यूपी में सरकारी टीचर बन गई पाकिस्तानी महिला, विभाग को 9 साल बाद लगी खबर
Bareilly Pakistan Woman Teacher: पाकिस्तान की नागरिक के सहायक टीचर होने के बाद उत्तर प्रदेश शिक्षा विभाग ने उन्हें बर्खास्त कर दिया है. अधिकारियों के मुताबिक महिला के पास देश की नागरिकता से संबंधित कोई ठोस प्रमाण नहीं हैं. आखिर कैसे अब ये मामला सामने आया और कैसे ये महिला पाकिस्तान से भारत आकर सरकारी टीचर बन गईं?

उत्तर प्रदेश के बरेली जिले में एक पाकिस्तानी महिला सरकारी टीचर बन गई (Bareilly Pakistan Woman Teacher). कुछ महीने पहले ही ये मामला सामने आया तो जांच हुई. जांच के दौरान आरोप सही पाया गया. पता लगा कि महिला ने नौकरी पाने के लिए कई दस्तावेज फर्जी लगाए थे. इसके बाद टीचर को नौकरी से बर्खास्त कर दिया गया. शिक्षा विभाग की शिकायत पर महिला के खिलाफ FIR भी दर्ज की गई है. पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है. क्या है ये पूरा मामला? आइए विस्तार से जानते हैं.
आजतक से जुड़े कृष्ण गोपाल राज की रिपोर्ट के मुताबिक ये मामला बरेली के फतेहगंज पश्चिमी थाना क्षेत्र का है. यहां के माधोपुर इलाके के प्राइमरी स्कूल में एक टीचर थीं शुमायला खान. बरेली से सटे रामपुर जिले की रहने वाली शुमायला का मेरिट के आधार पर बीटीसी में चयन हुआ था. बीटीसी की ट्रेनिंग करने के बाद सहायक टीचर के पद पर 2015 में उन्हें नियुक्ति मिल गई. पहली पोस्टिंग फतेहगंज पश्चिमी क्षेत्र के माधोपुर इलाके में हुई.
BSA संजय सिंह ने मीडिया को जानकारी देते हुए बताया कि शिक्षिका शुमायला खान को लेकर काफी समय से शिकायत मिल रही थी. इसके बाद टीचर से शुरुआती जांच के दौरान दस्तावेज मांगे गए थे, लेकिन वो सही दस्तावेज पेश नहीं कर पाईं. शुरुआती जांच के बाद, मई 2024 में टीचर को निलंबित कर दिया गया था.
अधिकारियों के मुताबिक इसके बाद मामले की विस्तृत जांच शुरू हुई. इस दौरान स्थानीय खुफिया इकाई (LIU) से सूचना के आधार पर जानकारी मिली कि शुमायला पाकिस्तान की नागरिक हैं, उन्होंने तथ्यों को छिपाते हुए कूटरचित निवास प्रमाण पत्र के जरिए नौकरी हासिल की. शुमायला खान ने नियुक्ति के दौरान एसडीएम सदर, रामपुर के कार्यालय से जारी निवास प्रमाण पत्र लगाया था. जांच के बाद पाया गया कि प्रमाण पत्र गलत है. शुमायला वास्तव में पाकिस्तान की नागरिक हैं.
BSA संजय सिंह ने बताया कि जांच पूरी होने के बाद अब टीचर को बर्खास्त कर दिया गया है. क्योंकि महिला के पास देश की नागरिकता से संबंधित कोई ठोस प्रमाण नहीं है. नौकरी के लिए इन दस्तावेजों का होना बेहद जरूरी है. BSA के मुताबिक रामपुर प्रशासन से वेरिफिकेशन की रिपोर्ट मिलते ही टीचर की सेवा समाप्त कर दी गई.
शुमायला भारत कैसे पहुंचीं?दैनिक भास्कर की एक रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में जन्मी शुमायला अपने जन्म के बाद मां के साथ भारत आ गई थीं, उनकी मां रामपुर में रहने लगीं. उन्हें यहां की नागरिकता नहीं मिली. इसके बाद मां ने बेटी का यहीं पर जन्म-प्रमाणपत्र बनवा दिया. रामपुर में ही शुमायला की पढ़ाई हुई. इसके बाद शुमायला ने धीरे-धीरे देश में सभी डॉक्यूमेंट बनवा लिए. रिपोर्ट के मुताबिक शुमायला के पास से मिले पैनकार्ड में जन्मतिथि 5 अगस्त, 1981 दर्ज है. पिता का नाम सितावत अली खान लिखा है.
पुलिस का इस मामले पर क्या कहना है?उत्तरी बरेली क्षेत्र के एसपी मुकेश चंद्र मिश्रा ने बताया कि थाना फतेहगंज पश्चिमी में स्थानीय खंड शिक्षा अधिकारी ने एक तहरीर दी है. इसमें उन्होंने बताया है कि रामपुर की शुमायना खान पुत्री एसए खान ने फर्जी निवास प्रमाण पत्र लगाकर सहायक अध्यापिका के पद पर नियुक्ति प्राप्त की है. इनको निलंबित किया गया है. थाना फतेहगंज पश्चिमी में शुमायला खान के खिलाफ धारा 419, 420, 467, 468 , 471 के तहत मुकदमा दर्ज किया गया है. मामले की जांच की जा रही है, इस जांच के बाद आरोपी टीचर के खिलाफ उचित कार्रवाई की जाएगी.
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