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थकान, डिप्रेशन, सेक्स की इच्छा में कमी, पुरुषों के लिए टेस्टोस्टेरॉन को समझना जरूरी

टेस्टोस्टेरॉन एक मेल सेक्स हॉर्मोन है. पुरुषों के शरीर में जितने भी बदलाव होते हैं, वो इसी हॉर्मोन की वजह से होते हैं. जैसे आवाज़ भारी होना. दाढ़ी-मूंछ आना. मांसपेशियों की ताकत बढ़ना. लेकिन, कई बार शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का लेवल कम हो जाता है.

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low testosterone causes symptoms and how to treat it
30-40 की उम्र के बाद शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन की मात्रा घटने लगती है (फोटो: Getty Images)
2 अप्रैल 2025 (Updated: 2 अप्रैल 2025, 05:29 PM IST) कॉमेंट्स
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टेस्टोस्टेरॉन. ये एक मेल सेक्स हॉर्मोन है. हालांकि टेस्टोस्टेरॉन महिलाओं और पुरुषों, दोनों में ही बनता है. लेकिन महिलाओं में इसकी मात्रा बहुत कम होती है.

कई बार, पुरुषों के शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की मात्रा घटने लगती है. खासकर 30-40 की उम्र के बाद. ज़ाहिर है, इसका असर उनके शरीर, दिमाग और सेक्स करने की इच्छा पर पड़ता है. ये एक बहुत ही आम बात है. मगर इसके बारे में लोगों को जानकारी बहुत कम है. यही वजह है कि कई बार वो अपने शरीर में होने वाले बदलावों को समझ नहीं पाते.

पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन का लेवल घटता क्यों हैं? इसे ठीक कैसे किया जाए. ये डॉक्टर साहब से समझेंगे.

टेस्टोस्टेरॉन क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर नैंसी नागपाल ने. 

dr nancy nagpal
डॉ. नैंसी नागपाल, कंसल्टेंट, गायनेकोलॉजी, सैलुब्रिटास हॉस्पिटल

मेल टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन पुरुषों के शरीर में टेस्टिकल्स (अंडकोष) द्वारा बनाया जाता है. इसका मुख्य काम सेक्शुअल ड्राइव यानी सेक्स करने की इच्छा को नियंत्रित करना है. ये पुरुषों के शरीर को उनका पुरुषत्व देता है. जैसे मांसपेशियों की ताकत बढ़ाना. हड्डियों को मज़बूत बनाना. शरीर पर बालों की ग्रोथ. ये सारे काम पुरुषों में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन ही करता है.

शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की कमी क्यों होती है?

- अगर टेस्टिस (अंडकोष) या पिट्यूटरी ग्लैंड (दिमाग में मौजूद ग्रंथि) में कोई समस्या है.

- उसमें कोई बीमारी या इंफेक्शन हो गया है, तो टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन घट सकता है.

- उम्र बढ़ने के साथ भी टेस्टोस्टेरॉन का लेवल कम हो जाता है.

- अगर व्यक्ति का वज़न बहुत ज़्यादा है, तो टेस्टोस्टेरॉन कम हो सकता है.

- लगातार तनाव और चिंता से भी टेस्टोस्टेरॉन का लेवल घट सकता है.

शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की कमी के लक्षण!

- टेस्टोस्टेरॉन की कमी का मुख्य लक्षण इरेक्टाइल डिस्फंक्शन है यानी लिंग का ठीक से काम न करना.

- इसके अलावा, सेक्स की इच्छा में कमी आना.

- मांसपेशियों की ताकत घटना.

- हड्डियां कमज़ोर होना.

- एंग्ज़ायटी (चिंता) होना.

- तनाव रहना.

- स्पर्म काउंट कम होना.

- डिप्रेशन के लक्षण दिखना.

- अगर ये लक्षण हैं, तो आपके शरीर में टेस्टोस्टेरॉन की कमी हो सकती है.

testosteron
टेस्टोस्टेरॉन का लेवल ठीक करने के लिए आपको अपनी लाइफस्टाइल सुधारनी होगी (फोटो: Getty Images)
टेस्टोस्टेरॉन लेवल कैसे ठीक करें?

- टेस्टोस्टेरॉन का लेवल ठीक करने के लिए लाइफस्टाइल सुधारें.

- पौष्टिक चीज़ें खाएं.

- जंक फूड कम से कम खाएं.

- 8 से 10 घंटे की पूरी नींद लें.

- एंग्ज़ायटी रहती हो तो उसका उपचार कराएं.

- तनाव न लें.

- रोज़ एक्सरसाइज़ करें.

- खुद को फिट रखेंगे तो टेस्टोस्टेरॉन सामान्य लेवल पर आ सकता है.

- वज़न नियंत्रित रखने से टेस्टोस्टेरॉन का लेवल सुधरता है.

अगर इन सबके बावजूद टेस्टोस्टेरॉन की कमी के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. वो आपकी जांच करके इलाज शुरू कर देंगे.

शरीर में टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन का लेवल पता करने के लिए एक ब्लड टेस्ट किया जाता है. इसे टोटल टेस्टोस्टेरॉन टेस्ट भी कहते हैं. अगर आपको टेस्टोस्टेरॉन की कमी से जुड़ा कोई लक्षण महसूस हो रहा है, तो डॉक्टर से मिलें. वो आपका टेस्ट करेंगे. रिज़ल्ट के आधार पर आपको ज़रूरी सलाह देंगे और इलाज करेंगे. 

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: बिना वज़न बढ़े, चेहरा फूला हुआ क्यों लगता है?

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