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कौन हैं बच्चू कडू जिनकी एक आवाज पर महाराष्ट्र के किसानों ने चक्का जाम कर दिया?

ओमप्रकाश बाबाराव कडू, जिन्हें बच्चू कडू के नाम से जाना जाता है, महाराष्ट्र में किसानों और दिव्यांगों के सबसे लोकप्रिय और आक्रामक नेता माने जाते हैं.

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Bachchu Kadu From championing farmers to courting chaos meet Maharashtra firebrand leader
कडू 2004 से 2019 तक लगातार चार बार अमरावती जिले के अचलपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीते हैं. (फोटो- X/PTI)
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प्रशांत सिंह
29 अक्तूबर 2025 (Published: 07:21 PM IST)
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महाराष्ट्र के अमरावती जिले से सोमवार, 27 अक्टूबर को प्रहार जनशक्ति पार्टी (PHJSP) के मुखिया और पूर्व मंत्री बच्चू कडू ने विशाल ट्रैक्टर मार्च शुरू किया. ये मार्च किसानों के लिए पूर्ण कर्ज माफी, न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) की गारंटी और NAFED (राष्ट्रीय कृषि सहकारी विपणन महासंघ) के माध्यम से सोयाबीन की खरीद की मांग को लेकर निकाला जा रहा है. अमरावती से होते हुए किसान नागपुर तक मार्च करेंगे.

किसानों की मांगों के बीच बच्चू कडू के नाम की खूब चर्चा है. उनके बारे में जानेंगे, लेकिन उससे पहले ये जानते हैं कि बच्चू ने क्या कहा है?

महा एल्गार मोर्चा: किसानों का आक्रोश

बच्चू कडू के नेतृत्व में हजारों किसानों ने ‘महा एल्गार मोर्चा’ में हिस्सा लिया. ये किसान अपनी मांगें पूरी होने तक पीछे न हटने की बात कर रहे हैं. बच्चू कडू ने कहा कि जब तक सरकार कर्ज माफी पर ठोस निर्णय नहीं लेती, तब तक नागपुर में ये विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. एनडीटीवी की रिपोर्ट के मुताबिक पूर्व विधायक कडू ने चेतावनी दी,

"अगर हमारी मांगें अनसुनी की गईं, तो महाराष्ट्र बंद की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता."

कौन हैं बच्चू कडू?

असली नाम है ओमप्रकाश बाबाराव कडू. लेकिन मशहूर हैं ‘बच्चू कडू’ नाम से. महाराष्ट्र में किसानों और दिव्यांगों के सबसे लोकप्रिय और आक्रामक नेता माने जाते हैं. इंडिया टुडे से जुड़े रित्विक भालेकर की रिपोर्ट के मुताबिक बच्चू कडू ने 1999 में प्रहार जनशक्ति पार्टी (PHJSP) की स्थापना की थी. इस पार्टी का मुख्य उद्देश्य किसानों का विकास और उनका समर्थन करना है.

कडू 2004 से 2019 तक लगातार चार बार अमरावती जिले के अचलपुर विधानसभा क्षेत्र से चुनाव जीत चुके हैं. वो दिसंबर 2019 से जून 2022 तक उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली महा विकास आघाडी (MVA) सरकार में राज्य मंत्री भी रहे. बाद में, एकनाथ शिंदे के नेतृत्व में उन्होंने महाराष्ट्र के दिव्यांग मंत्रालय के अध्यक्ष के रूप में कैबिनेट मंत्री के स्तर पर काम किया.

2020 में बच्चू कडू को अकोला जिले का गार्जियन मिनिस्टर नियुक्त किया गया था. बाद में 2022 के महाराष्ट्र राजनीतिक संकट के दौरान उन्होंने MVA से बगावत कर एकनाथ शिंदे का साथ दिया था.

विवादों से भरा रहा है कडू का सफर

बच्चू कडू का राजनीतिक अंदाज सीधा और आंदोलनकारी रहा है. उनके खिलाफ कई आपराधिक मामले दर्ज हैं. जिनमें गैरकानूनी बगावत, दंगा भड़काने जैसे आरोप शामिल हैं. अक्टूबर 2025 में नासिक में एक सभा में उन्होंने वित्तीय संकट से जूझ रहे किसानों से आत्महत्या करने के बजाय ‘विधायक को काटने’ या ‘MLA की हत्या’ करने की बात कही थी. जिसके बाद हिंसा भड़काने के आरोप में उनकी भारी आलोचना हुई.  

इसके अलावा, 2016 में मंत्रालय में एक डिप्टी सेक्रेटरी के साथ कथित मारपीट के लिए उन्हें गिरफ्तार किया गया था. ये विवाद एक क्लर्क के लिए सरकारी क्वार्टर से संबंधित था. यही नहीं, 2009 में भी उन पर एक क्लर्क के साथ मारपीट का आरोप लगा था. उस वक्त क्लर्क ने कथित तौर पर सरकारी आदेश जारी करने से इनकार किया था.

बता दें कि बच्चू कडू और उनके समर्थक किसानों की मांगें पूरी होने तक डटे रहने का दावा कर रहे हैं. ये आंदोलन महाराष्ट्र की राजनीति और किसानों के मुद्दों को लेकर एक बार फिर चर्चा का केंद्र बन गया है.

वीडियो: महाराष्ट्र सातारा डॉक्टर केस: आरोपी पीएसआई गोपाल बडाने गिरफ्तार, पुलिस की जांच में क्या पता चला?

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