फ्लू की वैक्सीन कैसे काम करती है? इसे लगवाने के बाद भी कई बार फ्लू क्यों हो जाता है?
किसी भी वैक्सीन का मकसद आपको उस बीमारी से बचाना होता है. फ्लू की वैक्सीन बाकी वैक्सीन की तरह ही काम करती हैं.

सर्दियां आ गईं. इसके साथ ही शुरू हो चुका है फ्लू सीज़न. हर साल सर्दियों में फ्लू के मामले बढ़ते हैं. लोगों को तेज़ बुखार, सिरदर्द, बदनदर्द होता है. नाक-गला जाम हो जाता है. लगातार खांसी आती है. गले में दर्द होता है. थकान होती है. बच्चों को उल्टियां आती हैं. दस्त लग जाते हैं. फ्लू अपने साथ ये सारी मुसीबतें लेकर आता है.
पिछले कुछ सालों से सर्दियां शुरू होने से पहले ही फ्लू के मामले रफ्तार पकड़ रहे हैं. इस बार तो हालत सच में खराब है.
जापान में फ्लू के 6 हज़ार से ज़्यादा मामले सामने आए हैं. वहां की सरकार ने तो इसे महामारी तक घोषित कर दिया है. यही हाल मलेशिया का भी है. वहां भी करीब 6 हज़ार बच्चों को फ्लू हो गया है. अभी सितंबर में दिल्ली-NCR में भी H3N2 फ्लू के मामले तेज़ी से बढ़े थे.
फ्लू से बचने के दो तरीके हैं. पहला- खुद का ख्याल रखना. दूसरा- फ्लू की वैक्सीन लगवाना. यानी फ्लू शॉट. आप साल में एक बार फ्लू की वैक्सीन लगवा सकते हैं. वैक्सीन का काम है, हमें उस बीमारी या इंफेक्शन से बचाना. लेकिन हर बार ऐसा नहीं होता. कभी-कभी फ्लू की वैक्सीन लगवाने के बाद भी लोगों को फ्लू हो जाता है. इसकी वजह क्या है, ये डॉक्टर से समझते हैं.
क्या फ्लू के लिए वैक्सीन उपलब्ध है?ये हमें बताया डॉक्टर विवेक नांगिया ने.

फ्लू के लिए बहुत असरदार और सुरक्षित वैक्सीन उपलब्ध हैं. जैसे कोरोनावायरस के कई प्रकार थे, वैसे ही फ्लू वायरस के भी कई प्रकार हैं. ये वायरस समय-समय पर खुद को बदलता रहता है, जिसे म्यूटेशन कहते हैं. H1N1, H3N2, H5N2 जैसे कई फ्लू वायरस हैं. WHO और दूसरी संस्थाएं पूरे साल मॉनिटर करती हैं कि दुनिया में कौन-सा फ्लू ज़्यादा फैल रहा है. इसी आधार पर हर साल नई वैक्सीन तैयार की जाती है. अभी जो नई वैक्सीन आई है, वह पिछले साल के वायरस को ध्यान में रखकर बनाई गई है. इसलिए ये वैक्सीन बहुत असरदार और सुरक्षित है.
फ्लू वैक्सीन कैसे काम करती है?फ्लू वैक्सीन बाकी वैक्सीन की तरह काम करती हैं. किसी भी वैक्सीन का मकसद आपको उस बीमारी से बचाना होता है. ये वैक्सीन शरीर में एंटीबॉडीज़ बनाने में मदद करती हैं. लगभग दो हफ्ते में शरीर में एंटीबॉडीज़ बनना शुरू हो जाती हैं. ये एंटीबॉडीज़ आपको फ्लू वायरस से बचाती हैं.

फ्लू वैक्सीन 70% से 90% तक असरदार होती है. यानी वैक्सीन लगने के बाद आपको गंभीर फ्लू नहीं होगा. लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि फ्लू बिल्कुल नहीं होगा. वैक्सीन से फ्लू होने का चांस कम हो जाता है. अगर फ्लू होता भी है तो लक्षण गंभीर नहीं होते. लेकिन कोई भी वैक्सीन 100% सुरक्षा नहीं देती. इसलिए खुद को बचाना ज़रूरी है.
जैसे बारिश में रेनकोट या छाता इस्तेमाल करने के बाद भी भीग सकते हैं, वैसे ही वैक्सीन भी पूरी सुरक्षा नहीं देती. देखा गया है कि अगर वैक्सीन लगने के बाद फ्लू होता है, तो वो हल्का होता है. फ्लू होने का चांस भी घट जाता है.
फ्लू का इलाजअगर किसी को फ्लू है, तो वो खुद को आइसोलेट कर ले. अपने दोस्तों, परिवार और कलीग्स से थोड़ी दूरी बनाकर रखें. खुद को हाइड्रेटेड रखें. पानी, दूध और जूस पीते रहें. बुखार उतारने के लिए पैरासिटामॉल ले सकते हैं. जुकाम, खांसी के लिए भी दवा ले सकते हैं. ये तब करें जब आप हेल्दी हों.
अगर आपको कोई दूसरी बीमारी है, या उम्र 65 से ज़्यादा है. बीपी, शुगर, दिल, फेफड़ों, किडनी की कोई बीमारी है. कैंसर है या कोई इम्यूनोथेरेपी चल रही है. तब आप ओसेल्टामिविर नाम की दवाई ले सकते हैं. जितनी जल्दी ये दवा शुरू करेंगे, उतना अच्छा असर होगा. इस दवा का कोर्स 5 दिनों का होता है.
कई बार फ्लू हल्का होता है. इसलिए जल्दी ठीक हो जाता है. लेकिन कभी-कभी ये गंभीर रूप ले लेता है. इसलिए अगर आपका बुखार उतर नहीं रहा. लक्षण गंभीर हो रहे हैं तो डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं. बिना डॉक्टर की सलाह के कोई दवा न लें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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