'सड़क जाम कर नाचने लगे लोग, फिर हुआ हादसा' बेंगलुरु के चिन्नास्वामी स्टेडियम में हुआ क्या था?
Chinnaswamy Stadium में भगदड़ मची कैसे? घायलों को कितनी मदद मिली और वहां फंसे पत्रकार ने अपनी जान कैसे बचाई?
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बेंगलुरु में रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु (RCB) की विक्ट्री परेड (RCB Victory Parade) में शामिल होने के लिए लाखों लोग सड़कों (Bengaluru Stampede) पर आ गए थे. 3 जून को अहमदाबाद के नरेंद्र मोदी स्टेडियम में IPL का फाइनल खेला गया. जैसे ही RCB की जीत हुई, देश के कई इलाकों में लोग जश्न मनाने लगे. बेंगलुरु में कई जगहों पर लोग सड़कों पर आ गए. भीड़ नियंत्रित करने में पुलिस को मशक्कत करनी पड़ी. लेकिन अगले दिन 4 जून को सड़कों पर भीड़ इतनी बढ़ गई कि भीड़ पर काबू नहीं किया जा सका.
चिन्नास्वामी स्टेडियम में भगदड़ मच गई. 11 लोगों की मौत हो गई और 33 लोग घायल हो गए. इस दौरान इंडिया टुडे के पत्रकार निखिल नाज मौके पर मौजूद थे. उन्होंने विस्तार से बताया कि वहां क्या हुआ था? उन्होंने बताया,
कब्बन पार्क मेट्रो स्टेशन के बाहर भगदड़ हुई. युवाओं की भारी भीड़ ने सड़क को जाम कर दिया और नाचना शुरू किया. इसके बाद भगदड़ मची. इस उत्साहित भीड़ के कारण लोग सड़क पार नहीं कर पा रहे थे. इसके बाद लोगों ने धक्का देना शुरू किया, ताकि वो स्टेडियम के दाईं या बाईं ओर जा सकें. इस अफरातफरी में कुछ युवा कुचले गए. मौके पर कोई सुरक्षाकर्मी नहीं था. सिक्योरिटी वाले सिर्फ गेट्स पर ही मौजूद थे.

घायलों के लिए एंबुलेंस नहीं था
पत्रकार ने आगे बताया,
मौके पर सिर्फ दो एंबुलेंस थीं. कुछ लोगों को उसमें अस्पताल ले जाया गया. लेकिन कुछ घायलों को एंबुलेंस नहीं मिली. सुरक्षाकर्मी उन्हें गोदी में उठाकर हॉस्पिटल ले जाने की कोशिश करने लगे. सिक्योरिटी वाले उन्हें गोद में लेकर मेन रोड तक भागे, ताकि वहां से किसी गाड़ी में उनको अस्पताल ले जाया जा सके. स्टेडियम के बाहर की सड़कों पर भारी भीड़ थी. बेहोश लोगों को करीब 500 मीटर तक गोद में उठाकर ले जाया गया.

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बेंगलुरु भगदड़ में पत्रकार की जान कैसे बची?निखिल नाज भी भीड़ में फंस गए थे. वो बताते हैं,
हमें गेट नंबर 13 की ओर जाना था. वही हमारा एंट्री प्वाइंट था. गेट के पास तीन तरह के लोगों की भीड़ थी. कुछ लोग कब्बन पार्क से गेट 13 की ओर जा रहे थे, कुछ लोगों को गेट 13 से गेट 1 या 2 की तरफ जाना था. तीसरी भीड़ में वैसे लोग थे जो सड़क पर खड़े होकर चीख रहे थे और नाच रहे थे.

निखिल कहते हैं कि एक ऐसा मौका आया जब उनके मूवमेंट से उनका कंट्रोल खत्म हो गया. वो भीड़ के भंवर के साथ आगे बढ़ते गए और फिर भीड़ के साथ ही बाहर निकल गए.
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