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दिक्कतें और भी हैं नॉर्मलाइजेशन के सिवा... BPSC अभ्यर्थियों की इन मांगों को कब सुनेगा आयोग?

BPSC Exam Protest: छात्रों के बीच BPSC की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा आयोजित कराने के तरीकों के लेकर फैली कनफ्यूजन ने विवाद खड़ा कर दिया. अभ्यर्थियों के विरोध के बीच BPSC ने 6 दिसंबर की रात सफाई जारी कर कहा है कि परीक्षा 13 दिसंबर को एक पाली में होगी और उसमें नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. लेकिन छात्रों का कहना है कि उनकी मांग खत्म नहीं हुई है.

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bpsc preliminary examination why students are protesting and what led to controversy of normalisation
पटना में आयोग के कार्यालय के बाहर प्रदर्शन कर रहे अभ्यर्थियों के खिलाफ हुआ था लाठीचार्ज. (तस्वीर:PTI)
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शुभम सिंह
8 दिसंबर 2024 (Updated: 8 दिसंबर 2024, 10:11 AM IST)
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BPSC यानी बिहार पब्लिक सर्विस कमीशन की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा (BPSC Exams) को लेकर पिछले कुछ सप्ताह से बवाल मचा हुआ है. छात्रों के बीच परीक्षा आयोजित कराने के तरीकों के लेकर फैली कनफ्यूजन ने विवाद खड़ा कर दिया. अभ्यर्थियों के विरोध के बीच BPSC ने 6 दिसंबर की रात सफाई जारी कर कहा है कि परीक्षा 13 दिसंबर को एक पाली में होगी और उसमें नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं होगा. लेकिन छात्रों का कहना है कि उनकी मांग और समस्या खत्म नहीं हुई है. इस रिपोर्ट में जानेंगे कि BPSC परीक्षा को लेकर विवाद शुरू कहां से हुआ और छात्रों की दूसरी मांगें क्या हैं?

विवाद कहां से शुरू हुआ?

BPSC सिविस सर्विल परीक्षा के तहत डीएसपी, डिप्टी कलेक्टर और राजस्व अधिकारी जैसे प्रशासिनक पदों के अलावा ग्रुप बी लेवल के कई अन्य पदों पर भर्तियां होती हैं. इस बार 2035 पदों के लिए परीक्षा आयोजित की जा रही है. BPSC के इतिहास में यह सबसे बड़ी वैकेंसी है.

70वीं प्रारंभिक परीक्षा के संबंध में 21 सितंबर, 2024 को BPSC के अध्यक्ष परमार रवि मनुभाई ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस आयोजित की थी. उन्होंने इस दौरान बताया कि परीक्षा में किस तरह के ‘सुधारात्मक कदम’ उठाए जाएंगे. परमार रवि मनुभाई ने कहा,

“आयोग ने जितने सुधारात्मक स्टेप्स लिए थे, उन सभी स्टेप्स को इस बार भी लागू किया जाएगा. मतलब, ये एग्जाम भी या तो एक से अधिक तिथि को या एक से अधिक सेट जिसके हम लोग मल्टी सेट कहते हैं, वो मल्टीसेट के तहत लिया जाएगा.”

उन्होंने आगे कहा,

“परीक्षा एक से अधिक डेट पर हो सकती है, लेकिन वो निर्णय हमने अभी नहीं लिया है. उसको भी हम लोग इस बार लागू करेंगे.”

प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब परमार रवि मनुभाई से पूछा गया कि रिजल्ट को नॉर्मल करने के लिए वे क्या करेंगे? तब उन्होंने नॉर्मलाइजेशन के पक्ष में दलील दी. साथ ही IIT JEE सहित अन्य परीक्षाओं का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि इन परीक्षाओं में भी नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया अपनाई जाती है. परमार रवि ने कहा,

“नॉर्मलाइजेशन का ‘वेल इस्टैबलिश’ प्रॉसेस है. साइंटिफिक है. ये इस तरह से किया जाता है कि किसी बच्चे के साथ किसी तरह का अन्याय नहीं हो सकता. इस बार रिकॉर्ड नंबर में वैकेंसी निकाली गई हैं. तो अगर अभ्यर्थियों की संख्या सामान्य 5-6 लाख से ज्यादा होकर 8-10 लाख हो जाएगी तो हमारे पास एक दिन में एग्जाम लेने की उतनी क्षमता होनी चाहिए. अगर नहीं होगी तो हमें मल्टी शिफ्ट या मल्टी डेट करना होगा.”

