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'500 रुपये के नोट बंद कर दो', CM चंद्रबाबू नायडू ने ऐसा क्यों कहा?

हाल ही में कुछ यूट्यूब चैनल्स ने ऐसे दावे किए थे कि 500 रुपये के नोट बंद होने वाले हैं. तब सरकार ने 500 रुपये के नोट को लेकर बयान जारी किया था.

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चंद्रबाबू नायडू ने इंटरव्यू में हिंदी को राष्ट्रभाषा के तौर पर समर्थन दिया है. (तस्वीर-इंडिया टुडे)
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सचेंद्र प्रताप सिंह
9 जून 2025 (Published: 08:25 PM IST)
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आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू ने भ्रष्टाचार को खत्म करने के लिए बड़े नोटों को बंद करने की सलाह दी है. इंडिया टुडे को दिए इंटरव्यू में नायडू ने सरकार को ये सलाह दी. उन्होंने कहा कि केवल 100 और 200 रुपये तक ही नोट चलन में रहने चाहिए. और 500 रुपये के नोट बंद कर देने चाहिए. उन्होंने कहा- 

"सभी बड़े नोटों को समाप्त कर दिया जाना चाहिए. केवल 100 और 200 रुपये से कम मूल्य के नोट ही जारी रहने चाहिए. यहां तक ​​कि 500 ​​रुपये के नोट भी जारी नहीं रहने चाहिए. सभी बड़े नोटों को बंद करके ही भ्रष्टाचार को मिटाया जा सकता है."

हालांकि, केंद्र सरकार पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि 500 रुपये का नोट बंद करने का कोई इरादा नहीं है. प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो (PIB) की तरफ से दी गई जानकारी में कहा गया है कि 500 रुपये के नोट बंद करने के बारे में रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) ने कोई आधिकारिक घोषणा नहीं की है. 

दरअसल, कुछ यूट्यूब चैनल्स पर ऐसा दावा किया गया था, कि 500 रुपये के नोट बंद हो जाएंगे. इसके बाद सरकार को खुद इन दावों का खंडन करना पड़ा. सरकार ने इस तरह की भ्रामक खबरों से बचने की भी सलाह दी है.

वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई को दिए इंटरव्यू में आंध्र प्रदेश के सीएम ने कई मुद्दों पर बात की. उन्होंने भाषा पर चल रहे विवाद पर भी अपना पक्ष रखा. नायडू ने-

“स्थानीय भाषा, मातृभाषा दोनों जरूरी हैं. इसमें कोई समझौता नहीं हो सकता है. चाहे तमिल हो, तेलुगु हो या कन्नड़. लेकिन हिंदी भी क्यों नहीं सीख सकते? इससे हम उत्तर भारतीयों से अच्छे से संवाद कर सकते हैं. राष्ट्रीय स्तर पर इसे मान्यता देने में कोई बुराई नहीं है.”

हाल ही में दक्षिणी राज्यों में हिंदी भाषा को लेकर कई विवाद देखने को मिले हैं. इसमें कई मामलों में मारपीट तक देखी गई है. इन राज्यों के नेताओं का आरोप है कि हिंदी जबरन थोपी जा रही है.  

इसके अलावा सीएम नायडू ने जातिगत जनगणना का भी समर्थन किया है. उन्होंने कहा कि हर नागरिक के लिए एक साथ जातिगत, कौशल आधारित और आर्थिक जनगणना की जानी चाहिए. आज के दौर में डेटा बहुत ताकतवर हो गया है. केंद्र सरकार ने हाल ही में देशव्यापी जातिगत जनगणना को मंजूरी दी है. सीएम ने आगे कहा कि अब तक बिहार, तेलंगाना, आंध्र प्रदेश और कर्नाटक में ऐसी जनगणना हो चुकी है.

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इंटरव्यू में मुफ्त योजनाओं (फ्रीबीज कल्चर) पर सवाल पूछे जाने पर उन्होंने कहा कि फ्रीबीज शब्द सही नहीं है. पहले ज्यादा कल्याणकारी योजनाएं नहीं थीं. लेकिन एनटीआर (पूर्व सीएम एन. टी. रामाराव) ने कई लाभकारी योजनाएं शुरू की थी.  उन्होंने कहा कि आज देश में अमीर-गरीब के बीच की खाई भी बढ़ रही है, कल्याणकारी योजनाएं सार्थक होनी चाहिए. उन्होंने आगे कहा कि इन योजनाओं की डिलीवरी प्रभावी तरीके से होनी चाहिए.

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