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आंध्र प्रदेश में सुरक्षाबलों और नक्सलियों में मुठभेड़, 25 लाख के इनामी गजरला रवि की मौत

नक्सल कमांडर Gajarla Ravi नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था. 2015 में एक ऑपरेशन के बाद लौट रही बीएसएफ टीम पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. गजरला रवि इस हमले का मास्टरमाइंड था.

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Naxal Encounter
गजरला रवि और अरुणा. (फाइल फोटो: इंडिया टुडे)
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जितेंद्र बहादुर सिंह
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18 जून 2025 (Published: 01:42 PM IST) कॉमेंट्स
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आंध्रप्रदेश के पूर्वी गोदावरी जिले के मारेदुमिल्ली जंगल में सुरक्षाबलों और नक्सलियों के बीच मुठभेड़ (Naxal Encounter in AP) हुई. इस दौरान तीन बड़े नक्सलियों को मार गिराया गया. किंटुकुरु गांव के पास हुए एनकाउंटर में गजरला रवि, रावी वेंकट चैतन्य उर्फ अरुणा और अंजू मारे गए. मौके से दो एके-47 राइफल और अन्य सामान बरामद हुए हैं. आंध्रप्रदेश ग्रेहाउंड्स, सीआरपीएफ और छत्तीसगढ़ पुलिस ने संयुक्त रूप से इस अभियान को अंजाम दिया.

नक्सल कमांडर गजरला रवि को गणेश और उदय के नाम से जाना जाता है. वो नेशनल इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (NIA) की मोस्ट वांटेड लिस्ट में शामिल था. 2015 में एक ऑपरेशन के बाद लौट रही बीएसएफ टीम पर नक्सलियों ने घात लगाकर हमला किया था. गजरला रवि इस हमले का मास्टरमाइंड था. उस हमले में बीएसएफ कमांडेंट शहीद हो गए थे. एनआईए इस पूरे मामले की जांच कर रही है.

शांति वार्ता का हिस्सा रहा था गजरला

गजरला माओवादियों की सेंट्रल कमेटी का सदस्य और आंध्र-ओडिशा बॉर्डर स्पेशल जोनल कमेटी (AOBSZC) का सचिव भी था. वो तेलंगाना के भूपालपल्ली जिले के वेलिशला गांव का रहने वाला था. वो उस क्षेत्र के सबसे बड़े माओवादी नेताओं में से एक था. उस पर 25 लाख रुपये का इनाम था. 

उसने साल 2004-05 में तत्कालीन मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी के नेतृत्व वाली सरकार के साथ शांति वार्ता में भाग लिया था. तब वो पीपुल्स वॉर ग्रुप का हिस्सा था. वो पहले मलकानगिरी, कोरापुट और श्रीकाकुलम सहित कई क्षेत्रों का प्रभारी भी था. 

नक्सली अरुणा पर 20 लाख का इनाम

अरुणा, हाल ही में मारे गए नक्सली चलापति की पत्नी थी. चलापति भी सेंट्रल कमेटी का मेंबर था. विशाखापत्तनम जिले के करकवाणी पालम की रहने वाली अरुणा पर 20 लाख रुपये का इनाम था. उसने नक्सलियों की महिला शाखा और दूसरे नक्सल अभियानों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी. वो स्पेशल जोनल कमेटी की सदस्य और पूर्वी डिवीजन की सचिव थी.

पुलिस सूत्रों के अनुसार, इलाके में 16 माओवादियों के एक समूह को देखा गया था. इसके बाद करीब 25 मिनट तक गोलीबारी हुई. सुरक्षा बलों ने घटनास्थल से तीन शव बरामद किए हैं और तलाशी अभियान अभी जारी है. बताया जा रहा है कि बाकी माओवादी भाग गए हैं.

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AOBSZC के लिए बड़ा झटका

अधिकारियों ने कहा कि रवि और अरुणा की मौत AOBSZC के लिए एक बड़ा झटका है, जो प्रतिबंधित भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) की सक्रिय क्षेत्रीय शाखाओं में से एक है. सुरक्षा बलों का कहना है कि इस ऑपरेशन ने आंध्र-ओडिशा-छत्तीसगढ़ क्षेत्र में प्रमुख नेतृत्व को बेअसर कर दिया है.

वीडियो: तारीख: कहानी नक्सल आंदोलन की जिसकी वजह से भारत में 'रेड कॉरिडोर' बन गया

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