इसके बाद 23 सितंबर को BPSC ने 70वीं प्रारंभिक परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी कर दिया. जिसके मुताबिक, प्रारंभिक परीक्षा की फॉर्म भरने की तारीख 28 सितंबर से लेकर 18 अक्टूबर तय की गई थी.

नोटिफिकेशन के अनुसार, प्रारंभिक परीक्षा में 150 प्रश्न पूछे जाएंगे. सभी प्रश्न ऑबजेक्टिव टाइप यानी वैकल्पिक होंगे. पेपर हल करने के लिए अभ्यर्थियों को दो घंटे का समय दिया जाएगा. परीक्षा में नेगेटिव मार्किंग भी होगी. तीन प्रश्नों के गलत जवाब देने पर एक सही जवाब का अंक कट जाएगा. नोटिफिकेशन में यह भी लिखा है कि एग्जाम को एक से अधिक पाली में कराया जा सकता है.

प्रदर्शनकारी छात्रों का दावा है कि BPSC की प्रेस कॉन्फ्रेंस और नोटिफिकेशन में परीक्षा को मल्टीपल सेट में कराने की बात जो कही गई, उसी ने कनफ्यूजन पैदा कर दिया. पटना में BPSC परीक्षा की तैयारी कर रहे सौरभ कुमार ने कहा,

“आयोग ने चीजों को स्पष्ट नहीं किया. नॉर्मलाइजेशन होगा या नहीं. अगर आप मल्टीपल सेट में परीक्षाएं आयोजित करते हैं तो नॉर्मलाइजेशन होना स्वाभाविक है. इससे भेदभाव पैदा होगा.”

क्या होता है नॉर्मलाइजेशन और क्यों हो रहा है विरोध?

यहां ये समझना जरूरी है कि नॉर्मलाइज़ेशन की प्रक्रिया क्या है, जिसका अभ्यर्थी विरोध कर रहे हैं. अगर कोई परीक्षा एक से ज्यादा पालियों में होती है तो ऐसे में हर पाली में अलग क्वेश्चन पेपर दिया जाता है. उनका सवालों का स्तर अलग-अलग हो सकता है. ऐसे में किसी दो पाली के पेपर का स्तर बराबर करने के लिए नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया लागू की जाती है.

सबसे जरूरी बात है कि नॉर्मलाइज़ेशन लागू करने की कोई एक सेट प्रक्रिया नहीं होती है. ऐसे में संभव है कम मार्क्स वाले छात्र के नंबर बढ़ जाएं और ज्यादा अंक पाने वाले छात्र के नंबर कम हो जाएं. छात्रों का मानना है कि ऐसी स्थिति में कई छात्रों के साथ ‘अन्याय’ होने की संभावना बढ़ जाती है.

BPSC की प्रारंभिक परीक्षा की तैयारी कर रहे चंपारण के सोनू राज पीटीआई से बातचीत में ‘वन एग्जाम, वन पेपर’ कराने की दलील देते हैं. उन्होंने कहा,

“अगर किसी व्यक्ति से पूछा जाए कि गंगा नदी की लम्बाई कितनी है और दूसरे से पूछें कि कावेरी नदीं की लंबाई कितनी है? तो ये सवाल एक के लिए कठिन और दूसरे के लिए आसान हो सकता है. लेकिन नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया में यह कैसे तय होगा कि कौन सा सवाल किसके लिए कठिन है? वो दोनों सवालों को एक जैसे देखेगा कि पूछी तो नदी की लंबाई ही गई है. ”

18 अक्टूबर को BPSC ने नोटिफिकेशन जारी कर बताया कि परीक्षा की संभावित डेट 13 दिसंबर को होगी. लेकिन मल्टीपल सेट में परीक्षा आयोजित कराने की बात से अभ्यर्थियों में रोष बना रहा. आयोग ने तबतक अभ्यर्थियों के सीधे सवाल का सीधा जवाब नहीं दिया था. नॉर्मलाइजेशन होगा या नहीं?

