टैबलेट, इंजेक्शन, IV ड्रिप: दवाएं अलग-अलग तरीकों से क्यों दी जाती हैं, सबसे असरदार तरीका कौन सा?
आपने कभी सोचा है, हर दवा को देने का तरीका अलग क्यों होता है? कुछ दवाएं कैप्सूल, कुछ सिरप, कुछ इंजेक्शन तो कुछ IV के रूप में क्यों आती है?

सिर दर्द हुआ. पेट दर्द हुआ. या दस्त लग गए. तो आप क्या करते हैं? कोई गोली या कैप्सूल ले लेते हैं. कुछ घंटों या दिनों बाद आराम मिल जाता है. बीमारी ठीक हो जाती है. जब खांसी आती है तो सिरप पी लेते हैं. जब चोट लग जाती है या बहुत तेज़ दर्द उठता है तो डॉक्टर के पास जाते हैं. डॉक्टर इंजेक्शन लगाते हैं और कुछ समय बाद आराम मिल जाता है. वहीं इमरजेंसी केसेस में Intravenous (IV) से दवा दी जाती है.
आपने कभी सोचा है, हर दवा को देने का तरीका अलग क्यों होता है? कुछ दवाएं कैप्सूल, कुछ सिरप, कुछ इंजेक्शन तो कुछ IV ड्रिप के रूप में क्यों दी जाती हैं?
आज डॉक्टर से जानेंगे टैबलेट, कैप्सूल जैसी ओरल दवाएं कैसे काम करती हैं? सिरप जैसी लिक्विड दवाएं कैसे काम करती हैं? इंजेक्शन और IV कैसे काम करते हैं? और इन सब में से सबसे असरदार तरीका कौन-सा है और क्यों?
टैबलेट, कैप्सूल जैसी ओरल दवाएं कैसे काम करती हैं?ये जानेंगे डॉ. प्रशांत सिन्हा से.

कैप्सूल एक खोल जैसा होता है, जिसके अंदर दवा भरी जाती है. इससे दवा का कड़वापन मरीज़ को महसूस नहीं होता. जब कैप्सूल पेट में पहुंचता है, तो उसकी बाहरी परत घुल जाती है. इसके बाद दवा आंतों तक जाती है और वहां असर करना शुरू करती है. टैबलेट दवाई का कंप्रेस्ड रूप होती है. ये मुंह के रास्ते पेट में जाती है और वहां टूटकर आंतों तक पहुंचती है. दवाई का कुछ हिस्सा पेट में ही एब्ज़ॉर्ब हो जाता है. बाकी हिस्सा आंतों में जाकर अपना असर दिखाता है.
सिरप जैसी लिक्विड दवाएं कैसे काम करती हैं?सिरप दवाई का लिक्विड रूप होता है. ये दवाई देने का आसान और असरदार तरीका है. बच्चों और बुज़ुर्गों के लिए सिरप ज़्यादा फायदेमंद है. क्योंकि उन्हें टैबलेट या कैप्सूल निगलने में दिक्कत होती है. ऐसे में सिरप दवा को शरीर तक पहुंचाने का बेहतरीन ज़रिया है. इसका असर भी मरीज़ों में जल्दी होता है.
इंजेक्शन कैसे काम करते हैं?आमतौर पर तीन तरह के इंजेक्शन दिए जाते हैं. पहला होता है IV इंजेक्शन, जो सीधे नसों में लगाया जाता है. दूसरा है इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन, जिसे मांसपेशियों में दिया जाता है. तीसरा है सबक्यूटेनियस इंजेक्शन, जो चमड़ी के नीचे चर्बी पर लगाया जाता है.

- अगर तुरंत असर चाहिए, तो IV (नसों में दी जाने वाली दवा) सबसे कारगर और तेज़ तरीका है
- दूसरा है दवा को सीधे मांसपेशियों में पहुंचाना यानी इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन
- IV की तुलना में इंट्रामस्क्युलर इंजेक्शन थोड़ा देर से असर करते हैं
- तीसरा सबसे कारगर तरीका है सबक्यूटेनियस इंजेक्शन
- ये आमतौर पर कुछ खास दवाओं के लिए इस्तेमाल होता है और इसका असर थोड़ा देर से दिखता है
हर दवा के असर की स्पीड में फ़र्क होता है. पेशेंट की कंडीशन और ज़रूरत के हिसाब से डॉक्टर दवा देते हैं. दवा चाहे जिस भी रूप में ली जाए, ज़रूरी है दवा का पूरा कोर्स करना. अगर ऐसा नहीं किया गया तो दवा असर नहीं कर पाएगी और बीमारी ठीक नहीं होगी.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
वीडियो: सेहत: टैबलेट, इंजेक्शन या ड्रिप: कौन सी दवा सबसे जल्दी असर करती है?



