"महाकुंभ में वो मुस्लिम ना आएं जो...", अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने ये क्या कहा?
हालांकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य्क्ष रविन्द्र पुरी ने ये भी कहा कि मुस्लिम उनके भाई हैं, उनके मठ को बनाने वाले ठेकेदार भी मुस्लिम हैं, इसलिए जो अच्छे मन से आएगा उससे कोई बैर नहीं है.

प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ से पहले सभी तैयारी पूरी कर ली गई हैं. शासन-प्रशासन शहर की व्यवस्था को दुरुस्त करने के लिए दिन-रात लगा हुआ है. इस बीच महाकुंभ में गैर हिंदुओं की एंट्री को लेकर एक बड़ा बयान सामने आया है. अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद ने कहा है कि कुंभ में वो मुस्लिम ना आएं जो उनका धर्म ‘भ्रष्ट’ कर सकते हैं. अखाड़ा की ओर से ये भी कहा गया कि जो मुस्लिम ‘अच्छे मन से’ आएंगे उनसे कोई बैर नहीं है.
इंडिया टुडे से जुड़े पंकज श्रीवास्तव की रिपोर्ट के अनुसार अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य्क्ष रविन्द्र पुरी ने महाकुंभ में मुस्लिमों की एंट्री को लेकर कहा,
“वो मुस्लिम ना आएं जो हमारा धर्म भ्रष्ट कर सकते है. ऐसे लोगों को परचून की दुकान, जूस की दुकान, खाने की दुकान, चाय की दुकान न दी जाए… उन पर रोक लगनी चाहिए.”
हालांकि रविन्द्र पुरी ने आगे ये भी कहा,
“मुस्लिम हमारे भाई हैं, हमारे मठ को बनाने वाले ठेकेदार भी मुस्लिम हैं, इसलिए जो अच्छे मन से आएगा उससे कोई बैर नहीं है.”
इससे पहले पीएम मोदी ने महाकुंभ को आध्यात्मिक उत्सव और भारत की विविधता का प्रतीक भी बताया था. उन्होंने कहा था कि यहां किसी के साथ कोई भेदभाव नहीं किया जाता है. पीएम ने साल 2024 के आखिरी ‘मन की बात’ एपिसोड में कहा था,
"महाकुंभ की विशेषता सिर्फ़ इसकी विशालता ही नहीं है. कुंभ की विशेषता इसकी विविधता में भी है. इस आयोजन में करोड़ों लोग जुटते हैं. लाखों साधु-संत, हज़ारों परंपराएं, सैकड़ों संप्रदाय, अनेक अखाड़े, हर कोई इस आयोजन का हिस्सा बनता है. कहीं कोई भेदभाव नहीं, कोई बड़ा नहीं, कोई छोटा नहीं. विविधता में एकता का ऐसा नजारा दुनिया में कहीं और देखने को नहीं मिलेगा."
बता दें कि अखिल भारतीय मुस्लिम जमात ने महाकुंभ के दौरान मेला क्षेत्र में गैर-हिंदुओं को खाने की दुकानें लगाने से रोकने के अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद (ABAP) के प्रस्ताव का विरोध किया था. और तर्क दिया था कि इस तरह के कदम से समाज में विभाजन पैदा होगा.
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