The Lallantop
Advertisement

गुजरात, केरल, पंजाब और पश्चिम बंगाल की पांच सीटों पर उपचुनाव आज, हर सीट का तिया पांचा जान लीजिए

Punjab, Kerala, West Bengal और Gujarat की पांच सीटों पर 19 जून को विधानसभा उपचुनाव होने हैं. केरल में जहां कांग्रेस अपनी पकड़ मजबूत करना चाहती है. वहीं गुजरात में बीजेपी अपना दबदबा बनाए रखना चाहेगी. जबकि पंजाब में AAP और कांग्रेस के बीच वर्चस्व की लड़ाई है. वहीं पश्चिम बंगाल में बीजेपी ममता बनर्जी को झटका देने की कवायद में जुटी है.

Advertisement
gujarat punjab kerala west bengal bjp aap congress
19 जून को चार राज्यों की पांच सीटों पर उपचुनाव होने हैं. (इंडिया टुडे, प्रतीकात्मक तस्वीर)
pic
आनंद कुमार
19 जून 2025 (Published: 08:10 AM IST) कॉमेंट्स
font-size
Small
Medium
Large
font-size
Small
Medium
Large
whatsapp share

गुजरात (Gujarat) की दो विधानसभा सीट और केरल (Kerala), पंजाब (Punjab) और पश्चिम बंगाल (West Bengal) की 1-1 सीटों पर 19 जून को उपचुनाव होने हैं. चार राज्यों की पांच सीटों पर होने वाले उपचुनाव के नतीजे 23 जून को आएंगे. यूं तो उपचुनावों में लोगों की दिलचस्पी कम ही होती है. खासकर जब कोई बड़ा चेहरा मुकाबले में न हो. लेकिन पहलगाम हमले और ऑपरेशन सिंदूर के बाद देश में ये पहला चुनाव है. वहीं केरल और पश्चिम बंगाल में अगले साल की शुरुआत में होने वाले विधानसभा चुनाव होने हैं. इसके चलते इन उपचुनावों की अहमियत बढ़ गई है.

नीलांबुर उपचुनाव : कांग्रेस का सेमीफाइनल

कांग्रेस केरल में सत्ता में वापसी के लिए पूरा जोर लगा रही है. पार्टी ने नीलांबुर सीट पर होने वाले उपचुनाव को 2026 विधानसभा चुनावों से पहले का सेमीफाइनल बताया है. केरल विधानसभा में नेता विपक्ष और कांग्रेस विधायक वीडी सतीसन ने दावा किया कि उपचुनाव में जीत से राज्य में कांग्रेस के नेतृत्व वाली यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट (UDF) की वापसी की शुरुआत होगी. सतीशन ने कहा, 

यह एक राजनीतिक मुकाबला है. यहां UDF और LDF के बीच सीधी लड़ाई है. यह 2026 के विधानसभा चुनावों के लिए सेमीफाइनल है. और हमें बड़े अंतर से जीत का भरोसा है. हम इसे पिनाराई सरकार को जवाबदेह ठहराने के अवसर के तौर पर देख रहे हैं. यह सरकार पिछले नौ सालों से सत्ता में है. 

कांग्रेस इस उपचुनाव को लेकर बेहद सीरियस है. वायनाड से कांग्रेस सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा भी पार्टी की जीत सुनिश्चित करने के लिए प्रचार अभियान में शामिल हुई हैं.

दंगे और बवाल की छाया में कालीगंज उपचुनाव

पश्चिम बंगाल में भी अगले साल की शुरुआत में विधानसभा चुनाव होने हैं. यहां नदिया जिले की कालीगंज विधानसभा सीट पर उपचुनाव हो रहा है. इस चुनाव में TMC,BJP और कांग्रेस-लेफ्ट गठबंधन के बीच त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिल रहा है. इस सीट पर चुनावी कैंपेन में पहचान की राजनीति, मुर्शिदाबाद दंगों का डर और ऑपरेशन सिंदूर हावी रहा.

