पटाखे फोड़ते हुए अगर कोई जल जाए तो तुरंत क्या करना चाहिए, और क्या बिल्कुल न करें?
हर साल दिवाली के आसपास ऐसी कई ख़बरें हमें सुनने-पढ़ने को मिलती हैं. लेकिन, इसका ये मतलब हरगिज़ नहीं कि आप त्योहार खुलकर न मनाएं. बस ज़रूरी है कुछ सावधानियां बरतना. ज़रूरी है कुछ ऐसी टिप्स जानना, जो ऐसे वक्त में आपके काम आ सकती हैं.

नवंबर 2024. दिल्ली AIIMS में 27 लोगों को भर्ती किया गया, जो दिवाली मनाते हुए जल गए थे. इसी साल दिवाली पर दिल्ली के अलग-अलग अस्पतालों में 280 लोगों को बर्न इंजरी के चलते भर्ती किया गया. चंडीगढ़ में 21 लोगों को PGI में भर्ती किया गया. इनमें से कुछ पटाखे जला रहे थे, तो कुछ पटाखों को जलते हुए देख रहे थे. देहरादून में 78 लोग दून मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में भर्ती किए गए, जो पटाखे फोड़ते हुए जल गए थे.
हर साल दिवाली के आसपास ऐसी कई ख़बरें हमें सुनने-पढ़ने को मिलती हैं. लेकिन, इसका ये मतलब हरगिज़ नहीं कि आप त्योहार खुलकर न मनाएं. बस ज़रूरी है कुछ सावधानियां बरतना. कभी-कभी पटाखे जलाते हुए चोट लग जाती है. चेहरे या हाथ-पैर पर हल्का-सा जल जाता है. इस वक्त एक छोटी-सी गलती से घाव और गंभीर हो सकता है.
इसलिए, ज़रूरी है कुछ ऐसी टिप्स जानना, जो ऐसे वक्त में आपके काम आ सकती हैं.
पटाखे फोड़ते हुए अगर कोई जल जाए तो तुरंत क्या करना चाहिए?ये हमें बताया डॉक्टर नयनतारा दास ने.

विक्टिम को तुरंत आग से दूर लेकर जाएं. मोटे कंबल या मोटी चादर से आग बुझा सकते हैं. इस दौरान अगर आप आग की चपेट में आ जाएं तो स्टॉप, ड्रॉप और रोल करें. स्टॉप यानी दौड़ना बंद कीजिए. दौड़ने से आग बढ़ सकती है. ड्रॉप यानी ज़मीन पर लेट जाइए. रोल यानी ज़मीन पर रोल कीजिए, जब तक आग बुझ नहीं जाती.
आग बुझने के बाद, जले हुए कपड़ों को निकाल दीजिए. पर अगर कपड़ा स्किन पर चिपक गया है तो उसे खींचें नहीं. जली हुई स्किन को 15-20 मिनट ठंडे पानी के नीचे रखें. इसके बाद एक साफ कपड़े से उसे ढक दें और तुरंत मेडिकल हेल्प लें.
कौन-सी गलती इस वक़्त एकदम न करें?जले हुए हिस्से पर बर्फ, टूथपेस्ट, हल्दी या कोई घरेलू नुस्ख़ा न लगाएं. अगर जले हुए हिस्से पर फोड़ा बन गया है तो उसे फोड़ें नहीं. बच्चों और बुज़ुर्गों की स्किन ज़्यादा सेंसिटिव होती है. इसलिए ज़्यादा ध्यान देने की ज़रूरत है. अगर चेहरे, प्राइवेट पार्ट या हाथ-पैर पर जला है तो ये सीरियस हो सकता है. इसलिए तुरंत मेडिकल हेल्प लें.

अगर हाथ-पैर हल्के से भी जल जाएं तो बर्फ का इस्तेमाल न करें. बर्फ से उस हिस्से की ब्लड सप्लाई कम हो सकती है. इसके बजाय जले हुए हिस्से को 15-20 मिनट ठंडे पानी के नीचे रखें. इससे जलन भी कम होगी, फायदा भी होगा.
क्या सावधानियां बरतें?-कॉटन के कपड़े पहनिए, सिंथेटिक अवॉयड कीजिए
-खुले एरिया में ही पटाखे फोड़ें
-ख़ासकर गाड़ियों और भीड़ से दूर
-बच्चों पर ख़ास ध्यान दें, क्योंकि उनकी स्किन बहुत सेंसिटिव होती है
-अगर परिवार में किसी को अस्थमा या फेफड़ों की दिक्कत है तो उन्हें पटाखे के धुएं से दूर रखिए
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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