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चीतों में भी होते हैं 'विक्की डोनर'? स्पर्म बैंक बनाकर हो रही बचाने की कोशिश, पर कलेक्शन कैसे करते हैं?

चीतों को खत्म होने से बचाने के लिए कई लोग लगे हुए हैं. लॉरी मार्कर को चिंता है कि दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर चीता जल्द ही विलुप्त होने की कगार पर पहुंच जाएगा और उसे बचाने के लिए साइंस की जरुरत होगी. और इसलिए ही उन्होंने चीतों का स्पर्म जुटाना शुरू कर दिया है.

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cheetah sperm bank
पिछले 50 सालों में जंगली चीतों की संख्या में 80% गिरावट आई है. (फोटो: इंडिया टुडे)
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अर्पित कटियार
5 दिसंबर 2025 (Published: 12:28 PM IST)
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अमेरिकी जूलॉजिस्ट्स लॉरी मार्कर पिछले 35 सालों से एक गजब का मिशन चला रही हैं. वे नामीबिया में बने एक ‘स्पर्म बैंक’ (Cheetah Sperm Bank) में चीतों के स्पर्म इकट्ठा कर रही हैं. मार्कर को चिंता है कि दुनिया का सबसे तेज दौड़ने वाला जानवर चीता एक दिन विलुप्त होने के कगार पर पहुंच जाएगा और उसे बचाने के लिए साइंस की जरूरत होगी.

एसोसिएटेड प्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक, नामीबिया में ओत्जीवारोंगो शहर के पास ‘चीता कंजर्वेशन फंड’ (CCF) में यह स्पर्म बैंक मौजूद है. मार्कर के शब्दों में कहें तो एक यह ‘फ्रोजन ज़ू’ है, जहां लगभग 400 चीतों के स्पर्म के नमूने तरल नाइट्रोजन में बहुत ही कम तापमान पर रखे गए हैं. मार्कर पिछले 35 सालों से ये नमूने इकट्ठा कर रही हैं. 

दुनिया भर में आज 7,000 से भी कम चीते बचे हैं. लगभग उतने ही जितने गंभीर रूप से लुप्तप्राय काले गैंडे. पिछले 50 सालों में जंगली चीतों की संख्या में 80% गिरावट आई है और वे अपने ऐतिहासिक जंगल क्षेत्र के 90% हिस्से से गायब हो चुके हैं. 

मार्कर ने बताया कि चीतों की केवल 33 आबादी हैं, जो खासकर अफ़्रीका में फैले हुए हैं, और इनमें से ज़्यादातर ग्रुप्स में 100 से भी कम चीते हैं. चीतों में पहले से ही 70-80% असामान्य शुक्राणु पाए जाते हैं, जो भविष्य में प्राकृतिक प्रजनन के लिए चुनौती बन सकते हैं.

ये भी पढ़ें: अफ्रीका से भारत लाए गए चीते मर क्यों रहे हैं?

स्पर्म बैंक की जरूरत क्यों पड़ी?

मार्कर कहती हैं कि वे चीतों का पीछा करके नमूने नहीं लेतीं, बल्कि घायल, पकड़े गए या मृत चीतों से मौका मिलने पर नमूने इकट्ठा करती हैं. वाइल्डलाइफ़ साइंस में यह रणनीति नई नहीं है. हाथियों, गैंडों, हिरनों व बड़ी बिल्लियों के लिए भी ऐसे बैंक बनाए गए हैं.

इसी तकनीक से उत्तरी सफेद गैंडे को बचाने की कोशिश आज भी जारी है, जिनमें अब केवल दो मादा जिंदा हैं. वैज्ञानिक, सालों पहले जमा किए गए शुक्राणुओं के सहारे इस प्रजाति को वापस लाने की कोशिश कर रहे हैं.

अगर चीते संकट की स्थिति में पहुंचते भी हैं, तो चिड़ियाघरों में मौजूद लगभग 1,800 चीते तो हैं ही. लेकिन समस्या यह है कि बंदी बनाए गए चीते आसानी से प्रजनन नहीं करते. ऐसे में स्पर्म बैंक आखिरी उम्मीद साबित हो सकता है. 

वीडियो: पीएम मोदी ने नामीबिया से आए जिस चीता को कूनो में छोड़ा उसकी मौत कैसे हो गई?

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