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इन वजहों से भारतीय पुरुषों में घट रही बच्चे पैदा करने की क्षमता, इलाज क्या है

इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रीप्रोडक्शन के मुताबिक, हमारे देश में ढाई करोड़ से ज़्यादा लोग इनफर्टिलिटी से जूझ रहे हैं. इसमें महिलाएं और पुरुष, दोनों शामिल हैं. अगर कपल्स की बात करें, तो हर 6 में से 1 कपल इनफर्टिलिटी से जूझ रहा है.

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male infertility is on the rise in india what are the causes tests treatment prevention
बहुत ज़्यादा स्ट्रेस में रहने से भी पुरुषों में इनफर्टिलिटी हो सकती है (फोटो: Freepik)
24 नवंबर 2025 (Updated: 24 नवंबर 2025, 04:19 PM IST)
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भारतीय पुरुषों में इनफर्टिलिटी बढ़ रही है. इनफर्टिलिटी यानी आप बच्चा पैदा नहीं कर पाते. इंडियन सोसाइटी ऑफ असिस्टेड रीप्रोडक्शन के मुताबिक, हमारे देश में ढाई करोड़ से ज़्यादा लोग इनफर्टिलिटी से जूझ रहे हैं. इसमें महिलाएं और पुरुष, दोनों शामिल हैं. अगर कपल्स की बात करें, तो हर 6 में से 1 कपल इनफर्टिलिटी से जूझ रहा है.

हमारे देश में इनफर्टिलिटी के जितने मामले सामने आते हैं, उनमें से 40 से 50% मामले, मेल इनफर्टिलिटी के होते हैं. इसलिए आज बात होगी मेल इनफर्टिलिटी पर. डॉक्टर से जानेंगे कि भारतीय पुरुषों में फर्टिलिटी गिरने के पीछे क्या-क्या कारण हैं. समस्या की जड़ तक पहुंचने के लिए पुरुष कौन-से टेस्ट करवा सकते हैं. अगर फर्टिलिटी में गिरावट आई है, तो उसका इलाज क्या है. 

भारतीय पुरुषों में फर्टिलिटी गिरने के क्या कारण हैं?

ये हमें बताया डॉक्टर सूरज पिन्नी ने. 

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डॉ. सूरज पिन्नी, कंसल्टेंट, एशियन इंस्टीट्यूट ऑफ नेफ्रोलॉजी एंड यूरोलॉजी, हैदराबाद

सबसे बड़ा कारण ख़राब लाइफस्टाइल और प्रदूषण है. अगर किसी की डाइट ख़राब है. उसमें पर्याप्त विटामिन और दूसरे पोषक तत्व नहीं हैं, तो इंसान के स्पर्म पर असर पड़ता है. अगर डाइट में फैटी फूड ज़्यादा है, तो मोटापा बढ़ता है. लोग एक्सरसाइज़ भी कम करते हैं. इससे शरीर में हॉर्मोन्स का संतुलन बिगड़ जाता है, जिससे स्पर्म पर बुरा असर पड़ता है. 

रेगुलर एक्सरसाइज़ से शरीर में हॉर्मोन्स संतुलित रहते हैं. अच्छी फर्टिलिटी के लिए ये बहुत ज़रूरी है. जो लोग लैपटॉप को गोद में रखकर काम करते हैं. उनमें लैपटॉप से निकलने वाली गर्मी की वजह से स्पर्म प्रोडक्शन घट सकता है.

आजकल लोग काम और परिवार को लेकर स्ट्रेस में रहते हैं. लगातार स्ट्रेस में रहने से व्यक्ति को एंग्ज़ायटी होती है. इससे शरीर में हॉर्मोन्स का बैलेंस बिगड़ जाता है और स्पर्म का बनना कम हो जाता है. इसके अलावा, नींद पूरी न होने से भी स्पर्म प्रोडक्शन पर असर पड़ता है.