मुर्शिदाबाद दंगा बड़ा मुद्दा

मुर्शिदाबाद में हाल ही में दंगे हुए थे. इसमें तीन लोग मारे गए थे. और कई लोग बेघर हुए थे. इस उपचुनाव में ये बड़ा मुद्दा बन कर सामने आया है. इसके अलावा SSC भर्ती घोटाला को लेकर भी लोगों में नाराजगी है. कालीगंज उपचुनाव में पहचान और विरासत चुनावी मुद्दों के केंद्र में हैं.

TMC ने बीजेपी पर लोगों को बांटने का आरोप लगाया है. वहीं मुर्शिदाबाद समेत राज्य के कुछ हिस्सों में हुई सांप्रदायिक झड़पों ने BJP के अभियान को और बल दे दिया है. पार्टी अल्पसंख्यक बहुल इस सीट पर TMC के दबदबे को तोड़ने में पूरे दमखम से जुटी है.

लुधियाना पश्चिम उपचुनाव AAP, कांग्रेस, SAD और BJP के लिए लिटमस टेस्ट

लुधियाना पश्चिम उपचुनाव AAP, कांग्रेस, SAD और BJP के लिए एक लिटमस टेस्ट की तरह है. पंजाब की शहरी राजनीति किस करवट बैठेगी इस उपचुनाव से इसका जवाब मिलने की उम्मीद है. AAP विधायक गुरप्रीत बस्सी गोगी के निधन के चलते ये सीट खाली हुई थी. इस सीट को जीतकर AAP पंजाब में अपनी पकड़ को मजबूत करना चाहेगी.

इस सीट पर AAP को कांग्रेस से कड़ी टक्कर मिल रही है. कांग्रेस पहले भी छह बार इस सीट पर जीत हासिल कर चुकी है. AAP के सत्ता में आने के बाद राज्य में अपनी खोई हुई जमीन वापस पाने की कवायद में जुटी कांग्रेस के लिए ये जीत संजीवनी का काम करेगी.

कांग्रेस और AAP के अलावा BJP की भी इस चुनाव पर पैनी नजर है. पार्टी देखना चाहती है कि शहरी वोटर्स में उसकी कितनी पैठ है. शिरोमणि अकाली दल (SAD) से अलग होने के बाद से BJP राज्य में कुछ खास हासिल नहीं कर पाई है. 

अपना अस्तित्व बचाने की लड़ाई लड़ रही SAD के लिए ये उपचुनाव बेहद महत्वपूर्ण है. इस चुनाव को पार्टी अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल के नेतृत्व की परीक्षा के तौर पर देखा जा रहा है. SAD पिछले कुछ चुनावों में बुरी तरह से फेल रही है. इस उपचुनाव में अच्छा प्रदर्शन पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए टॉनिक का काम करेगा.

गुजरात में विसावदर और काडी सीट पर उपचुनाव

गुजरात की विसावदर और काडी विधानसभा सीट पर 19 जून को उपचुनाव होने वाले हैं. यहां BJP, कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के बीच त्रिकोणीय मुकाबला है. जूनागढ़ की विसावदर सीट दिसंबर 2023 से खाली है. 

इस सीट से आप विधायक भूपेंद्र भयानी बीजेपी में शामिल हो गए थे. विसावदर सीट पर हाई प्रोफाइल उम्मीदवार मैदान में हैं. बीजेपी ने किरीट पटेल, कांग्रेस ने नितिन रणपरिया और आप ने अपने पूर्व गुजरात अध्यक्ष गोपाल इटालिया को मैदान में उतारा है.

काडी सीट मेहसाणा जिले में आता है. यह सीट अनुसूचित जाति (SC) जाति के लिए आरक्षित है. फरवरी में BJP विधायक करसन सोलंकी के निधन के बाद ये सीट खाली हुई थी. बीजेपी ने इस सीट से राजेंद्र चावड़ा को टिकट दिया है. वहीं कांग्रेस ने रमेश चावड़ा पर भरोसा जताया है. चावड़ा साल 2012 में इस सीट से विधायक रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने जगदीश चावड़ा को चुनावी मैदान में उतारा है.

वीडियो: PM मोदी ने गुजरात के CM से बात की, गृह मंत्री और रक्षा मंत्री की मीटिंग में क्या तय हुआ?

Subscribe

to our Newsletter

NOTE: By entering your email ID, you authorise thelallantop.com to send newsletters to your email.

Advertisement