'होटल में एक शख्स की पैंट उतरवाई', यूपी सरकार के नेमप्लेट आदेश पर ओवैसी का बड़ा दावा
Asaduddin Owaisi ने आरोप लगाया कि मुजफ्फरनगर में Kanwar Yatra Route पर दुकानदारों से नाम दिखाने के लिए कहा जा रहा है. उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि दुकानदारों का आधार कार्ड भी चेक किया जा रहा है.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (AIMIM) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कांवड़ यात्रा को लेकर उत्तर प्रदेश सरकार पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने आरोप लगाया कि कांवड़ यात्रा रूट पर खाने-पीने की दुकानों, होटल और ढाबा मालिकों को ‘जबरन परेशान’ किया जा रहा है, उनके आधार कार्ड चेक किए जा रहे हैं. हैदराबाद के सांसद ओवैसी ने यहां तक आरोप लगाया कि होटल में घुसकर जबरदस्ती पैंट उतारने के लिए भी बोला जा रहा है.
इंडिया टुडे से जुड़े अब्दुल बशीर की रिपोर्ट के मुताबिक, असदुद्दीन ओवैसी ने योगी आदित्यनाथ की सरकार पर सवाल खड़े किए. उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार सुप्रीम कोर्ट के पिछले साल दिए अंतरिम आदेश का पालन क्यों नहीं कर रही है. अंतरिम आदेश में सर्वोच्च अदालत ने कांवड़ यात्रा रूट पर दुकानों के बाहर मालिकों को अपना नाम और मोबाइल नंबर वाले बोर्ड लगाने के राज्य सरकार के निर्देश पर रोक लगा दी थी.
असदुद्दीन ओवैसी ने मीडिया से बात करते हुए कहा,
"मुजफ्फरनगर बायपास के पास बागोंवाली, सरवट और बझेड़ी, ये तीन गांव है. यहां पर कई होटल हैं. बरसों से हैं. यह समझ में नहीं आ रहा कि 10 साल पहले इन जगहों पर कुछ नहीं होता था, शांति के साथ सब कांवड़ यात्रा जाती थी. अब यह क्यों हो रहा है? होटल पर गए, एक आदमी को पकड़ लिया. उसका आधार कार्ड मांगा. उसके पास आधार कार्ड नहीं मिला तो बोले पैंट उतारो. क्या गंदगी है यह?"
ओवैसी ने आरोप लगाया कि उत्तर प्रदेश पुलिस ने कथित आरोपी विजिलेंट्स को गिरफ्तार नहीं किया, बल्कि उन्हें केवल नोटिस दिए गए. उन्होंने कहा,
"फिर बाद में मालूम हुआ पुलिस ने उन्हें नोटिस दिया. नोटिस नहीं उनको गिरफ्तार करो. रोको आप उनको. अगर पुलिस अपना काम नहीं कर रही तो ये सब विजिलेंट्स कर रहे हैं वहां पर. ये खुद सरकार बने हुए हैं. सुपीरियर सरकार बने हुए हैं."
AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने उत्तर प्रदेश सरकार को सुप्रीम कोर्ट के अंतरिम आदेश का पालन करने के लिए भी कहा है. उन्होंने कहा,
"बेचारा, उसका नाम गोपाल है. क्या तमाशा है? किसको अधिकार है जाकर होटल में... कौन हैं आप बोलने वाले? आप जाते कैसे हैं होटल में? कौन हैं आप? आप पुलिस हैं? सुप्रीम कोर्ट ने पिछली बार आदेश दिया था, जो आज भी मायने रखता है. आप होते कौन हैं जाने वाले? तुम्हें धरना देना है, तुम जाकर धरना दो. होटल में कैसे जाते हो?... तुम सरकार हो? तुम कानून हो? कौन हो तुम?"
दरअसल पिछले साल 22 जुलाई को सुप्रीम कोर्ट ने एक अंतरिम आदेश जारी किया था. इसमें सर्वोच्च अदालत ने दुकानदारों को केवल अपनी दुकानों में परोसे जाने वाले खाने की किस्म के बारे में बताने के लिए कहा था. सरकार की दलील थी कि इससे कांवड़ियों समेत लोगों को जानकारी होगी कि दुकान पर कैसा खाना मिलेगा.
इस साल कांवड़ यात्रा 11 जुलाई से 23 जुलाई तक चलेगी. शिव भक्तों के लिए यह सालाना आयोजन बहुत अहम होता है. इसमें शिव भक्त कांवड़िए नंगे पैर चलते हैं और हरिद्वार से पवित्र गंगाजल लाते हैं.
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