मानेसर लैंड स्कैम में भूपेंद्र हुड्डा को बड़ा झटका! हाई कोर्ट ने याचिका खारिज की, अब चलेगा ट्रायल
अब CBI की स्पेशल कोर्ट में Bhupinder Singh Hooda के खिलाफ आरोप तय हो सकेगा. उन पर आरोप है कि CM रहते हुए उन्होंने मानेसर में IMT के लिए भूमि अधिग्रहण का नोटिस जारी करवाया था. इससे डर कर किसानों से औने-पौने दामों में 400 एकड़ जमीन बिल्डर्स को बेंच दी. फिर सरकार ने 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया.

हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा को पंजाब-हरियाणा हाईकोर्ट से बड़ा झटका लगा है. मानेसर लैंड स्कैम मामले में हाई कोर्ट ने उनकी याचिका खारिज कर दी है. इससे पहले पंचकूला CBI की विशेष अदालत ने भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप तय करने की कार्यवाही आगे बढ़ाने का आदेश दिया था. इसके खिलाफ उन्होंने हाई कोर्ट में याचिका दायर की थी. अब हाई कोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद हुड्डा के खिलाफ CBI की विशेष अदालत में आरोप तय हो सकेगा. CBI इस मामले में भूपेंद्र सिंह हुड्डा के खिलाफ पहले ही चार्जशीट दाखिल कर चुकी है.
क्या हैं आरोप?इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक स्पेशल कोर्ट में आरोप तय होने के बाद भूपेंद्र हुड्डा के खिलाफ ट्रायल चलेगा. उन पर आरोप है कि मुख्यमंत्री रहते हुए उन्होंने मानेसर एरिया में IMT (Industrial Model Township) के लिए 25 अगस्त 2005 को सेक्शन-6 (भूमि अधिग्रहण अधिनियम) का नोटिस जारी करवाया. इसमें 25 लाख रुपये प्रति एकड़ का मुआवजा तय करते हुए सेक्शन-9 (मुआवज़े की प्रक्रिया शुरू करने) का नोटिस भी जारी किया गया. इससे डर कर किसानों से औने-पौने दामों में 400 एकड़ जमीन बिल्डर्स को बेच दी.
रद्द कर दिया गया था अधिग्रहणहालांकि, साल 2007 में हुड्डा के मुख्यमंत्री रहते हुए ही सरकार ने 400 एकड़ जमीन का अधिग्रहण रद्द कर दिया. इससे किसानों को उस समय करीब 1500 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ था. इस पर सुप्रीम कोर्ट ने मानेसर लैंड स्कैम में सीबीआई जांच का निर्देश दिया था. अदालत ने पाया था कि अधिग्रहण प्रक्रिया को रद्द करने का तत्कालीन हुड्डा सरकार का 2007 का फैसला दुर्भावनापूर्ण था और इसे धोखाधड़ी माना गया.
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सुप्रीम कोर्ट ने दिए थे जांच के आदेशसुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई को निर्देश दिया था कि वह बिचौलियों द्वारा कमाए गए अनुचित लाभ की जांच करे और राज्य सरकार से "एक-एक पाई वसूले". कोर्ट के निर्देश पर सीबीआई ने साल 2015 में इस मामले की जांच शुरू की थी. इसके बाद सितंबर 2018 में हुड्डा समेत 34 आरोपियों के खिलाफ 80 पन्नों की चार्जशीट अदालत में पेश की थी. अब भूपेंद्र सिंह हुड्डा पर आरोप तय करते हुए सीबीआई की विशेष अदालत मामले की सुनवाई करेगी.
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