सिखों पर 'विवादित' बयान मामले में राहुल गांधी को झटका, स्पेशल कोर्ट के आदेश को चुनौती देने वाली याचिका खारिज
Rahul Gandhi पर आरोप है कि उन्होंने US में Sikh Community को लेकर विवादित बयान दिया. इसे लेकर Varanasi Court के एक आदेश पर रोक लगाने की मांग लेकर राहुल Allahabad High Court पहुंचे थे. क्या है पूरा मामला?

इलाहाबाद हाई कोर्ट ने सिखों को लेकर दिए कथित विवादित बयान के मामले में राहुल गांधी की याचिका खारिज कर दी है. कांग्रेस सांसद ने वाराणसी के स्पेशल कोर्ट के आदेश को चुनौती दी थी. स्पेशल कोर्ट ने बीते साल सिख समुदाय के बारे में राहुल के ‘विवादास्पद कॉमेंट’ को लेकर उनके खिलाफ पुनरीक्षण याचिका स्वीकार कर ली थी.
ये मामला राहुल गांधी के अपने तीन दिवसीय अमेरिकी दौरे के दौरान किए गए कॉमेंट के बाद शुरू हुआ. उन्होंने कथित तौर पर कहा था कि भारत में सिखों को पगड़ी या कड़ा पहनने की अनुमति नहीं है. वहीं, सिखों को गुरुद्वारों में प्रवेश की अनुमति नहीं है. राहुल गांधी ने 2024 में वर्जीनिया में एक कार्यक्रम में बोलते हुए कहा था,
(भारत में) लड़ाई इस बात को लेकर है कि क्या एक सिख को पगड़ी पहनने की अनुमति दी जाएगी. क्या एक सिख को कड़ा पहनने या गुरुद्वारे जाने की अनुमति दी जाएगी. लड़ाई इसी के लिए है और ये सिर्फ सिखों के लिए नहीं, बल्कि सभी धर्मों के लिए है.
इसके बाद, वाराणसी के रहने वाले नागेश्वर मिश्रा ने वाराणसी की सांसद/विधायक (MP/MLA) मामलों से निपटने वाली मजिस्ट्रेट अदालत का रुख किया. उन्होंने एक आवेदन दायर कर वाराणसी के सारनाथ पुलिस थाने में राहुल गांधी के खिलाफ FIR दर्ज करने की मांग की. नागेश्वर मिश्रा ने इस बयान को ‘समाज के लिए भड़काऊ और विभाजनकारी’ बताया. दावा किया कि उनके बयान के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
द हिंदू में छपी खबर के मुताबिक, राहुल गांधी का प्रतिनिधित्व करने वाले सीनियर वकील गोपाल चतुर्वेदी ने कहा कि शिकायतकर्ता के आवेदन में कथित बयान की तारीख का जिक्र नहीं किया गया था. मजिस्ट्रेट कोर्ट ने 28 नवंबर, 2024 को आवेदन को खारिज कर दिया और कहा कि कथित भाषण अमेरिका में दिया गया था, इसलिए ये उसके अधिकार क्षेत्र से बाहर है.
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इसके बाद, नागेश्वर मिश्रा ने वाराणसी सेशन कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका दायर की. इसे स्पेशल जज (MP/MLA कोर्ट) ने 21 जुलाई, 2025 को स्वीकार कर लिया. राहुल गांधी ने इस आदेश को इलाहाबाद हाई कोर्ट में चुनौती दी थी. उन्होंने अमेरिका में उनके कथित बयानों को लेकर उनके खिलाफ FIR दर्ज करने की याचिका को मजिस्ट्रेट अदालत को वापस भेजने की मांग की. ताकि उस पर नए सिरे से फैसला किया जा सके.
हाई कोर्ट में जस्टिस समीर जैन इस याचिका पर सुनवाई कर रहे थे. उन्होंने सभी पक्षों की दलीलें सुनने के बाद 3 सितंबर को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था. जिसे उन्होंने शुक्रवार, 26 सितंबर को सुना दिया. कांग्रेस नेता की याचिका खारिज होने से अब वाराणसी MP/MLA कोर्ट में पुनरीक्षण याचिका पर आगे बढ़ने का रास्ता साफ हो जाएगा.
वीडियो: अमेरिका में सिख समुदाय पर दिए गए बयान पर अदालत ने क्या कहा?