गुजरात में 42 करोड़ रुपये में बना ब्रिज 5 साल में ही जर्जर, अब 3.9 करोड़ में गिराया जाएगा
अहमदाबाद का हाटकेश्वर ब्रिज 2017 में 42 करोड़ रुपये की लागत से बनकर तैयार हुआ. मगर, महज 5 साल यानी साल 2022 में ये जर्जर हो गया. अब इसे गिराने के लिए करोड़ों रुपये खर्च किए जा रहे हैं.

गुजरात के ब्रिज कुछ रोज से लगातार चर्चा में हैं. वडोदरा ज़िले में महिसागर नदी पर बने ब्रिज का एक हिस्सा बुधवार, 9 जुलाई को टूट गया. इसमें नौ लोगों की मौत हुई. अब अहमदाबाद का हाटकेश्वर ब्रिज चर्चा में है. ये जल्द ही तोड़ा जाएगा. लेकिन ये चर्चा में इसलिए है, क्योंकि ये साल 2017 में ही बना था. और तब इसे बनाने में लागत आई थी 42 करोड़ रुपये. अब जब ये सात साल बाद ही तोड़ा जा रहा है, तो इसे तोड़ने की लागत 3.9 करोड़ रुपये है.
हाटकेश्वर ब्रिज की कहानी शुरू हुई 2015 मेंआजतक की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाटकेश्वर ब्रिज का निर्माण 2015 में अजय इन्फ्रा कंपनी ने शुरू किया था. 30 नवंबर 2017 को इसका उद्घाटन हुआ था, लेकिन निर्माण के महज चार साल बाद मार्च-अप्रैल 2021 में ब्रिज पर गड्ढे पड़ने की वजह से इसे कुछ वक्त के लिए बंद करना पड़ा था. इसके बाद कई बार ब्रिज की मरम्मत की गई.
लेकिन इसके बाद भी ब्रिज की स्थिति ठीक न होने के चलते 2022 में इसका स्टेबिलिटी टेस्ट किया गया. इसमें ब्रिज को जर्जर घोषित कर दिया गया और वाहनों की आवाजाही पर पूरी तरह रोक लगा दी गई. टेस्ट रिपोर्ट में कहा गया कि ब्रिज के बीच के छह स्पैन को तोड़ना जरूरी है.
जाम में और तगड़ा फंसा दिया इस ब्रिज नेसाल 2022 में स्टेबिलिटी टेस्ट रिपोर्ट आ गई, तोड़ने की बात पर मुहर भी लग गई, लेकिन जर्जर ब्रिज खड़ा रहा. इसने आसपास के लोगों की मुसीबत बढ़ा दी. दरअसल, जिस ब्रिज को जाम से निजात दिलाने के लिए बनाया गया था, उसपर आवाजाही बंद होने से इलाके में ट्रैफिक की समस्या और बढ़ गई. इसे लेकर ब्रिज के आसपास रहने वाले लोग और दुकानदार कई बार विरोध प्रदर्शन कर चुके हैं.
रिपोर्ट के मुताबिक कई बार जर्जर ब्रिज को तोड़ने के लिए नगर निगम ने कई बार टेंडर जारी किए, लेकिन कोई भी कंपनी इस काम के लिए आगे नहीं आई. लेकिन अब एक कंपनी इसे तोड़ने के लिए आगे आई है. अहमदाबाद नगर निगम (एएमसी) की स्टैंडिंग कमेटी ने ब्रिज को तोड़ने के लिए इस कंस्ट्रक्शन कंपनी को टेंडर आवंटित करने की मंजूरी दे दी है.
नगर निगम स्टैंडिंग कमेटी के चेयरमैन देवांग दानी ने बताया कि जर्जर हाटकेश्वर ब्रिज को ध्वस्त करने के लिए गणेश कंस्ट्रक्शन कंपनी को 3.9 करोड़ रुपये का टेंडर आवंटित करने की मंजूरी दे दी गई है. जल्द ही ब्रिज को तोड़ने का काम शुरू किया जाएगा और 6 महीने में ब्रिज को तोड़ने का काम पूरा कर लिया जाएगा.
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