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जॉनसन एंड जॉनसन पर UK में मुकदमा, क्या सच में टैल्कम पाउडर से कैंसर होने का खतरा है?

मुकदमा 14 अक्टूबर को इंग्लिश हाई कोर्ट में दायर किया गया. ये Johnson & Johnson और Kenvue UK Limited के खिलाफ है. Kenvue, Johnson & Johnson की पुरानी कंज़्यूमर हेल्थ यूनिट थी. वकीलों ने कंपनी के ही पुराने डॉक्यूमेंट्स और साइंटिफिक रिपोर्ट्स को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया है.

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thousands in uk sue Johnson & Johnson over talcum powder cancer claims
Johnson & Johnson पर अमेरिका में पहले से ही हज़ारों मुकदमे चल रहे हैं
17 अक्तूबर 2025 (Updated: 17 अक्तूबर 2025, 02:09 PM IST)
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Johnson & Johnson. नाम तो सुना ही होगा. अमेरिकन कंपनी है. इसके तेल, पाउडर, क्रीम, साबुन खूब बिकते हैं. खासतौर पर बच्चों के लिए इन्हें खरीदा जाता है. कुछ एडल्ट्स भी इनका इस्तेमाल करते हैं

लेकिन, अब Johnson & Johnson पर ब्रिटेन में मुकदमा हुआ है. बहुत बड़ा मुकदमा. 3 हज़ार से ज़्यादा लोगों की तरफ से इसे KP Law फर्म ने किया है. आरोप है कि Johnson & Johnson के टैल्कम पाउडर से कैंसर होता है. कहा जा रहा है कि कंपनी ने जानबूझकर ऐसा बेबी पाउडर बेचा, जिसमें एस्बेस्टोस था. इसे कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है.

मुकदमा 14 अक्टूबर को इंग्लिश हाई कोर्ट में दायर किया गया. ये Johnson & Johnson और Kenvue UK Limited के खिलाफ है. Kenvue, Johnson & Johnson की पुरानी कंज़्यूमर हेल्थ यूनिट थी. इसे 2023 में अलग कर दिया गया था. वकीलों ने कंपनी के ही पुराने डॉक्यूमेंट्स और साइंटिफिक रिपोर्ट्स को सबूत के तौर पर इस्तेमाल किया है. मुकदमे में कहा गया है कि Johnson & Johnson को 60 के दशक से ही पता था कि उसके टैल्कम पाउडर में कुछ ऐसे मिनरल्स मौजूद हैं. जैसे ट्रेमोलाइट और एक्टिनोलाइट. जो अपने रेशेदार रूप में, यानी जब वो धागेनुमा होते हैं, तब एस्बेस्टोस बन सकते हैं. एस्बेस्टोस से इंसान को कैंसर हो सकता है. ये पता होने के बावजूद कंपनी ने न तो कोई चेतावनी दी. न ही पाउडर को मार्केट से हटाया. बल्कि ये इसे शुद्ध और सुरक्षित बताकर बेचती रही.

ब्रिटेन में जिन लोगों ने कंपनी पर मुकदमा किया है. उनका कहना है कि Johnson & Johnson का बेबी पाउडर इस्तेमाल करने की वजह से उन्हें ओवरी का कैंसर, मेसोथेलियोमा नाम का कैंसर और दूसरी बीमारियां हो गईं.

johnson and johnson
Johnson & Johnson कई तरह के प्रोडक्ट बनाती हैं 

हालांकि Johnson & Johnson ने सारों आरोपों को नकार दिया है. कंपनी का कहना है कि उसके प्रोडक्ट हमेशा नियमों के हिसाब से बने हैं. सेफ हैं. उनमें कभी एस्बेस्टोस नहीं था. न ही वो कैंसर पैदा करते हैं.

ब्रिटेन में कंपनी पर जो मुकदमा हुआ है. उसमें मुआवजे की कीमत करीब 1 बिलियन पाउंड्स आंकी गई है. इसे भारतीय रुपयों में देखें तो 10 हज़ार करोड़ रुपयों से भी ज़्यादा.

