'सॉरी माई लॉर्ड आवाज चली गई...", CJI सूर्यकांत बोले- दिल्ली में यही हाल
CJI Surya Kant on Pollution: यह वाकया तब हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट में सेना के एक अधिकारी के बर्खास्तगी से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही थी. सीजेआई ने तब दिल्ली में प्रदूषण के खतरे को लेकर टिप्पणी की. जानिए क्या है पूरा मामला.

सुप्रीम कोर्ट में एक मामले की सुनवाई शुरू हुई. सीनियर एडवोकेट गोपाल शंकरनारायणन बोलने के लिए उठे, लेकिन शुरू में उनकी आवाज ही नहीं निकली. इसके बाद उन्होंने तेज से खराश ली और गला ठीक करने की कोशिश की. सामने CJI सूर्यकांत बैठे थे. एडवोकेट गोपाल ने तुरंत सफाई देते हुए कहा कि माफ कीजिएगा माई लॉर्ड, मेरी आवाज चली गई है.
जवाब में CJI ने कहा कि हां, दिल्ली में अब यही हालत है. यह वाकया तब हुआ, जब सुप्रीम कोर्ट में सेना के एक अधिकारी के बर्खास्तगी से जुड़े मामले की सुनवाई चल रही थी. पूरा मामला क्या है, आप यहां क्लिक करके पढ़ सकते हैं. बहरहाल, CJI की यह टिप्पणी राजधानी दिल्ली में वायु प्रदूषण के खतरनाक स्तर को लेकर थी, जिसकी वजह से अधिकतर लोग सांस, फेफड़ों या गले से जुड़ी परेशानियों का सामना कर रहे हैं. CJI की टिप्पणी बताती है कि हालात इतने खराब हैं कि सुप्रीम कोर्ट भी उससे बेहद चिंतित है.
पिछले हफ्ते हुई थी सुनवाईपिछले हफ्ते कोर्ट में प्रदूषण और खराब हवा क्वालिटी को लेकर सुनवाई भी हुई थी. इसके बाद कोर्ट ने इसे रोकने के लिए बनाए गए प्रतिबंधों को और कड़ा करने की पैरवी की थी. कोर्ट के सुझाव पर ही दिल्ली में सोमवार यानी 25 नवंबर से सभी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों को घर से काम करने का आदेश दिया गया है. यह नियम पहले GRAP के स्टेज 4 के तहत लागू होता था. लेकिन सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई के बाद इसे स्टेज 3 में शिफ्ट कर दिया गया है. चूंकि दिल्ली में अभी GRAP 3 लागू है, इसलिए कार्यालयों में वर्क फ्रॉम होम का आदेश दिया गया है.
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खतरनाक स्तर पर प्रदूषणबताते चलें कि दिल्ली में हवा में PM2.5 और PM10 का लेवल सर्दियों के लिए तय मानक से अधिक पहुंच गया है. दिल्ली के साथ-साथ राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) के कई इलाकों में AQI 400 के पार पहुंच गया है. जो कि वायु प्रदूषण का गंभीर स्तर माना जाता है. दिल्ली में सभी प्राइवेट और सरकारी कार्यालयों में 50% कर्मचारियों के लिए वर्क फ्रॉम होम के साथ वर्किंग ऑवर्स यानी काम के घंटे अलग-अलग करने और ऑफिस आने-जाने के लिए गाड़ियों की आवाजाही में कमी लाने के भी निर्देश दिए गए हैं.
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