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काले प्लास्टिक के डिब्बों में गर्म खाना पैक करने से कैंसर का खतरा, डॉक्टर ने बताई एक-एक बात

अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको एक बड़ा शॉक लगने वाला है! काले प्लास्टिक के डिब्बों में पैक्ड खाना खाने और इन डिब्बों को गर्म करने से आप कैंसर को दावत दे रहे हैं.

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why packing hot food in black plastic containers cause cancer, safe options suggested by doctors
जिन डिब्बों पर सिंगल यूज़ प्लास्टिक लिखा है, उसे बार-बार इस्तेमाल न करें.
27 अक्तूबर 2025 (Published: 02:57 PM IST)
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आज खाना बनाने का मन नहीं है. चलो! खाना आर्डर कर लेते हैं. दाल मखनी, मटर पनीर, कोफ़्ते. वाह! आधे घंटे में खाना डिलीवर भी हो गया.  काले प्लास्टिक के डिब्बों में पैक्ड. आपने खाना झट से खा लिया और डिब्बों को संभालकर रख लिया. आगे काम आएगा.

फिर आपने इन डिब्बों को महीनों इस्तेमाल किया. टिफ़िन के तौर पर. इनमें खाना स्टोर किया. गर्म किया. जब ये ख़राब हो गए तो इन्हें फ़ेंक दिया.

अगर आप भी ऐसा करते हैं तो आपको एक बड़ा शॉक लगने वाला है! काले प्लास्टिक के डिब्बों में पैक्ड खाना खाने और इन डिब्बों को गर्म करने से आप कैंसर को दावत दे रहे हैं.

Chemosphere एक साइंटिफिक जर्नल है. इसमें 2024 में एक स्टडी छपी. इस स्टडी में 200 से ज़्यादा प्लास्टिक के काले डिब्बों की जांच की गई. इनमें से 85 परसेंट डिब्बों में ज़हरीले केमिकल्स पाए गए, जो शरीर को नुकसान पहुंचाते हैं. कैंसर तक कर सकते हैं.

आज डॉक्टर से समझेंगे काले प्लास्टिक के डिब्बों में खाना पैक करने के नुकसान. साथ ही जानेंगे कि क्या इनमें पैक्ड खाना खाने से कैंसर हो सकता है? खाने को पैक करने का सही तरीका क्या है? किन बर्तनों और डिब्बों में खाना पैक करना सेफ़ है? और समझेंगे कैंसर से बचने के लिए कौन से टेस्ट करवाएं.

काले प्लास्टिक कंटेनर में रखा खाना खाने से कैंसर?

ये हमें बताया डॉ. तन्वी सूद ने.

Dr. Tanvi Sood – Medical Oncologist in Dubai | Expert in Precision Cancer  Care
डॉ. तन्वी सूद, मेडिकल ऑन्कोलॉजिस्ट, प्राइम हॉस्पिटल, दुबई

हां, काले प्लास्टिक कंटेनर हानिकारक हैं. ये हमारी सेहत को बहुत नुकसान पहुंचा सकते हैं. काले प्लास्टिक कंटेनर में ब्रोमीन नाम का केमिकल होता है. जब इन कंटेनर में गर्म खाना रखा जाता है, तो ब्रोमीन छूटकर खाने में मिल जाता है. ऐसा खाना खाने से ये केमिकल हमारे शरीर में जमा होने लगता है. अगर ऐसा लंबे वक्त तक हो, तो व्यक्ति को कैंसर हो सकता है. साथ ही, इससे दिमाग के विकास पर असर पड़ता है. इससे बच्चों को भी नुकसान पहुंचता है. शरीर में हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है. इसलिए, काले प्लास्टिक कंटेनर को खाने के लिए इस्तेमाल न करें. कई लोग ऐसे प्लास्टिक कंटेनर्स को हमेशा के लिए घर में रख लेते हैं. इन्हें खाना रखने के लिए बार-बार इस्तेमाल करते हैं. ये राशन, खाना स्टोर करने के लिए लगातार इस्तेमाल होते हैं. लेकिन असल में ये बार-बार इस्तेमाल होने के लिए नहीं बने हैं. जिन पर सिंगल यूज़ प्लास्टिक लिखा है, उसे बार-बार इस्तेमाल न करें. प्लास्टिक कंटेनर में खाना रखना ही नहीं चाहिए, खासकर गर्म खाना.

