The Lallantop
Advertisement

"सही समय पर जन्म और मृत्यु का रजिस्ट्रेशन कराएं, नहीं तो लगेगा जुर्माना..." अस्पतालों को रजिस्ट्रार की चेतावनी

RGI Warns Hospitals: 'रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया' का कहना है कि कुछ अस्पताल जन्म और मृत्यु को रजिस्टर नहीं कर रहे हैं. तुरंत ही इसकी सूचना देने के बजाय, कई अस्पताल रिश्तेदारों के अनुरोध का इंतजार कर रहे हैं. कुछ अस्पताल तो रिश्तेदारों को खुद ही इसकी सूचना देने को कह रहे हैं.

Advertisement
Registration of birth and death
RGI ऑफिस ने अस्पतालों को चेतावनी दी है. (सांकेतिक तस्वीर: इंडिया टुडे)
pic
रवि सुमन
9 अप्रैल 2025 (Published: 08:19 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

अस्पतालों की ओर से जन्म और मृत्यु की सूचना (Birth and Death Registration) सही समय पर उपलब्ध नहीं कराई जा रही है. कानून के मुताबिक, यह जानकारी ‘रजिस्ट्रार जनरल ऑफ इंडिया’ (RGI) को 21 दिनों के भीतर देनी होती है. RGI कार्यालय ने इसको लेकर सभी निजी और सरकारी अस्पतालों को चेतावनी जारी की है.

17 मार्च, 2025 के RGI कार्यालय के आदेश के अनुसार, भारत में 90 प्रतिशत जन्म और मृत्यु का पंजीकरण हो रहा है, लेकिन यह 100 प्रतिशत के लक्ष्य से कम है. इसका कारण यह है कि कुछ अस्पताल समय पर जानकारी रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं. तुरंत सूचना देने के बजाय, कई अस्पताल रिश्तेदारों के अनुरोध का इंतज़ार कर रहे हैं. कुछ अस्पताल तो रिश्तेदारों से ही यह सूचना देने को कह रहे हैं.

केंद्रीय गृह मंत्रालय के अधीन आने वाले RGI ने इस संबंध में सभी राज्यों को निर्देश भेजे हैं. द हिंदू की एक रिपोर्ट के अनुसार, इसमें कहा गया है,

रजिस्ट्रेशन ऑफ बर्थ एंड डेथ’ (RBD) एक्ट की धारा 23(2) के अनुसार, यदि जन्म या मृत्यु का पंजीकरण नहीं कराया जाता है, तो जुर्माना लगाया जा सकता है. 1969 के इस अधिनियम को वर्ष 2023 में संशोधित किया गया था. 1 अक्टूबर, 2023 से केंद्र सरकार के पोर्टल पर सभी जन्म और मृत्यु का पंजीकरण अनिवार्य कर दिया गया है.

"रिश्तेदारों को निर्देश दे रहे हैं अस्पताल वाले"

केंद्र सरकार के ऑनलाइन पोर्टल, सिविल रजिस्ट्रेशन सिस्टम (CRS) के तहत, सरकारी अस्पतालों को रजिस्ट्रार के रूप में कार्य करने की जिम्मेदारी सौंपी गई है. निर्देश में आगे कहा गया है,

यह देखा गया है कि कुछ अस्पताल आवश्यक घटनाओं को पंजीकृत नहीं करते, बल्कि बच्चे या मृतक के रिश्तेदार के उनसे संपर्क करने का इंतज़ार करते हैं. इसके बाद ही वे पंजीकरण की प्रक्रिया शुरू करते हैं. ऐसे मामले भी सामने आए हैं, जिनमें कुछ निजी अस्पताल जन्म और मृत्यु की घटनाओं की सूचना संबंधित रजिस्ट्रार को नहीं देते. यह भी बताया गया है कि कुछ निजी अस्पताल घटनाओं की सूचना देने से इनकार कर देते हैं और रिश्तेदारों को सलाह देते हैं कि वे स्वयं ही सीधे संबंधित रजिस्ट्रार को इसकी सूचना दें.

ये भी पढ़ें: भूकंप के दौरान महिला ने दिया बच्चे को जन्म, अस्पताल के बाहर डॉक्टर्स ने कराई डिलीवरी

“सात दिनों के भीतर जारी करें प्रमाण पत्र”

इस डेटाबेस का उपयोग ‘नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर’ (NPR), राशन कार्ड, संपत्ति पंजीकरण और मतदाता सूची को अपडेट करने के लिए किया जाता है. RGI ने सात दिनों के भीतर जन्म और मृत्यु प्रमाण पत्र जारी करने के निर्देश भी दिए हैं. 1 अक्टूबर, 2023 से डिजिटल जन्म प्रमाण पत्र शैक्षणिक संस्थानों में प्रवेश, सरकारी नौकरियों, विवाह पंजीकरण आदि जैसी विभिन्न सेवाओं के लिए जन्म तिथि प्रमाणित करने का एकमात्र वैध दस्तावेज माना गया है.

वीडियो: दी लल्लनटॉप शो: बनारस गैंगरेप में क्या पता चला? BJP नेता के घर ग्रेनेड हमले में पुलिस को क्या मिला?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement