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Exclusive: "मां के कपड़े पहनकर खुद को शीशे में देखती थी" अनाया बांगर ने सुनाई जेंडर चेंज करवाने से पहले की कहानी

Anaya Bangar Exclusive: अनाया ने अपनी पहचान, क्रिकेट, टॉक्सिक मैस्क्युलिनिटी और अन्य मुद्दों पर खुलकर बात की. वे पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच Sanjay Bangar की बेटी है. इस दौरान अनाया बांगर ने Dysphoria को लेकर भी बात की.

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Anaya Bangar told the story before gender change on lallantop baithaki sanjay bangar cricket
अनाया बांगर पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच संजय बांगर की बेटी है
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अर्पित कटियार
18 अप्रैल 2025 (Published: 01:45 PM IST) कॉमेंट्स
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सोशल मीडिया इंफ्लुएंसर अनाया बांगर (Anaya Bangar) ने दी लल्लनटॉप के खास शो ‘बैठकी’ (Lallantop Baithaki) में ट्रांस महिला के रूप में अपने अनुभव साझा किए. इस दौरान उन्होंने अपनी पहचान, क्रिकेट, टॉक्सिक मैस्क्युलिनिटी और अन्य मुद्दों पर खुलकर बात की. वे पूर्व भारतीय क्रिकेटर और कोच संजय बांगर की बेटी है. अनाया बांगर पहले आर्यन बांगर के नाम से जानी जाती थीं. वो हॉर्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी की प्रक्रिया से गुजर रही हैं. 

बातचीत के दौरान जब उनसे पूछा गया, “आपको कब एहसास हुआ कि मैं गलत लिंग में हूं?” तो उन्होंने इस पर जवाब दिया, 

“यह तब की बात है जब मैं आठ या नौ साल की थी और मैं अपनी मां की अलमारी से कपड़े लेकर खुद के रूम में जाकर पहनती थी. फिर, मैं शीशे में देखकर बोलती थी कि मैं एक लड़की हूं. मैं एक लड़की बनना चाहती हूं.”

इस दौरान अनाया बांगर ने डिस्फोरिया (Dysphoria) को लेकर भी बात की. उन्होंने बताया,

“मैं आइने में देखती थी कि ये लड़के का बॉडी है और वो मुझे पसंद नहीं आती थी. जो बॉडी चाहिए थी वो मेरे पास नहीं थी. इसको डिस्फोरिया बोलते हैं. आपका दिमाग और शरीर एक दूसरे से अलग हो जाता है. क्योंकि आपके दिमाग में आप कुछ और ही चीज हैं, लेकिन आपका शरीर कुछ और ही दिखा रहा है.”

विस्तार से पढ़ें: अनाया बांगर ने क्रिकेट, यौन उत्पीड़न, ट्रांसफोबिया सब पर खुलकर बात की 

क्या होता है डिस्फोरिया?

डिस्फोरिया का मतलब है बहुत दुखी, बेचैन, या असंतुष्ट महसूस करना. यह एक भावनात्मक स्थिति है. डिस्फोरिया कई अलग-अलग कारणों से और कई अलग-अलग लोगों में होता है. इन्हीं में शामिल है ‘लिंग डिस्फोरिया’. यह तब होता है जब किसी व्यक्ति की लिंग पहचान और उसका वास्तविक जैविक लिंग मेल नहीं खाता है. यह उन लोगों को महसूस होता है जिनकी जेंडर इक्वॉलिटी जन्म के वक्त उनके निर्धारित लिंग से अलग होती है. प्रभावित व्यक्ति अपने शरीर से अलगाव की भावना का अनुभव करते हैं.

अनाया बांगर का पूरा इंटरव्यू आप लल्लनटॉप की वेबसाइट पर देख सकते है.

वीडियो: बैठकी: ट्रांसमॉडल खुशी शेख कैसे बनीं सोशल मीडिया स्टार? ट्रांसजेंडर्स को लेकर फैले झूठ पर क्या बताया?

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