खाने को किस चीज़ में पैक करना सेफ़?

- खाना रखने के लिए मिट्टी के बर्तनों का इस्तेमाल कर सकते हैं

- फूड ग्रेड सिलिकॉन में भी खाना रख सकते हैं

- ये FDA अप्रूव्ड है और शरीर के लिए सेफ है

- इसमें खाना स्टोर और गर्म, दोनों कर सकते हैं

- स्टेनलेस स्टील के डिब्बों में भी खाना रख सकते हैं

- इनसे शरीर को नुकसान नहीं पहुंचता

- आजकल कई अच्छे रेस्टोरेंट बायोडिग्रेडेबल बॉक्स और बंबू के कंटेनर इस्तेमाल कर रहे हैं

कैंसर की स्क्रीनिंग कैसे करें?

- 40 की उम्र के बाद महिलाएं मैमोग्राम ज़रूर कराएं

- ये छाती का एक्स-रे होता है

- ये टेस्ट कराना बहुत आसान है

- इसे साल में एक बार ज़रूर कराएं ताकि ब्रेस्ट कैंसर को शुरुआत में ही पकड़ा जा सके

- बच्चेदानी के मुंह का कैंसर यानी सर्विकल कैंसर के लिए पैप स्मीयर टेस्ट कर सकते हैं

- इसे महिलाओं की किसी भी डॉक्टर (गायनेकोलॉजिस्ट) से करा सकते हैं

- 30 की उम्र के बाद हर 3 साल में ये टेस्ट ज़रूर कराएं

- अगर 5 साल बाद पैप स्मीयर टेस्ट कराया जाए, तो इसे HPV को-टेस्टिंग के साथ किया जाता है

World Cancer Day 2025: Can Black Plastic Containers Used For Food Delivery  Cause Cancer?
काले प्लास्टिक कंटेनर में ब्रोमीन नाम का केमिकल होता है

- ये टेस्ट बहुत ज़रूरी है और बिना किसी दिक्कत के आसानी से कराया जा सकता है

- कुछ दूरबीन की जांचें भी होती हैं, जैसे बड़ी आंत की कोलोनोस्कोपी

- ये 45-50 साल के बाद महिलाओं और पुरुषों, दोनों को ही कराना चाहिए

- कोलनोस्कोपी 10 साल में एक बार की जाती है

- हर 3 से 5 साल में स्टूल का टेस्ट भी करा सकते हैं

- इसमें देखा जाता है कि कहीं स्टूल में खून तो नहीं निकल रहा

- सिग्मोइडोस्कोपी भी की जा सकती है

- ये बड़ी आंत का टेस्ट होता है

- इसके अलावा, प्रोस्टेट कैंसर के लिए PSA टेस्ट करा सकते हैं

- इसे 55 साल के बाद पुरुषों को ज़रूर कराना चाहिए

अगर आप अक्सर खाना बाहर से ऑर्डर करते हैं. और ये आदत नहीं छोड़ पा रहे. तो कम से कम एक काम करिए. खाना खाने के बाद उस काले डिब्बे को दोबारा इस्तेमाल न करें. ये सिंगल यूज़ होते हैं. कोशिश करिए आप ऐसी जगह से आर्डर करें, जहां खाना प्लास्टिक के डिब्बों में पैक न किया जाता हो. ये आपके और पर्यावरण--दोनों के लिए सेफ़ है. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: आपको डायबिटीज़ होने वाली है, ये किन लक्षणों से पता चलता है?

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