वैसे ब्रिटेन में तो Johnson & Johnson पर इतना बड़ा मुकदमा पहली बार हुआ है. लेकिन अमेरिका में इस कंपनी पर हज़ारों मुकदमे चल रहे हैं. वहां कई अदालतों ने पीड़ितों के पक्ष में फैसले भी दिए. एक फैसला 6 अक्टूबर 2025 को आया था. इसमें कंपनी को Mae Moore नाम की महिला के परिवार को 966 मिलियन डॉलर का मुआवजा देने का आदेश दिया गया. भारतीय रुपयों में ये रकम 8 हज़ार करोड़ के आसपास बैठती है. इस महिला की मौत मेसोथेलियोमा नाम के कैंसर से हुई थी. जो एस्बेस्टोस के ज़्यादा संपर्क में रहने से होता है.

कंपनी ने 2020 में अमेरिका में टैल्क बेस्ड बेबी पाउडर बेचना बंद कर दिया था. इसके बजाय उन्होंने कॉर्नस्टार्च वाला पाउडर लॉन्च किया. 2023 में ब्रिटेन में भी उन्होंने बिल्कुल ऐसा ही किया. मगर टैल्कम पाउडर में एस्बेस्टोस होने के दावों ने कंपनी का पीछा नहीं छोड़ा.

एस्बेस्टोस क्या है, क्या ये वाकई कैंसर की वजह बन सकता है? ये हमने पूछा, मैक्स हेल्थकेयर में सर्जिकल ऑन्कोलॉजी के प्रिंसिपल डायरेक्टर एंड यूनिट हेड, डॉ. अंशुमन कुमार से.

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डॉ. अंशुमन कुमार, प्रिंसिपल डायरेक्टर एंड यूनिट हेड, सर्जिकल ऑन्कोलॉजी, मैक्स हेल्थकेयर

डॉ. अंशुमन बताते हैं कि एस्बेस्टोस एक नेचुरल मिनरल है. इसके रेशे यानी धागे बहुत महीन और हल्के होते हैं. ये धागे गर्मी या आग से जलते नहीं हैं. इसलिए इसका इस्तेमाल पहले इमारतों, पाइपों और फैक्ट्रियों में इन्सुलेशन यानी ताप से बचाव के लिए किया जाता था. लेकिन जब पुराना एस्बेस्टोस टूटता है या घिसता है. तब इसके छोटे-छोटे धागे हवा में फैल जाते हैं. अगर ये धागे सांस के ज़रिए शरीर में चले जाएं, तो फेफड़ों में जमा हो सकते हैं. ये कई सालों तक वहीं बने रहते हैं. इससे फेफड़ों के सेल्स में लगातार सूजन बनी रहती है. वहां मौजूद टिशूज़ को नुकसान पहुंच सकता है. इससे फेफड़ों की गंभीर बीमारियां हो सकती हैं.

बेबी पाउडर की बात करें, तो ये मेनली टैल्क से बना होता है. ये भी एक नेचुरल मिनरल है. टैल्क की खदानें अक्सर एस्बेस्टोस वाली जगहों के पास होती हैं. इसलिए टैल्क की माइनिंग में एस्बेस्टोस मिल जाने का खतरा रहता है.

एस्बेस्टोस की थोड़ी-सी मात्रा भी शरीर को नुकसान पहुंचाती है. इसे कैंसर पैदा करने वाला माना जाता है. ये मेसोथेलियोमा नाम का कैंसर कर सकता है. ये एक रेयर लेकिन खतरनाक कैंसर है. ये आमतौर पर पेट की झिल्ली या फेफड़ों की झिल्ली में होता है. मेसोथेलियोमा के ज़्यादातर मामलों में वजह एस्बेस्टोस ही होता है.

अगर कोई पहले से सिगरेट पीता है. साथ ही, उसके फेफड़ों में एस्बेस्टोस के धागे हैं. तो उसमें फेफड़ों के कैंसर का रिस्क बढ़ जाता है. गले में होने वाले लैरिंजियल कैंसर और ओवरी के कैंसर को भी एस्बेस्टोस से जोड़कर देखा जाता है.

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