राजस्थान में 'कफ सिरप' से बच्चों की मौत, सेफ बताने के चक्कर में डॉक्टर भी पी गया, वो भी...
डॉक्टर ताराचंद योगी ने दवा की सुरक्षा साबित करने के लिए उसे खुद पी लिया. साथ ही एम्बुलेंस ड्राइवर राजेंद्र को भी डोज पिला दी. नतीजा ये हुआ कि डॉक्टर योगी आठ घंटे बाद अपनी कार में बेहोश मिले. राजेंद्र को भी लक्षण दिखे, लेकिन इलाज से वो ठीक हो गए.

राजस्थान में एक कफ सिरप ने हड़कंप मचा दिया है. राज्य सरकार के लिए केसॉन फार्मा नाम की कंपनी ये कफ सिरप बनाती है. आरोप है कि इस जेनेरिक सिरप को पीने के बाद दो बच्चों की जान चली गई (cough cyrup children death Rajasthan). साथ ही कम से कम 10 अन्य बच्चों को गंभीर बीमारी ने जकड़ लिया है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक एक डॉक्टर ने सिरप को सेफ साबित करने के चक्कर में खुद ही इसे पी लिया, लेकिन वो भी बेहोश हो गए.
सिरप से जुड़ा पहला मामला 22 सितंबर को सामने आया. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक भरतपुर के पास एक गांव में दो साल का सम्राट जाटव ये सिरप पीने के बाद बेहोश हो गया. उसकी मां ज्योति ने बताया कि बच्चे को खांसी थी, तो सरकारी स्वास्थ्य केंद्र से ये दवा ली गई. सम्राट के अलावा उसकी बहन साक्षी और चचेरे भाई विराट ने भी ये सिरप पिया था. ज्योति ने बताया,
“सम्राट, साक्षी और विराट को दोपहर डेढ़ बजे सिरप दी, और जब पांच घंटे बाद भी तीनों बच्चे नहीं जागे, तो परिवार बहुत चिंतित हो गया. साक्षी और विराट को किसी तरह जगाया, और दोनों ने तुरंत उल्टी करनी शुरू कर दी. लेकिन सम्राट बेहोश रहा.”
दो साल के सम्राट को उनका परिवार भरतपुर के एक अस्पताल ले गया. लेकिन वहां के डॉक्टरों ने उसे जयपुर के जेके लोन अस्पताल में रेफर कर दिया. जहां 22 सितंबर को उसकी मौत हो गई.
सम्राट की दादी नेहनी जाटव ने बताया,
"तीनों पोते-पोतियों ने सिरप पिया. दो तो घंटों बाद होश में आए, लेकिन दो साल के सम्राट को हम हमेशा के लिए खो बैठे. हमें पता ही नहीं था कि ये इतना घातक हो सकता है."
रिपोर्ट के मुताबिक परिवार को तब शक हुआ जब सीकर जिले के एक अन्य बच्चे की मौत की खबर सामने आई.
बच्चा सोया, उठा ही नहींसीकर जिले के चिराणा स्वास्थ्य केंद्र से मिले इसी सिरप ने पांच साल के नितीश की जिंदगी भी छीन ली. 28 सितंबर की शाम उसे खांसी बढ़ी तो परिवार वाले पास के स्वास्थ्य केंद्र ले गए. डॉक्टरों ने वही कफ सिरप पीने को दिया. नितीश की मां ने रात साढ़े 11 बजे उसे सिरप पिलाया. इसके बाद वो रात में 3 बजे उठा, और खांसने लगा. मां ने बेटे को पानी दिया, और वो फिर से सो गया. लेकिन सुबह जागा ही नहीं.
29 सितंबर की सुबह परिवार वाले उसे तुरंत अस्पताल ले गए. वहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया. नितीश के चाचा प्रियकांत बताते हैं,
डॉक्टर भी बेहोश"नितीश दिन भर ठीक था. वो नवरात्रि के कार्यक्रम के लिए भी गया था. जब उसे रात में खांसी होने लगी, तो उसे चिराणा CHC से मिली दवा दी गई. सुबह हमें एहसास हुआ कि वो उठा ही नहीं है. तो हम उसे CHC ले गए, जहां कंपाउंडर ने हमें उसे सीकर के सरकारी अस्पताल ले जाने के लिए कहा."
लेकिन बयाना में तो इस सिरप को पीकर एक डॉक्टर ही बेहोश हो गए. रिपोर्ट के मुताबिक तीन साल के गगन कुमार को ये सिरप दिया गया था. पीने के बाद वो बीमार पड़ गया. परिवार उसे लेकर स्थानीय सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा तो यहां के प्रभारी डॉक्टर ताराचंद योगी ने दवा की सुरक्षा साबित करने के लिए उसे खुद पी लिया. साथ ही एम्बुलेंस ड्राइवर राजेंद्र को भी डोज पिला दी. नतीजा ये हुआ कि डॉक्टर योगी आठ घंटे बाद अपनी कार में बेहोश मिले. राजेंद्र को भी लक्षण दिखे, लेकिन इलाज से वो ठीक हो गए.
22 बैैचों पर बैनराजस्थान सरकार ने मामले में कार्रवाई करते हुए सिरप के 22 बैचों को बैन कर दिया है. केसॉन फार्मा की सप्लाई रोक दी गई है. जयपुर के SMS अस्पताल में रखी 8,200 बोतलें ना बांटने का आदेश जारी किया गया है. जुलाई 2023 से राज्य में 1 लाख 33 हजार सिरप की बोतलें वितरित हो चुकी हैं, इनकी जांच तेजी से चल रही है.
कंपनी पर लगा तालाआजतक से जुड़े शरत कुमार की रिपोर्ट के मुताबिक कफ सिरप बनाने वाली इस कंपनी के मालिक ने फैक्ट्री में ताला लगा दिया है. सारे कर्मचारियों की छुट्टी कर दी गई है. सरकार ने एहतियातन सभी कंपनियों के डेक्स्ट्रोमेथोर्फन हाइड्रोब्रोमाइड साल्ट के कफ सिरप की सप्लाई रोक दी है, और तीन सदस्यीय जांच कमेटी को जांच के आदेश दिए हैं.
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