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'90 घंटे' काम करने की बहस के बीच इस CM का एलान, 'WFH लाएंगे, IT ऑफिस खोलने पर इंसेंटिव'

CM चंद्रबाबू नायडू ने कहा कि सरकार STEM फील्ड में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना चाहती है. उनको उम्मीद है कि वर्क फ्रॉम होम को तरजीह देकर आंध्र प्रदेश में एक समावेशी और टिकाऊ कामकाजी माहौल बनेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी.

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CM Chandrababu Naidu WFH
CM चंद्रबाबू नायडू ने वर्क फ्रॉम होम (WFH) पॉलिसी का एलान किया. (Bing AI/X @ncbn)
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मौ. जिशान
12 फ़रवरी 2025 (Published: 08:25 PM IST)
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90 Hours Work Week: हफ्ते में 90 घंटे काम करने की बहस के बीच आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री चंद्रबाबू नायडू ने बड़ा एलान किया है. उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार राज्य में Work From Home कल्चर को बढ़ावा देना चाहती है. सीएम ने कहा कि महिलाओं को खासतौर पर इसका फायदा मिलेगा. 'इंटरनेशनल डे ऑफ वुमन एंड गर्ल्स इन साइंस' के मौके पर चंद्रबाबू नायडू ने यह घोषणा की. उन्होंने कहा कि सरकार STEM फील्ड में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाना चाहती है. उनको उम्मीद है कि वर्क फ्रॉम होम को तरजीह देकर आंध्र प्रदेश में एक समावेशी और टिकाऊ कामकाजी माहौल बनेगा, जिससे राज्य की अर्थव्यवस्था बेहतर होगी.

STEM शब्द का इस्तेमाल साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स को शॉर्ट में बताने के लिए जाता है. सरकार का ध्यान इन चारों फील्ड में महिलाओं की भागीदारी बढ़ाने पर है. सीएम नायडू का मानना है कि घर बैठे काम करने की सुविधा से उन महिलाओं को बड़ा फायदा होगा, जिनके लिए काम करने के लिए बाहर जाना मुश्किल है.

CM चंद्रबाबू नायडू ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर एक पोस्ट शेयर कर अपनी भावी योजना की जानकारी दी है. इसमें उन्होंने कहा कि खासतौर पर महिला प्रोफेशनल्स को ध्यान में रखते हुए ऐसा किया जा रहा है. उनके लंबे पोस्ट से संकेत मिलता है कि सरकार ने IT, इंजीनियरिंग और टेक्नोलॉजी सेक्टर में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लिए बड़ी तैयारी की है.

नायडू ने कहा कि इस दिशा में ‘आंध्र प्रदेश IT & GCC पॉलिसी 4.0’ गेम चेंजर साबित हो सकती है. इस तरह की पहल बेहतर वर्क लाइफ बैलेंस बनाने में मदद करेगी. CM ने हर शहर, कस्बे और मंडल में IT ऑफिस बनाने पर इंसेंटिव देने की घोषणा की है. इसके अलावा उन्होंने कहा कि जमीनी स्तर पर रोजगार पैदा करने वाली IT/GCC फर्म्स को सरकार सपोर्ट करेगी.

बीते दिनों L&T के चेयरमैन एसएन सुब्रमण्यन ने हफ्ते में 90 घंटे काम करने की नसीहत दी थी. उनके इस बयान पर वर्किंग कल्चर को लेकर नई बहस छिड़ गई. हाल ही में उन्होंने एक और विवादित बयान दिया है. NDTV की रिपोर्ट के मुताबिक, 11 फरवरी को चेन्नई में CII के मिस्टिक साउथ ग्लोबल लिंकेज समिट 2025 में बोलते हुए सुब्रमण्यन ने कहा कि वेलफेयर स्कीम्स की वजह से मजदूर काम पर नहीं आना चाहते हैं. सुब्रमण्यन ने कहा कि मनरेगा, डायरेक्ट बेनिफ्ट ट्रांसफर और जन धन जैसी सरकारी योजनाओं की वजह से मजदूरों का काम पर आना मुश्किल हो गया है.

वहीं आंध्र प्रदेश सरकार का वर्क फ्रॉम होम को बढ़ावा देना बड़ा बदलाव ला सकता है. CM नायडू ने यह भी याद दिलाया कि COVID-19 महामारी ने किस तरह हमारे काम करने के तरीके को बदला. उन्होंने कहा कि आसानी से मिलने वाली टेक्नोलॉजी से वर्क फ्रॉम होम कल्चर की अहमियत सामने आई. रिमोट वर्क, कोवर्किंग स्पेस (CWS) और नेबरहुड वर्कस्पेस (NWS) जैसे कॉन्सेप्ट बिजनेस और कर्मचारियों को लचीला और प्रोडक्टिव वर्क एनवायरनमेंट बनाने में मदद कर सकते हैं.

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