताछ की गई तो उसके फोन पर उसके पाकिस्तानी हैंडलर्स के साथ चैट मिली. उसने कॉन्टेंट को डिलीट नहीं किया था. NIA यह भी जांच करेगी कि उसने कोई संदेश मिटाया है या नहीं. उसे अपनी गलती का पछतावा था. उसने यह भी बताया कि वह उनके जाल में फंसता चला गया और इससे बाहर नहीं आ सका.

अधिकारी ने बताया कि ASI को अपनी पत्नी के बैंक अकाउंट में एक विदेशी अकाउंट से हर महीने क़रीब 3,000 रुपये की रकम मिल रही थी. बताया गया था कि पाकिस्तानी एजेंटों ने महिला बनकर सोशल मीडिया के जरिए मोती राम जाट को कॉन्टैक्ट किया था. उससे काफिले की आवाजाही समेत कई जानकारियां जुटाईं.

यह भी पढ़ेंः CRPF जवान ने पाकिस्तान को बेची संवेदनशील जानकारी, NIA ने किया गिरफ्तार

गिरफ्तारी से पहले वह लॉ एंड ऑर्डर की ड्यूटी के लिए पहलगाम इलाके में 116 बटालियन में तैनात था. 22 अप्रैल को पहलगाम के बैसरन मैदान में आतंकवादियों ने हमला किया था. इस आतंकी हमले में 26 टूरिस्टों की जान चली गई थी.

CRPF के एक अधिकारी ने बताया कि उसके सोशल मीडिया अकाउंट पर नज़र रखी जा रही थी. इस दौरान यह पता चला कि ASI ने हाल ही में कुछ नए लोगों को जोड़ा है.  अधिकारी ने कहा,

CRPF कर्मियों को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर कुछ नियमों का पालन करने की सलाह दी जाती है ताकि वे किसी के झांसे में न आएं. सोशल मीडिया गाइडलाइंस को बार-बार दोहराया जाता है.

उधर, NIA का कहना है कि आरोपी जासूसी के कामों में काफी एक्टिव था. 2023 से पाकिस्तान के खुफिया अधिकारियों के साथ नेशनल सिक्योरिटी से जुड़ी गोपनीय जानकारी साझा कर रहा था. नई दिल्ली के पटियाला हाउस कोर्ट की एक विशेष अदालत ने उसे 6 जून तक NIA की हिरासत में भेज दिया है.

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