स्वामी प्रसाद मौर्य को थप्पड़ मारने वालों को हनुमानगढ़ी के महंत ने सम्मानित किया, 'हिंदू शेर' बताया
रायबरेली में स्वामी प्रसाद मौर्य के सर पर हाथ मारने वाले दोनों लड़कों को अयोध्या के हनुमानगढ़ी मंदिर राजू दास ने सम्मानित किया है. उन्होंने लड़कों को 'हिंदू शेर' कहकर उन्हें तलवार भी भेंट की है.

स्वामी प्रसाद मौर्य को थप्पड़ मारने वाले दोनों लड़कों को हनुमानगढ़ी के महंत राजू दास ने सम्मानित किया है. उन्होंने उसे ‘हिंदू शेर’ कहा है और शॉल ओढ़ाकर, पगड़ी पहनाकर, हाथों में तलवार देकर उनका सम्मान किया है. ये दोनों बीती 6 अगस्त को रायबरेली में पूर्व सपा नेता और मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य को थप्पड़ मारने के बाद गिरफ्तार हुए थे. इसके दो दिन बाद ही वे जमानत पर रिहा हो गए. जेल से छूटने के बाद से ही उन्हें लगातार हिंदुत्ववादी संगठनों की ओर से ‘सराहना’ मिल रही है.
क्या हुआ था?स्वामी प्रसाद मौर्य राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के नेता हैं. बीती 6 अगस्त को वह लखनऊ से फतेहपुर जा रहे थे. रास्ते में रायबरेली में रुके थे और अपने समर्थकों से मुलाकात कर रहे थे. इसी दौरान करणी सेना के कार्यकर्ता कहे जा रहे रोहित द्विवेदी और उसके साथी शिवम यादव ने उन पर हमला किया था. माला पहनाने के बहाने रोहित उनके करीब गया और पीछे से उनके सिर पर हाथ मारकर भागने की कोशिश की.
हालांकि, मौर्या के समर्थकों ने दोनों को पकड़ लिया और जमकर पीटा. पुलिस ने उन्हें भीड़ से बचाकर हिरासत में ले लिया. शांतिभंग की धाराओं में दोनों पर ये कार्रवाई हुई. हालांकि, इसके दो दिन बाद ही दोनों को जमानत मिल गई.
रोहित को बताया 'हिंदू शेर'इंडिया टुडे से जुड़े मयंक शुक्ला की रिपोर्ट के मुताबिक, रिहा होने के बाद से ही रोहित और शिवम के घर हिंदुत्ववादी नेताओं का तांता लग रहा है. कुछ दिन पहले ‘सवर्ण आर्मी’ के लोगों ने रोहित के घर पहुंचकर उसका सम्मान किया था और उसे 11 लाख रुपये का चेक भी दिया था. अब शुक्रवार 15 अगस्त को अयोध्या बुलाकर महंत राजूदास ने मंच से उसे ‘हिंदू शेर’ करार दिया और तलवार सौंपते हुए कहा,
स्वामी प्रसाद मौर्य जिस तरह से सनातन धर्म, रामचरितमानस और गीता पर टिप्पणियां करते हैं, वो अस्वीकार्य है. ऐसे अपमान का जवाब समाज इसी तरह देगा. हमें रोहित जैसे जज्बे वाले युवाओं की जरूरत है.
राजू दास ने आगे कहा,
भारत देश सनातन का देश है और यहां पर सनातन का अपमान, रामचरितमानस जलाने और प्रतिबंधित करने की मांग, ‘हिंदू नीच है, हिंसक है’ जैसे शब्दों का प्रयोग किसी के द्वारा किया जाए और वह थप्पड़ न खाए, ऐसा हो सकता है?
स्वामी प्रसाद ने रामचरितमानस पर की थी टिप्पणी
स्वामी प्रसाद मौर्य जब सपा में थे, तब उन्होंने रामचरितमानस पर विवादित टिप्पणी कर बवाल मचा दिया था. उन्होंने तुलसीदास की रचना रामचरितमानस को ‘बकवास’ कहा था और उसमें ‘जातिविशेष पर टिप्पणी करने वाली चौपाई’ को हटाने की मांग की थी. उन्होंने मानस को ‘प्रतिबंधित’ करने के लिए भी कहा था, जिसकी खूब आलोचना की गई.
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