यह भी पढ़ें:'वन डे वन शिफ्ट', UPPCS और RO/ARO परीक्षा पर मचे बवाल की पूरी कहानी

‘दिक्कतें और भी हैं, नॉर्मलाइजेशन के सिवा’

70वीं प्रारंभिक परीक्षा में छात्रों की दिक्कत केवल नॉर्मलाइजेशन तक सीमित नहीं है. दरअसल, 28 अक्टूबर से जब आवेदन की प्रक्रिया शुरू हुई तब कई छात्रों ने कहा कि उनके फॉर्म में सही ढंग से एडिट का विकल्प नहीं आ रहा था. जैसे जिन छात्रों ने पिछली बार यानी 69वीं BPSC परीक्षा दी थी और इस बीच उनके पर्सनल डिटेल में कोई बदलाव हुआ है तो वे फॉर्म में जानकारी अपडेट नहीं कर पा रहे थे.

BPSC की तैयारी कर रहे अभिषेक बताते हैं,

“पिछले साल 69वीं प्रारभिंक परीक्षा के फॉर्म में मैंने EWS सर्टिफिकेट नहीं लगाया था. इसलिए इस बार के फॉर्म में भी मैं EWS नहीं लगा सकते था. मैं अपनी बेसिक डिटेल एडिट नहीं कर पा रहा.”

इसी तरह एक महिला अभ्यर्थी ने बताया कि उसकी कुछ महीने शादी हुई है, क्योंकि उसने पिछले साल के फॉर्म में अविवाहित वाला विकल्प चुना था, इसलिए इस बार वो विवाहित वाली कैटेगरी अपडेट नहीं कर पा रही थी.

फॉर्म को एडिट नहीं कर पाने की समस्याओं को लेकर भी छात्रों ने अपना विरोध जताया. जिसके बाद 15 अक्टूबर को BPSC ने एक नोटिफिकेशन जारी कर आवेदन भरने की तारीख को बढ़ाकर 4 नवंबर कर दिया. फॉर्म में एडिट की व्यवस्था को सुचारू रूप से लागू करने का दावा किया. नेटिफिकेशन में लिखा कि फॉर्म में 'Update Details' लिंक के माध्यम से अभ्यर्थी अपना नाम, माता-पिता का नाम और जन्म तिथि के कॉलम को छोड़कर अन्य सभी कॉलमों में सुधार कर सकेंगे. लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि 30 अक्टूबर के बाद से BPSC की वेबसाइट का सर्वर डाउन हो गया और इस वजह से वो अगले चार दिन तक फॉर्म नहीं भर सके.

BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के फॉर्म भरने की तारीख बढ़ाने को लेकर जारी किया गया नोटिफिकेशन
BPSC की प्रारंभिक परीक्षा के फॉर्म भरने की तारीख बढ़ाने को लेकर जारी किया गया नोटिफिकेशन.

कई मीडिया रिपोर्ट्स का दावा है कि BPSC का सर्वर डाउन होने से 80 से 90 हज़ार अभ्यर्थी फॉर्म भरने से वंचित रह गए हैं. अभ्यर्थियों की मांग थी कि फॉर्म भरने की तारीखों को आगे बढ़ाया जाए. साथ ही आयोग की लापरवाही की वजह से सर्वर डाउन के कारण जो लोग फॉर्म नहीं भरे पाए, उन्हें फिर से फॉर्म भरने का विकल्प दिया जाए.

