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वज़न बढ़ने के डर से खाना छोड़ देता है इंसान, जानिए क्या है एनोरेक्सिया नर्वोसा?

एनोरेक्सिया नर्वोसा खाने-पीने की आदतों से जुड़ा एक विकार है. इसमें व्यक्ति बहुत कम खाता है या खाना एकदम कम कर देता है. कई बार तो वो पानी तक नहीं पीता. दरअसल उसे हमेशा डरा सताता है कि अगर उसने कुछ खाया-पिया, तो उसका वज़न बढ़ जाएगा.

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what is anorexia nervosa its causes symptoms prevention and treatment
एनोरेक्सिया नर्वोसा एक मानसिक विकार है (फोटो: Getty Images)
12 मार्च 2025 (Published: 02:30 PM IST)
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केरल का कन्नूर ज़िला. 8 मार्च को यहां रहने वाली 18 साल की एम. श्रीनंदा की मौत हो गई. 

दरअसल, श्रीनंदा अपने वज़न को लेकर काफ़ी परेशान रहती थी. वज़न बढ़ने का डर उसपर बहुत ज़्यादा हावी रहता था. इसी डर के कारण उसने बहुत स्ट्रिक्ट डाइट प्लान बनाया. वो घंटों भूखी रहती थी. बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ करती थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, वो लिक्विड डाइट पर थी. यानी भूख लगने पर वो खाना नहीं खाती थी. सिर्फ पानी वगैरह पीती थी. 

नतीजा? हद से ज़्यादा थकान और उल्टियां. दिक्कत इतनी बढ़ गई कि उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया. उसे बचाने की बहुत कोशिश की गई, मगर उसकी जान नहीं बच सकी.

श्रीनंदा का इलाज करने वाले डॉ. नागेश प्रभु ने कंफर्म किया है कि वो एनोरेक्सिया नर्वोसा से जूझ रही थी. एनोरेक्सिया नर्वोसा एक मानसिक विकार है. खान-पान से जुड़ा. दुबला-पतला दिखने की चाह बहुत आम है. मगर कब ये चाह एक विकार यानी डिसऑर्डर का रूप ले लेती है, ये हमें बताया डॉक्टर आरुषि दीवान ने. 

dr arushi dewan
डॉ. आरुषि दीवान, क्लिनिकल साइकोलॉजिस्ट, फाउंडर, कोपिंग कीज़
एनोरेक्सिया नर्वोसा क्या है?

डॉक्टर आरुषि कहती हैं कि एनोरेक्सिया नर्वोसा एक ईटिंग डिसऑर्डर है. यानी खाने-पीने की आदतों से जुड़ा एक विकार. इसमें व्यक्ति बहुत कम खाता है. या खाना एकदम कम कर देता है. कई बार तो वो पानी तक नहीं पीता. क्यों? क्योंकि उसे हमेशा डरा सताता है कि अगर उसने कुछ खाया-पिया, तो उसका वज़न बढ़ जाएगा. व्यक्ति को हमेशा लगता है कि वो ओवरवेट है और उसे कम खाने की ज़रूरत है. अगर वो ज़्यादा खा ले, तो वो उल्टी करने की कोशिश करता है. ताकि जो भी खाया-पिया है, वो सब बाहर निकल जाए.

हालांकि ऐसा ज़रूरी नहीं है कि एनोरेक्सिया नर्वोसा से ग्रसित व्यक्ति का वज़न ज़्यादा हो. कम वज़न वाले लोग भी एनोरेक्सिया नर्वोसा से पीड़ित हो सकते हैं. जब ऐसे लोग ज़रूरत से कम खाते हैं. तो उनके शरीर को पर्याप्त पोषण नहीं मिलता. नतीजा? वो कुपोषित हो जाते हैं. उन्हें कई दूसरी बीमारियां होने का ख़तरा भी बढ़ जाता है. जैसे हड्डियों और मांसपेशियों का कमज़ोर हो जाना. दिल से जुड़ी बीमारियां. दिमाग और नर्व्स से जुड़ी दिक्कतें. खून की कमी और कमज़ोर इम्यूनिटी.

एनोरेक्सिया नर्वोसा होने का कारण

एनोरेक्सिया नर्वोसा होने का कोई एक सटीक कारण नहीं है. लेकिन इसके पीछे कई वजहें हो सकती हैं. जैसे व्यक्ति के जीन्स. अगर उसके परिवार में किसी को ईटिंग डिसऑर्डर है, तो उसे भी हो सकता है. अगर व्यक्ति को उसके वज़न के लिए कभी ताने मारे गए हों, मज़ाक उड़ाया गया हो, तो इसका असर मानसिक तौर पर भी पड़ता है. जिसके चलते ये डिसऑर्डर हो सकता है.

लिहाज़ा, अगर कोई व्यक्ति खाना खाने से परहेज़ कर रहा है. बहुत कम खा रहा है या न के बराबर खा रहा है. अपने खाने को लेकर झूठ बोल रहा है. भूख कंट्रोल करने की दवाएं ले रहा है. बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज़ कर रहा है. हर कुछ दिनों में अपना वज़न नाप रहा है. हेल्दी या कम वज़न होने के बावजूद खुद को ओवरवेट समझ रहा है. तब हो सकता है कि उसे एनोरेक्सिया नर्वोसा हो.

anorexia nervosa
एनोरेक्सिया नर्वोसा में व्यक्ति बार-बार अपना वज़न नापता है (फोटो: Getty Images)
एनोरेक्सिया नर्वोसा के लक्षण

- बहुत ज़्यादा वज़न घटना

- दिल की धड़कन अनियमित हो जाना

- ब्लड प्रेशर लो होना

- शरीर में पानी की कमी होना

- नींद न आना

- थकान रहना

- सिरदर्द होना

- चक्कर आना

- पेटदर्द होना

- ब्लोटिंग यानी पेट फूलना

- कब्ज़ की शिकायत रहना

- उंगलियों का नीला पड़ा जाना

- स्किन पीली या ड्राई होना

- बाल पतले होकर टूटने लगना

- पीरियड्स मिस होना या उनका इर्रेगुलर हो जाना

- हाथ या पैर में सूजन रहना

- हड्डियां कमज़ोर हो जाना

- छोटी-छोटी बात पर चिढ़ना

- हर वक्त तनाव में रहना

अगर किसी को ये लक्षण महसूस होते हैं, तो बिना देर किए डॉक्टर से मिलें.

एनोरेक्सिया नर्वोसा से बचाव और इलाज

एनोरेक्सिया नर्वोसा से बचाव और इलाज मुमकिन है. बस ज़रूरी है कि जितना जल्दी हो सके, डॉक्टर से मिला जाए. जब आप डॉक्टर के पास जाएंगे, तो आपके कुछ टेस्ट किए जाएंगे. जैसे CBC यानी कंप्लीट ब्लड काउंट टेस्ट. शरीर में इलेक्ट्रोलाइट्स और दूसरे अंगों का कामकाज देखने के लिए स्पेशलाइज़्ड  ब्लड टेस्ट भी किए जाएंगे. ज़रूरत के मुताबिक, कुछ और जांचें भी की जा सकती हैं.

इलाज में कॉग्निटिव बिहेवियरल थेरेपी भी दी जा सकती है. इसमें व्यक्ति को उसके वज़न, उसके खान-पान से जुड़ी निगेटिव सोच को बदलने के लिए प्रेरित किया जाता है. साथ ही, अगर आपको एनोरेक्सिया नर्वोसा की वजह से कोई दिक्कत हो रही है, तो उसका इलाज भी किया जाता है.

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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