सिगरेट और शराब पीने से भी स्पर्म पर असर पड़ता है. शराब-सिगरेट से शरीर में टॉक्सिंस यानी ज़हरीले पदार्थ जमा होने लगते हैं. जो अंडकोष (टेस्टिकल्स) पर बुरा असर डालते हैं.

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सीमन एनालिसिस से स्पर्म काउंट, उसका मूवमेंट और आकार चेक किया जाता है (फोटो: Freepik)
पुरुष कौन-से टेस्ट करवा सकते हैं?

सबसे ज़रूरी टेस्ट स्पर्म एनालिसिस या सीमन एनालिसिस है. इसमें स्पर्म काउंट, उसका मूवमेंट और आकार चेक किया जाता है. अगर जांचें सामान्य हों, तो 4 हफ्ते बाद फिर टेस्ट किया जाता है. अगर रिपोर्ट ठीक नहीं आती, तो हॉर्मोन्स से जुड़ी कुछ जांचें की जाती हैं. जैसे शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का लेवल चेक किया जाता है. थायरॉइड हॉर्मोन, FSH (फॉलिकल-स्टिमुलेटिंग हॉर्मोन) और LH (ल्यूटिनाइजिंग हार्मोन) से जुड़ी जांचें की जाती हैं. इनसे पता लग जाता है कि शरीर में हॉर्मोन्स का बैलेंस कैसा है. ये भी पता लग जाता है कि स्पर्म प्रोडक्शन कम होने की वजह क्या है. 

कुछ लोगों को अंडकोष में सूजन होती है. लिंग छोटा होता है या वैरीकोसेल बीमारी (अंडकोश की नसों में सूजन) होती है. ऐसे में कभी-कभी अंडकोष का अल्ट्रासाउंड भी किया जाता है.

इलाज

मैडिटेरियन डाइट (सूजन घटाने वाली डाइट) लेने की सलाह दी जाती है. फलियां और दालें ज़्यादा खाएं. रोज़ 7 से 8 घंटे की नींद लें. रोज़ 40 मिनट एक्सरसाइज़ करें. अपना वज़न कम करें. अगर डायबिटीज़ है या प्री-डायबिटिक हैं, तो लाइफस्टाइल पर खास ध्यान दें. जांच में मेडिकल समस्या सामने आने पर उसका इलाज किया जाता है. कभी हॉर्मोनल ट्रीटमेंट दिया जाता है, तो कभी सर्जरी की जाती है. जैसे वैरीकोसेल बीमारी में सर्जरी की जाती है. इस बीमारी में अंडकोष की नसों में सूजन आ जाती है. इन सूजी हुई नसों में खून जम जाता है, जिससे वहां तापमान बढ़ जाता है. इससे स्पर्म प्रोडक्शन घट जाता है. ऐसे में वैरिकोसेलेक्टोमी नाम की छोटी-सी सर्जरी की जाती है. इसमें सूजी हुई नसों में कट लगाकर, वहां खून इकट्ठा होने से रोक दिया जाता है. अगर स्पर्म को अंडकोष से पेशाब की नली तक ले जाने वाली ट्यूब में रुकावट आ जाए. तब ऑपरेशन करके इसे फिर से जोड़ा जा सकता है. इसके अलावा, स्मोकिंग, शराब, तंबाकू से परहेज़ करना ज़रूरी है.

हेल्दी डाइट और एक्टिव लाइफस्टाइल सिर्फ आपको फिज़िकली और मेंटली एक्टिव नहीं रखते. ये अच्छी सेक्शुअल हेल्थ के लिए भी ज़रूरी हैं. इसलिए डॉक्टर की बताई टिप्स फॉलो करिए. जो कपल्स बच्चे के लिए ट्राई कर रहे हैं, पर सफ़ल नहीं हो पा रहे, उन्हें डॉक्टर से मिलकर ज़रूरी टेस्ट करवाने चाहिए.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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