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चीन का भारत के साथ एक और 'गंदा' खेल, खेत से लेकर आपकी प्लेट तक होगा असर

भारतीय फर्टिलाइजर कंपनियों से जुड़े अधिकारियों ने बताया कि China ने 'स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स' पर कोई प्रतिबंध तो नहीं लगाया है. लेकिन कागजी प्रक्रिया और inspection के नाम पर इसकी निर्यात रोक दी है.

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चीन ने भारत को स्पेशिलिटी फर्टिलाइजर्स की सप्लाई बंद कर दी है. (इंडिया टुडे)
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आनंद कुमार
26 जून 2025 (Published: 02:50 PM IST) कॉमेंट्स
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रेयर अर्थ मैग्नेट की सप्लाई रोकने के बाद चीन (China) ने भारत (India) को एक और झटका दिया है. अब उसने सब्जियों और दूसरे फसलों की पैदावार बढ़ाने वाले ‘स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स’ (Speciality fertilisers) की सप्लाई रोक दी है. पिछले दो महीने से चीन भारत को इसकी सप्लाई नहीं कर रहा. जबकि बाकी दूसरे देशों के लिए उसने सप्लाई जारी रखी है.

भारत इन फर्टिलाइजर्स का 80 फीसदी हिस्सा चीन से आयात करता है. सॉल्यूबल फर्टिलाइजर इंडस्ट्री एसोसिएशन (SFIA) के अध्यक्ष राजीब चक्रवर्ती ने इकोनोमिक टाइम्स को बताया कि चीन पिछले चार-पांच सालों से समय-समय पर इन फर्टिलाइजर्स के एक्सपोर्ट पर रोक लगाता रहा है. लेकिन इस बार पूरी तरह से रोक लगा दी है.

द इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट में भारतीय फर्टिलाइजर कंपनी से जुड़े अधिकारियों के हवाले से लिखा गया है कि चीन ने सीधे तौर पर कोई प्रतिबंध नहीं लगाया है. लेकिन कागजी प्रक्रिया और इंस्पेक्शन के नाम पर भारत का निर्यात रोक दिया गया है. ऐसा पहली बार नहीं हुआ है, लेकिन इस बार मामला गंभीर है क्योंकि सप्लाई पूरी तरह से रोक दी गई है.

एक्सपर्ट मानते हैं कि ये भारत के खिलाफ चीन की 'सॉफ्ट ब्लॉकेज' नीति का हिस्सा हो सकता है. पिछले पांच साल में भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ा है. सीमा पर झड़पें भी हुईं. साथ ही पाकिस्तान के खिलाफ हालिया टकराव में चीन पड़ोसी देश के साथ खड़ा दिखा. चीन के इस कदम को इन घटनाक्रमों से ही जोड़ कर देखा जा रहा है.

चीन द्वारा रोक लगाए गए स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स में वॉटर सॉल्युबल फर्टिलाइजर (WSF), फोलियर और फर्टिगेशन के लिए लिक्विड फर्टिलाइजर, कंट्रोल्ड रिलीज फर्टिलाइजर (SRFs), माइक्रोन्यूट्रिएंट फर्टिलाइजर, फोर्टिफाइड फर्टिलाइजर, कस्टमाइज्ड फर्टिलाइजर, नैनो फर्टिलाइजर और बायो स्टिमुलेंट्स जैसे फर्टिलाइजर शामिल हैं. भारत ने बीते साल जून से दिसंबर की अवधि में इन फर्टिलाइर्जस का करीब एक लाख 60 हजार टन तक का इंपोर्ट किया था.

लगातार बढ़ रही है डिमांड

भारत में चीन से आयात किए जाने वाले स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स की डिमांड लगातार बढ़ रही है. माइक्रोन्यूट्रिएंट फर्टिलाइजर का बाजार 2029 तक 9.2 फीसदी की कंपाउंड एनुअल ग्रोथ रेट(CAGR) से 1 बिलियन डॉलर (लगभग 8500 करोड़) को पार करने की उम्मीद है. वहीं भारतीय स्टिमुलेंट्स का बाजार 15.6 की CAGR से 2029 तक 734 मिलियन डॉलर (लगभग 6200 करोड़) तक पहुंचने की उम्मीद है. जबकि ऑर्गेनिक फार्मिंग का बाजार साल 2032 तक 1.13 बिलियन डॉलर (लगभग 9600 करोड़) तक पहुंच सकता है.

स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स न सिर्फ उत्पादन बढ़ाते हैं, बल्कि मिट्टी की सेहत भी सुधारते हैं. और पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भी कम करते हैं. दीपक फर्टिलाइजर्स, पारदीप फर्टिलाइजर्स और नागार्जुन फर्टिलाइजर्स जैसी कंपनियां इस सेगमेंट में ऑपरेट करती हैं. लेकिन भारत के पास इनको बनाने की तकनीक या यूनिट्स नहीं हैं.

अब आगे क्या विकल्प है?

स्पेशलिटी फर्टिलाइजर्स की बढ़ती डिमांड को देखते हुए कई प्राइवेट प्लेयर्स इनके घरेलू उत्पादन की ओर कदम बढ़ा रही हैं. लेकिन फैक्ट्री लगाने, टेक्नोलॉजी लाने और उत्पादन शुरू करने में समय लगेगा. तत्काल विकल्प के तौर पर जॉर्डन और यूरोपीय देशों की ओर देखा जा सकता है. लेकिन कीमतें ज्यादा हैं. और माल समय से डिलीवर हो पाना भी एक चुनौती है.

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फल सब्जियों की पैदावार पर असर 

स्पेशिलिटी फर्टिलाइजर्स का इस्तेमाल मुख्य तौर पर फल, सब्जियों और दूसरे कैश क्रॉप्स के लिए किया जाता है. इसलिए इसकी कमी का सीधा असर किसानों की कमाई पर पड़ेगा. इससे फसलों की उपज में गिरावट के साथ-साथ उनकी क्वालिटी भी प्रभावित हो सकती है. साथ ही आम ग्राहकों के लिए फल और सब्जियां महंगी भी हो सकती हैं.  

वीडियो: अर्थात: किसानों के लिए लाए जा रहे बिल के बीच भारत के किसानी का हाल जान लीजिए

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