‘धैर्य टूट रहा था, विरोध बढ़ता ही जा रहा था’

अभ्यर्थियों की दो प्रमुख मांगों को लेकर आयोग की तरफ से कोई स्पष्ट जवाब सामने नहीं आ रहा था. बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने 4 दिसंबर को एक पोस्ट कर 70वीं BPSC परीक्षा को लेकर सरकार पर हमला बोला. उन्होंने अपने पोस्ट में लिखा,

“70वीं BPSC परीक्षा में नॉर्मलाईज़ेशन की आकलन पद्धति पर आयोग अपना मंतव्य स्पष्ट करे. छात्र विरोधी NDA सरकार से हमारी मांग है कि परीक्षा एक दिन, एक शिफ्ट, एक पेपर, एक पैटर्न में बिना पेपर लीक हो. आयोग को अभ्यर्थियों की इस समस्या एवं मांग का संज्ञान अवश्य लेना चाहिए कि फॉर्म भरने की आखिरी तारीख से 2-3 दिन पहले सर्वर के ठीक से काम नहीं करने की वजह से लाखों अभ्यर्थी फॉर्म नहीं भर पाए.”

वहीं, अभ्यर्थी अपनी मांगों को लेकर पटना में BPSC कार्यालय के बाहर विरोध प्रदर्शन करने लगे. 6 दिसंबर को सैकड़ों की संख्या में छात्रों ने नियमों के बदलाव के खिलाफ नारेबाजी की और सरकार से फैसले पर पुनर्विचार की मांग की. इस बीच पुलिस ने छात्रों पर लाठीचार्ज किया. इसी कड़ी में दोपहर के वक्त जब अभ्यर्थियों को गर्दनीबाग धरना स्थल पर भेज दिया गया था, तो उनसे मिलने पटना में ‘खान सर’ के नाम से मशहूर कोचिंग संचालक फैजल खान भी पहुंचे थे. उन्होंने भी अभ्यर्थियों का समर्थन करते हुए बिहार सरकार को जमकर कोसा था. पुलिस ने थोड़ी देर के लिए खान सर को हिरासत में ले लिया था, मगर बाद में उन्हें छोड़ दिया गया.

सफाई देनी पड़ी

इस बीच छात्रों, नेताओं और कोचिंग संचालकों के बढ़ते दवाब के बीच 6 दिसंबर की शाम BPSC ने आधिकारिक नोटिफिकेशन जारी किया. BPSC ने 13 दिसंबर को आयोजित की जाने वाली 70वीं संयुक्त (प्रा.) प्रतियोगिता परीक्षा में नॉर्मेलाइजेशन प्रक्रिया अपनाये जाने के दावे को भ्रामक बताया. साफ तौर पर कहा कि नॉर्मेलाइजेशन अपनाये जाने संबंधी कोई प्रस्ताव ही नहीं था. आयोग ने परीक्षा में नॉर्मेलाइजेशन प्रक्रिया को काल्पनिक अफवाह तक बताया. BPSC ने स्पष्ट किया कि परीक्षा का आयोजन 13 दिसंबर 2024 को दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक एक पाली में होगा. 

BPSC ने बवाल के बीच जारी किया स्पष्टीकरण
BPSC ने बवाल के बीच जारी किया स्पष्टीकरण

लेकिन अभ्यर्थियों का कहना है कि उनकी एक मांग आंशिक रूप से तो मान ली गई है, लेकिन विरोध अभी खत्म नहीं हुआ है. पहली मांग है कि नॉर्मलाइजेशन ना हो, सिंगल शिफ्ट और सबसे जरूरी बात की सिंगल सेट में परीक्षा हो. दूसरी मांग है कि आयोग की लापरवाही की वजह से सर्वर डाउन के कारण हज़ारों की संख्या में जो अभ्यर्थी जो फॉर्म नहीं भर पाए, उनके लिए फॉर्म फिर से खुले. और तीसरी मांग है कि आयोग के कारण जो कनफ्यूजन फैला, इससे अभ्यर्थियों की पढ़ाई का नुकसान हुआ है इसलिए परीक्षा की डेट आगे खिसकाई जाए.

बहरहाल, BPSC की प्रारंभिक परीक्षा में अब एक सप्ताह से भी कम समय बचा है. इसका आयोजन 36 जिलों में बनाए गए 925 परीक्षा केंद्रों पर होगा. अकेले पटना में 60 से अधिक सेंटर्स बनाए गए हैं. परीक्षा में कुल 4 लाख 80 हजार अभ्यार्थी शामिल होंगे. 

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: BPSC की तैयारी करने वाले छात्र पटना की सड़कों पर क्यों उतरे?

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