हाथ में बिस्किट, चेहरे पर मायूसी, बेटे के साथ जेल जाने से पहले क्या बोले आजम खान?
Azam Khan और उनके बेटे Abdullah को अदालत ने दो पैन कार्ड मामले में दोषी करार दिया है. अब्दुल्ला आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव लड़ने के नियमों का उल्लंघन किया. उन्होंने अपनी उम्र ज्यादा दिखाने के लिए दूसरा PAN Card बनवाया.

आजम खान 23 महीने जेल में बिताने के बाद इसी साल 23 सितंबर को रिहा होकर बाहर आए थे. लेकिन रिहाई को दो महीने भी नहीं हुए कि उन्हें अब फिर से वापस जेल जाना पड़ा है. इस बार उनके छोटे बेटे अब्दुल्ला भी साथ में जेल गए. दोनों को रामपुर के एमपी-एमएलए स्पेशल कोर्ट ने सोमवार, 17 नवंबर को 7-7 साल की सजा सुनाई है. इसके बाद पुलिस जब उन्हें रामपुर जेल लेकर पहुंची तो आजम खान काफी निराश नजर आ रहे थे.
दैनिक भास्कर की रिपोर्ट के अनुसार आजम खान जब जेल के बाहर पुलिस की गाड़ी से उतरे तो उनके हाथ में चश्मे का बॉक्स और दो पैकेट बिस्किट था. बेटा अब्दुल्ला भी उसी गाड़ी में उनके साथ था. पीछे से बड़ा बेटा अदीब भी अपनी गाड़ी में उन्हें जेल तक छोड़ने आया था. रिपोर्ट के मुताबिक जेल के अंदर जाने से पहले अदीब ने आकर आजम खान के कान में कुछ कहा. फिर उसने भाई अब्दुल्ला को गले लगाया और दोनों भावुक हो गए. इस बीच आजम खान के चेहरे पर भी हताशा झलक रही थी. उन्होंने जेल में जाने से पहले वहां मौजूद मीडिया से कहा,
कोर्ट का फैसला है, कोर्ट ने गुनहगार समझा तो सजा सुनाई है.
आजम खान की गिरफ्तारी पर समाजवादी पार्टी के प्रमुख अखिलेश यादव ने भी गुस्सा जाहिर किया. उन्होंने एक्स पर पोस्ट करते हुए कहा,
सत्ता के गुरूर में जो नाइंसाफी और जुल्म की हदें पार कर देते हैं, वो खुद एक दिन कुदरत के फैसले की गिरफ्त में आकर एक बेहद बुरे अंत की ओर जाते हैं. सब, सब देख रहे हैं.
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क्यों हुई गिरफ्तारी?बता दें कि आजम खान और बेटे अब्दुल्ला को अदालत ने दो पैन कार्ड मामले में दोषी करार दिया है. आजतक की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019 में रामपुर से बीजेपी विधायक आकाश सक्सेना ने यह केस दर्ज कराया था. आजम खान के बेटे अब्दुल्ला आजम खान पर आरोप है कि उन्होंने चुनाव लड़ने के नियमों का उल्लंघन किया. उन्होंने अपनी उम्र ज्यादा दिखाने के लिए दूसरा पैन कार्ड बनवाया. रिपोर्ट के अनुसार उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2017 के लिए रामपुर की स्वार सीट से अब्दुल्लाह आजम खान ने पर्चा भरा था, लेकिन तब उनकी उम्र विधानसभा चुनाव लड़ने के योग्य नहीं थी. आरोप है कि आजम खान ने अपने बेटे को स्वार से चुनाव लड़ाने के लिए एक अलग पैन कार्ड बनवाया, जिसमें उनकी जन्मतिथि 30 सितंबर 1990 दिखाई गई. इसके बाद वह विधानसभा चुनाव लड़े. मामले में थाना सिविल लाइन में धारा 420, 467, 468, 471 और 120बी के तहत मामला दर्ज किया गया था. अदालत ने सभी पहलुओं की सुनवाई के बाद आजम खान और उनके बेटे अब्दुल्ला को इस मामले में दोषी ठहराया है.
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